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हनुमानगढ़ में सब्जी विक्रेताओं का प्रदर्शन...आंदोलन की चेतावनी - जल संसाधन मंत्री रामप्रताप

हनुमानगढ़ में स्थाई सब्जी मंडी की मांग उठाते हुए 20 साल हो गए हैं, लेकिन आजतक रेहड़ी संचालकों और थोक सब्जी विक्रेताओं के लिए सरकार और प्रशासन किसी अस्थाई या स्थाई जगह का प्रबंध नहीं कर सका है. साथ ही इस निष्क्रियता और उदासीनता के चलते रेहड़ी संचालक इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. आए दिन उन्हें जगह-जगह से हटाया जा रहा है. वहीं, कोरोना के चलते रेहड़ी संचालकों की आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई है.

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सब्जी मंडी की रखी मांग
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Published : Jun 10, 2020, 1:39 PM IST

हनुमानगढ़. कोरोना से प्रभावित रेहड़ी संचालक जैसे-तैसे सब्जी बेच अपना और अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं. वहीं, रेहड़ी संचालकों को पुलिस और प्रशासन द्वारा यातायात व्यवस्था को देखते हुए जगह-जगह से हटाया जा रहा है. जिस पर गुस्साए रेहड़ी संचालकों ने हनुमानगढ़ जंक्शन के भगत सिंह चौक पर सब्जी की रेहड़ियों को सड़क पर पलट कर और सब्जी सड़क पर बिखेर कर विरोध-प्रदर्शन किया.

सब्जी विक्रेताओं ने किया प्रदर्शन

इस दौरान प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्होंने ने भी कोरोना महामारी में प्रशासन का काफी सहयोग किया था. साथ ही जान पर खेलकर कोरोना और कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में जाकर घर-घर सब्जी पहुंचाई थी, लेकिन सम्मान की बजाय उन्हें अब प्रताड़ित किया जा रहा है.

पढ़ेंः खबर का असर: बीमा के नाम पर ठगी के मामला, SP राशि डोगरा ने जांच कमेटी का किया गठन

साथ ही बताया कि जंक्शन के IDBI बैंक के पास रेहड़ियां लगा रखी थी, उनको हटवा दिया गया है. जिससे उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है, जिसे वे हरगिज सहन नहीं करेंगे. साथ ही चेतावनी दी है कि अभी तो हम सांकेतिक विरोध-प्रदर्श न कर रहे है, लेकिन प्रशासन ने अगर शुक्रवार तक रेहड़ियों को लगाने की अस्थाई या स्थायी जगह नहीं दी तो उग्र प्रदर्शन करेंगे.

गौरतलब है की नगरपरिषद द्वारा सब्जी मंडी के थोक विक्रेताओं को शहर से बाहर सब्जी मंडी के लिए और रेहड़ी संचालकों को शहर के अंदर जगह का आवंटन किया गया है. लेकिन दोनों ही जगहों का निर्माण कार्य लम्बे अरसे से लटका हुआ है. जिसके चलते रेहड़ी संचालकों को तो मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.

साथ ही मुख्य बाजार में रेहड़ियों के लगने से आये दिन बेसहारा पशु सड़कों पर विचरण करते रहते है. जिसके चलते काफी दुर्घटनाएं भी घटित हुई हैं. वहीं, रेहड़ियों की वजह से यातायात व्यवस्था भी प्रभावित होती है. जिससे आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

पढ़ेंः हनुमानगढ़ः जमीनी विवाद के चलते बुजुर्ग की हत्या

दो दशक यानी कि 20 साल पूर्व इस समस्या के समाधान के प्रयास चल रहे है. पिछली बीजेपी सरकार के कार्यकाल में पूर्व जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप ने इस समस्या को हल करने के प्रयास करते हुए शहर से बाहर नवां के पास नगरपरिषद से जगह का आवंटन करवा दिया गया था. लेकिन सत्ता जाते ही विकास कार्य पर एक बार फिर ब्रेक लग गए.

जिसके बाद भी शहर के लोग काफी बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत करवा चुके है. लेकिन मंडी समिति अध्यक्ष रामेश्वर चांवरिया का रटा-रटाया जवाब आता है कि शीघ्र ही बाईपास पर प्रस्तावित सब्जी मंडी का मामला सरकार को भेजकर बजट की मांग की जाएगी.

