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हनुमानगढ़ : एक परिवार के 3 लोगों की आत्महत्या के मामले में 2 भाइयों को 10 साल की सजा - आत्महत्या का मामला

हनुमानगढ़ में 3 लोगों की आत्महत्या के मामले में कोर्ट ने 2 भाइयों सचिन खन्ना और विकास उर्फ विक्की खन्ना को 10 साल की सजा सुनाई है. मामला 4 जनवरी 2019 का है, जो कि सदर थाने में दर्ज करवाया गया था.

Hanumangarh News, Punishment to brothers, आत्महत्या का मामला
हनुमानगढ़ में 2 भाइयों को 10 साल की सजा
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Published : Dec 18, 2020, 7:40 PM IST

हनुमानगढ़. नाबालिग लड़की सहित एक ही परिवार के 3 लोगों की आत्महत्या के मामले में कोर्ट ने 2 भाइयों सचिन खन्ना और विकास उर्फ विक्की खन्ना को 10 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. फैसला पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश परामर आलम खान ने सुनाया, जबकि इस मामले में एक अभियुक्त बाल अपचारी होने के कारण बाल सुधार गृह में है.

पढ़ें: चूरू ACB की बड़ी कार्रवाई, कृषि उपज मंडी के सचिव और कनिष्ठ सहायक को घूस लेते रंगे हाथ दबोचा

मामला 4 जनवरी 2019 का है, जो कि सदर थाने में दर्ज करवाया गया था. नाबालिग के दादा ने मुकदमा दर्ज करवाते हुए बताया था कि गांव सहजीपुरा के सचिन, विक्की और एक अन्य युवक उनके घर पर रंगरोगन करने का काम पर लगे थे. इस दौरान तीनों युवक उसकी नाबालिग पोती को परेशान करने लगे. फ़ोन पर अश्लील बातें करने लगे. इतना ही नहीं आरोपियों ने बार-बार नाबालिग का फोटो वायरल कर बदनाम करने की धमकी दी, जिससे उसके परिजन तनाव में आ गए. इसके बाद उसका बेटा और उसकी पोती ने नहर में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली.

हनुमानगढ़ में 2 भाइयों को 10 साल की सजा

इस पर पुलिस ने तीनों युवकों के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मामला दर्ज किया था. आरोपियों की गुंडागर्दी यही नहीं रुकी. उन्होंने परिवार के 2 सदस्यों की मौत होने के बाद भी परिवार की महिला को जान से मारने की धमकी देते हुए बयान बदलने और केस वापस लेने के लिए भी धमकाया, जिससे परेशान होकर मृतकों की मां ने भी घर पर फांसी का फंदा लगाकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली. वहीं, इस मामले में एक ही परिवार के तीन सदस्य खत्म हो गए थे. हालांकि, इस मामले में परिवार के सदस्यों द्वारा आत्महत्या करने से पूर्व पंचायत और मुकदमे भी हुए थे. लेकिन, मुल्जिमों ने परिवार को परेशान करना नहीं छोड़ा. पंचायत सफल नहीं हुई थी और उस समय शुरुआती केस में कहीं ना कहीं पुलिस पर भी लापरवाही के आरोप लगे थे.

पढ़ें: धौलपुर में दहेज लोभियों ने विवाहिता और भाई पर लाठी-डंडों से किया हमला, तीन घायल

पुलिस ने जांच के बाद आरोपी सचिन खन्ना और विकास उर्फ विकी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया था, जबकि तीसरे को बाल अपचारी होने के कारण निरुद्ध कर बाल सुधार गृह भेज दिया गया था. इस मामले में मुस्तगिस के पैरवी अधिवक्ता पूर्ण सिंह जटाना ने की थी. राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने वाले वशिष्ठ लोक अभियोजक विनोद डूडी ने जानकारी देते हुए बताया कि न्यायालय ने आरोपी विक्की खन्ना और उसके भाई सचिन खन्ना को आईपीसी की धारा 305 में दोषी करार देकर दस साल कठोर कारावास की सजा सुनाई. 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया. इसके अलावा आईपीसी की धारा 306 में 7 साल, 354 में 2 साल, 506 में एक साल और पोक्सो एक्ट की धारा 11/12 में 2 साल की सजा सुनाई. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी.

