हनुमानगढ़. पंजाब के अमृतसर से लेकर गुजरात के जामनगर तक बनने वाले हाईवे नंबर 754 के लिए सरकार किसानों की कृषि भूमि अवाप्त कर रही है. लेकिन उसके बदले में किसानों को मुआवजा काफी कम दिया जा रहा है. इसके चलते किसान पिछले 18 दिनों से लगातार जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं.
किसानों ने अपने धरने के चलते कई बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का पुतला फूंक कर प्रदर्शन कर चुके हैं. इसके बाद प्रशासन के साथ वार्ता भी हुई, लेकिन वार्ता विफल रही. क्योंकि किसानों ने कहा कि वार्ता में प्रशासन मुआवजे की राशि नहीं बढ़ा रहा और उनकी मुख्य मांग यही है कि जब तक उनकी भूमि का उचित मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक वे यहां से नहीं उठेंगे. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रशासन को सिर्फ अपने परिवार की चिंता है, किसानों के परिवारों की कोई चिंता नहीं है. इसके चलते वे किसानों के मसले पर गंभीर नहीं हैं, लेकिन किसान भी अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं.
वहीं, किसानों से वार्ता के बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर अशोक असीजा का कहना है कि उन्होंने वार्ता में किसानों से बात की है कि उनके सामने जो समस्याएं आ रही हैं, जिस तरह से रस्ते को लेकर जो समस्या है, पानी को लेकर समस्या है उसको वे दूर करवाएंगे. साथ ही जो मुआवजा बढ़ाने की मांग है, इसके लिए वे कमेटी गठित कर सरकार को उनकी मांग भिजवाएंगे और जल्द ही उनकी समस्या को हल करवाने का प्रयास करेंगे.
किसानों की मानें तो बाजार भाव से 4 गुना ज्यादा दर के हिसाब से उनकी भूमि का मुआवजा मिलना चाहिए. लेकिन प्रशासन ने इस पर हाथ खड़े कर दिए हैं. अब एडीएम कमेटी गठित करने की बात कर रहे हैं. जिस तरह से पिछले 18 दिनों से लगातार किसान धरने पर बैठे हैं और उनकी सुनवाई नहीं हो रही, उसे साफ है कि प्रशासन किसानों के मसले पर गंभीर नहीं है. अब देखना होगा कि किसान उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होते हैं या फिर प्रशासन इस पर सुनवाई करता है.