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मुआवजे को लेकर हनुमानगढ़ में किसानों का धरना 18वें दिन भी जारी, अब प्रशासन ने दिया ये जवाब - rajasthan

अपनी मांगों को लेकर हनुमानगढ़ जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे किसानों को लगातार 18 दिन हो चुके हैं. कई बार बातचीत हुई, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. इसके चलते किसानों ने स्पष्ट तौर पर चेतावनी दे रखी है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक वह यहां से नहीं उठेंगे. किसान अपनी भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं.

18 दिनों से धरना जारी
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Published : Jul 25, 2019, 6:21 PM IST

हनुमानगढ़. पंजाब के अमृतसर से लेकर गुजरात के जामनगर तक बनने वाले हाईवे नंबर 754 के लिए सरकार किसानों की कृषि भूमि अवाप्त कर रही है. लेकिन उसके बदले में किसानों को मुआवजा काफी कम दिया जा रहा है. इसके चलते किसान पिछले 18 दिनों से लगातार जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं.

किसानों ने अपने धरने के चलते कई बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का पुतला फूंक कर प्रदर्शन कर चुके हैं. इसके बाद प्रशासन के साथ वार्ता भी हुई, लेकिन वार्ता विफल रही. क्योंकि किसानों ने कहा कि वार्ता में प्रशासन मुआवजे की राशि नहीं बढ़ा रहा और उनकी मुख्य मांग यही है कि जब तक उनकी भूमि का उचित मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक वे यहां से नहीं उठेंगे. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रशासन को सिर्फ अपने परिवार की चिंता है, किसानों के परिवारों की कोई चिंता नहीं है. इसके चलते वे किसानों के मसले पर गंभीर नहीं हैं, लेकिन किसान भी अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं.

वहीं, किसानों से वार्ता के बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर अशोक असीजा का कहना है कि उन्होंने वार्ता में किसानों से बात की है कि उनके सामने जो समस्याएं आ रही हैं, जिस तरह से रस्ते को लेकर जो समस्या है, पानी को लेकर समस्या है उसको वे दूर करवाएंगे. साथ ही जो मुआवजा बढ़ाने की मांग है, इसके लिए वे कमेटी गठित कर सरकार को उनकी मांग भिजवाएंगे और जल्द ही उनकी समस्या को हल करवाने का प्रयास करेंगे.

18 दिनों से धरना जारी

किसानों की मानें तो बाजार भाव से 4 गुना ज्यादा दर के हिसाब से उनकी भूमि का मुआवजा मिलना चाहिए. लेकिन प्रशासन ने इस पर हाथ खड़े कर दिए हैं. अब एडीएम कमेटी गठित करने की बात कर रहे हैं. जिस तरह से पिछले 18 दिनों से लगातार किसान धरने पर बैठे हैं और उनकी सुनवाई नहीं हो रही, उसे साफ है कि प्रशासन किसानों के मसले पर गंभीर नहीं है. अब देखना होगा कि किसान उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होते हैं या फिर प्रशासन इस पर सुनवाई करता है.

हनुमानगढ़. पंजाब के अमृतसर से लेकर गुजरात के जामनगर तक बनने वाले हाईवे नंबर 754 के लिए सरकार किसानों की कृषि भूमि अवाप्त कर रही है. लेकिन उसके बदले में किसानों को मुआवजा काफी कम दिया जा रहा है. इसके चलते किसान पिछले 18 दिनों से लगातार जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं.

किसानों ने अपने धरने के चलते कई बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का पुतला फूंक कर प्रदर्शन कर चुके हैं. इसके बाद प्रशासन के साथ वार्ता भी हुई, लेकिन वार्ता विफल रही. क्योंकि किसानों ने कहा कि वार्ता में प्रशासन मुआवजे की राशि नहीं बढ़ा रहा और उनकी मुख्य मांग यही है कि जब तक उनकी भूमि का उचित मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक वे यहां से नहीं उठेंगे. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रशासन को सिर्फ अपने परिवार की चिंता है, किसानों के परिवारों की कोई चिंता नहीं है. इसके चलते वे किसानों के मसले पर गंभीर नहीं हैं, लेकिन किसान भी अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं.