नाबालिग लड़की, उसके पिता और माता के आत्महत्या करने के बाद परिवार में दंपति का एक नाबालिग बेटा ही बचा है. मृतक महिला की सगी बहन की शादी उसके देवर से करीब 15 साल पहले हुई थी. उनके कोई औलाद नहीं है. 2 भाइयों का ये परिवार बिना किसी गलती के पूरी तरह तबाह हो गया है. वहीं, एक घर के दो बेटे अब सलाखों के पीछे चले गए हैं.

हनुमानगढ़. नाबालिग लड़की सहित एक ही परिवार के 3 लोगों की आत्महत्या के मामले में कोर्ट ने 2 भाइयों सचिन खन्ना और विकास उर्फ विक्की खन्ना को 10 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. फैसला पोक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश परामर आलम खान ने सुनाया, जबकि इस मामले में एक अभियुक्त बाल अपचारी होने के कारण बाल सुधार गृह में है.

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मामला 4 जनवरी 2019 का है, जो कि सदर थाने में दर्ज करवाया गया था. नाबालिग के दादा ने मुकदमा दर्ज करवाते हुए बताया था कि गांव सहजीपुरा के सचिन, विक्की और एक अन्य युवक उनके घर पर रंगरोगन करने का काम पर लगे थे. इस दौरान तीनों युवक उसकी नाबालिग पोती को परेशान करने लगे. फ़ोन पर अश्लील बातें करने लगे. इतना ही नहीं आरोपियों ने बार-बार नाबालिग का फोटो वायरल कर बदनाम करने की धमकी दी, जिससे उसके परिजन तनाव में आ गए. इसके बाद उसका बेटा और उसकी पोती ने नहर में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली.

हनुमानगढ़ में 2 भाइयों को 10 साल की सजा

इस पर पुलिस ने तीनों युवकों के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मामला दर्ज किया था. आरोपियों की गुंडागर्दी यही नहीं रुकी. उन्होंने परिवार के 2 सदस्यों की मौत होने के बाद भी परिवार की महिला को जान से मारने की धमकी देते हुए बयान बदलने और केस वापस लेने के लिए भी धमकाया, जिससे परेशान होकर मृतकों की मां ने भी घर पर फांसी का फंदा लगाकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली. वहीं, इस मामले में एक ही परिवार के तीन सदस्य खत्म हो गए थे. हालांकि, इस मामले में परिवार के सदस्यों द्वारा आत्महत्या करने से पूर्व पंचायत और मुकदमे भी हुए थे. लेकिन, मुल्जिमों ने परिवार को परेशान करना नहीं छोड़ा. पंचायत सफल नहीं हुई थी और उस समय शुरुआती केस में कहीं ना कहीं पुलिस पर भी लापरवाही के आरोप लगे थे.

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पुलिस ने जांच के बाद आरोपी सचिन खन्ना और विकास उर्फ विकी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया था, जबकि तीसरे को बाल अपचारी होने के कारण निरुद्ध कर बाल सुधार गृह भेज दिया गया था. इस मामले में मुस्तगिस के पैरवी अधिवक्ता पूर्ण सिंह जटाना ने की थी. राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने वाले वशिष्ठ लोक अभियोजक विनोद डूडी ने जानकारी देते हुए बताया कि न्यायालय ने आरोपी विक्की खन्ना और उसके भाई सचिन खन्ना को आईपीसी की धारा 305 में दोषी करार देकर दस साल कठोर कारावास की सजा सुनाई. 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया. इसके अलावा आईपीसी की धारा 306 में 7 साल, 354 में 2 साल, 506 में एक साल और पोक्सो एक्ट की धारा 11/12 में 2 साल की सजा सुनाई. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी.

नाबालिग लड़की, उसके पिता और माता के आत्महत्या करने के बाद परिवार में दंपति का एक नाबालिग बेटा ही बचा है. मृतक महिला की सगी बहन की शादी उसके देवर से करीब 15 साल पहले हुई थी. उनके कोई औलाद नहीं है. 2 भाइयों का ये परिवार बिना किसी गलती के पूरी तरह तबाह हो गया है. वहीं, एक घर के दो बेटे अब सलाखों के पीछे चले गए हैं.

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