हनुमानगढ़. कर्ज के बोझ में दबे किसान अपनी जीवनलाली समाप्त कर रहे है. ऐसे किसानों के लिए हनुमानगढ़ में एक समाजिक कार्यकर्ता बैंक के सामने धरने पर बैठा है. धरना प्रदर्शन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता शमशेर सिंह सरकार की नीतियों में बदलाव चाहता है. उसका कहना है कि जिस तरह से सरकार ने बैंक की नीतियां तय कर रखी है वह किसानों के लिए हितकारी नहीं है. ऐसे में किसान सिर्फ आत्महत्या को मजबूर होते हैं, ब्याज की जो दरें हैं वह काफी ज्यादा है.
शमशेर सिंह एक किसान के पक्ष में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस किसान ने बैंक से लोन लिया था. उसका जो ऋण का ब्याज है वह काफी अधिक है. ऐसे में किसान के पास अब आत्महत्या के सिवा कोई चारा नहीं है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकारी नीति में बदलाव करें. इसमें पक्ष और विपक्ष दोनों मिलकर एक ऐसी नीति तय करें. जिससे किसान को आत्महत्या ना करनी पड़े.
वहीं इस मामले में बैंक अधिकारियों का कहना है कि जो मांग शमशेर सिंह कर रहे हैं वह उनके स्तर की नहीं है. बैंक के ऋण की नीतियां सरकार के लेवल की बातें हैं. वे उन्हें इतनी सलाह दे सकते हैं कि अगर किसान ब्याज भरने में सक्षम नहीं है तो भी लोक अदालत का सहारा ले. वहां पर जैसा भी निर्णय होगा वह मानेंगे. साथ ही बैंक अधिकारी ने किसानों से अपील भी करते हैं कि जो ऋण लिया जाता है. उसको ऋण लेने के बाद समय पर उसका ब्याज भरें. जिससे कि किसानों को कोई समस्या न आए.