वहीं, किसानों से वार्ता के बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर अशोक असीजा का कहना है कि उन्होंने वार्ता में किसानों से बात की है कि उनके सामने जो समस्याएं आ रही हैं, जिस तरह से रस्ते को लेकर जो समस्या है, पानी को लेकर समस्या है उसको वे दूर करवाएंगे. साथ ही जो मुआवजा बढ़ाने की मांग है, इसके लिए वे कमेटी गठित कर सरकार को उनकी मांग भिजवाएंगे और जल्द ही उनकी समस्या को हल करवाने का प्रयास करेंगे.

18 दिनों से धरना जारी

किसानों की मानें तो बाजार भाव से 4 गुना ज्यादा दर के हिसाब से उनकी भूमि का मुआवजा मिलना चाहिए. लेकिन प्रशासन ने इस पर हाथ खड़े कर दिए हैं. अब एडीएम कमेटी गठित करने की बात कर रहे हैं. जिस तरह से पिछले 18 दिनों से लगातार किसान धरने पर बैठे हैं और उनकी सुनवाई नहीं हो रही, उसे साफ है कि प्रशासन किसानों के मसले पर गंभीर नहीं है. अब देखना होगा कि किसान उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होते हैं या फिर प्रशासन इस पर सुनवाई करता है.

Intro:अपनी मांगों को लेकर हनुमानगढ़ जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे किसानों को लगातार 18 दिन हो चुके हैं कई बार वार्ताएं हुई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला इसके चलते किसानों ने स्पष्ट तौर पर चेतावनी दे रखी है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक वह यहां से नहीं उठेंगे किसान अपनी भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं


Body:पंजाब के अमृतसर से लेकर गुजरात के जामनगर तक बनने वाले हाईवे नंबर 754 के लिए सरकार किसानों की कृषि भूमि आवाप्त कर रही है लेकिन उसके बदले में किसानों को मुआवजा काफी कम दिया जा रहा है इसके चलते किसान पिछले 18 दिनों से लगातार जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं किसानों ने अपने धरने के चलते कई बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का पुतला फूंक चुके हैं प्रदर्शन कर चुके हैं इसके बाद प्रशासन के साथ वार्ता भी हुई लेकिन वार्ता विफल रही क्योंकि किसानों ने कहा कि वार्ता में प्रशासन मुआवजे की राशि नहीं बढ़ा रहा और उनकी मुख्य मांग यही है कि जब तक उनकी भूमिका उचित मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक वे यहां से नहीं उठेंगे किसानों का कहना है कि प्रशासन को सिर्फ अपने परिवार की चिंता है किसानों के परिवारों की कोई चिंता होने नहीं है इसके चलते वे किसानों के मसले पर गंभीर नहीं है लेकिन किसान भी अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है तब तक यहां से नहीं उठेंगे जब तक उनकी मांगे नहीं मान ली जाती

बाईट: सुखदेव सिंह,किसान

वहीं किसानों से वार्ता के बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर अशोक असीजा का कहना है कि उन्होंने वार्ता में किसानों से बात की है कि उनके सामने जो समस्याएं आ रही है जिस तरह से रस्ते को लेकर जो समस्या है पानी को लेकर जो समस्या है उसको वे दूर करवाएंगे साथ ही जो मुआवजा बढ़ाने की मांग है इसके लिए वे कमेटी गठित कर सरकार को उनकी मांग भिजवाएंगे और जल्द ही उनकी समस्या को हल करवाने का प्रयास करेंगे

बाईट: अशोक असीजा,ADM


Conclusion:जिस तरह से किसानों की प्रशासन के साथ जो वार्ता हुई है वह विफल रही है किसानों की या मुख्य मांग मुआवजा राशि बढ़ाने की है उनका कहना है कि बाजार भाव से 4 गुना दर के हिसाब से उनकी भूमि का मुआवजा मिलना चाहिए लेकिन प्रशासन ने इस पर हाथ खड़े कर दिए हैं अब वे कमेटी गठित करने की बात कर रहे हैं जिस तरह से पिछले 18 दिनों से लगातार किसान धरने पर बैठे हैं और उनकी सुनवाई नहीं हो रही उसे साफ है कि प्रशासन किसानों के मसले में गंभीर नहीं है अब देखना होगा कि किसान उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होते हैं या फिर प्रशासन की सुनवाई करता है
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