पढ़ेंः हनुमानगढ़: नशे में धुत युवकों ने पॉश कॉलोनी में मचाया उत्पात, घटना CCTV में कैद

अगर इन सभी समस्याओं के समाधान की बात करे तो मंडी समिति द्वारा जो थोक सब्जी विक्रेताओं के लिए शहर से बाहर जगह निर्धारित की गई है, वहां सुविधाओं के साथ निर्माण कर थोक विक्रेताओं को शहर से बाहर शिफ्ट करवाए. साथ ही रेहड़ी संचालकों के लिए जो शहर में जगह आवंटित है, उसे भी सुधार कर वहां रेहड़ियां लगवाई जाए.

हनुमानगढ़. कोरोना से प्रभावित रेहड़ी संचालक जैसे-तैसे सब्जी बेच अपना और अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं. वहीं, रेहड़ी संचालकों को पुलिस और प्रशासन द्वारा यातायात व्यवस्था को देखते हुए जगह-जगह से हटाया जा रहा है. जिस पर गुस्साए रेहड़ी संचालकों ने हनुमानगढ़ जंक्शन के भगत सिंह चौक पर सब्जी की रेहड़ियों को सड़क पर पलट कर और सब्जी सड़क पर बिखेर कर विरोध-प्रदर्शन किया.

सब्जी विक्रेताओं ने किया प्रदर्शन

इस दौरान प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्होंने ने भी कोरोना महामारी में प्रशासन का काफी सहयोग किया था. साथ ही जान पर खेलकर कोरोना और कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में जाकर घर-घर सब्जी पहुंचाई थी, लेकिन सम्मान की बजाय उन्हें अब प्रताड़ित किया जा रहा है.

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साथ ही बताया कि जंक्शन के IDBI बैंक के पास रेहड़ियां लगा रखी थी, उनको हटवा दिया गया है. जिससे उनकी रोजी-रोटी पर संकट आ गया है, जिसे वे हरगिज सहन नहीं करेंगे. साथ ही चेतावनी दी है कि अभी तो हम सांकेतिक विरोध-प्रदर्श न कर रहे है, लेकिन प्रशासन ने अगर शुक्रवार तक रेहड़ियों को लगाने की अस्थाई या स्थायी जगह नहीं दी तो उग्र प्रदर्शन करेंगे.

गौरतलब है की नगरपरिषद द्वारा सब्जी मंडी के थोक विक्रेताओं को शहर से बाहर सब्जी मंडी के लिए और रेहड़ी संचालकों को शहर के अंदर जगह का आवंटन किया गया है. लेकिन दोनों ही जगहों का निर्माण कार्य लम्बे अरसे से लटका हुआ है. जिसके चलते रेहड़ी संचालकों को तो मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.

साथ ही मुख्य बाजार में रेहड़ियों के लगने से आये दिन बेसहारा पशु सड़कों पर विचरण करते रहते है. जिसके चलते काफी दुर्घटनाएं भी घटित हुई हैं. वहीं, रेहड़ियों की वजह से यातायात व्यवस्था भी प्रभावित होती है. जिससे आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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दो दशक यानी कि 20 साल पूर्व इस समस्या के समाधान के प्रयास चल रहे है. पिछली बीजेपी सरकार के कार्यकाल में पूर्व जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप ने इस समस्या को हल करने के प्रयास करते हुए शहर से बाहर नवां के पास नगरपरिषद से जगह का आवंटन करवा दिया गया था. लेकिन सत्ता जाते ही विकास कार्य पर एक बार फिर ब्रेक लग गए.

जिसके बाद भी शहर के लोग काफी बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत करवा चुके है. लेकिन मंडी समिति अध्यक्ष रामेश्वर चांवरिया का रटा-रटाया जवाब आता है कि शीघ्र ही बाईपास पर प्रस्तावित सब्जी मंडी का मामला सरकार को भेजकर बजट की मांग की जाएगी.

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अगर इन सभी समस्याओं के समाधान की बात करे तो मंडी समिति द्वारा जो थोक सब्जी विक्रेताओं के लिए शहर से बाहर जगह निर्धारित की गई है, वहां सुविधाओं के साथ निर्माण कर थोक विक्रेताओं को शहर से बाहर शिफ्ट करवाए. साथ ही रेहड़ी संचालकों के लिए जो शहर में जगह आवंटित है, उसे भी सुधार कर वहां रेहड़ियां लगवाई जाए.

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