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कांग्रेस कार्यकर्ता की गिरफ्तारी के विरोध में पूर्व मंत्री ने थाने पर दिया धरना, वहीं बिस्तर लगाकर लेट गए

पूर्व मंत्री भरत सिंह मंगलवार रात को सीमलिया थाने के बाहर धरने पर बैठ गए. उन्होंने वहीं बिस्तर भी लगा लिया है.

Former minister Bharat Singh
पूर्व मंत्री भरत सिंह (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 15 hours ago

कोटा: पूर्व मंत्री भरत सिंह ने सीमलिया थाने के सामने रात को धरना दिया. वे वहीं पर बिस्तर लगाकर लेट गए. यह धरना कांग्रेस कार्यकर्ता महावीर कराड़िया की गिरफ्तारी के विरोध में दिया गया. भरत सिंह ने पुलिस प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है.

दरअसल, भरत सिंह कुंदनपुर ने रात को 8 बजे सीमलिया थाने पर मौजूद पुलिस कार्मिकों से बातचीत की. असंतुष्ट होने पर थाने के बाहर ही धरने पर बैठ गए. भरत सिंह के साथ कुछ ग्रामीण और आसपास के समर्थक भी पहुंच गए. वे परिसर में ही बिस्तर लगाकर लेट गए. गिरफ्तार किए गए महावीर मीणा कराड़िया की पत्नी व कांग्रेस की मंडल अध्यक्ष जया मीणा भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं. सीमलिया थाना अधिकारी रघुवीर सिंह का कहना है कि मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक कोटा रूरल राजेश ढाका कर रहे हैं. गिरफ्तारी उन्हीं के निर्देश पर हुई है.

पढ़ें: अवैध खनन की शिकायत लेकर एसपी और पूर्व विधायक में हॉट टॉक, ऑफिस के बाहर की नारेबाजी - hot talk between ex MLA and SP

पहले अशोक गहलोत और अब इस सरकार ने नहीं लिया उचित एक्शन: पूर्व मंत्री का कहना है कि इस मामले में पहले प्रमोद जैन भाया के दबाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फाइल को दबाए रखा. इस सरकार ने भी महावीर मीणा कराड़िया की शिकायत पर एक्शन नहीं लिया. मामले में महावीर कराड़िया को एससी-एसटी एक्ट के तहत मुआवजा मिल चुका है. बावजूद इसके शिकायत पर कार्रवाई नहीं की गई. महावीर मीणा कराड़िया के खिलाफ चालान की पेशकश कर आज उसे पूछताछ के लिए बुलाया और गिरफ्तार कर लिया. यह एकतरफा कार्रवाई है. वहीं दूसरी तरफ प्रियंका नंदवाना और अन्य लोगों के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है.

पढ़ें: भरत सिंह ने आईजी के खिलाफ किया प्रदर्शन, आरोप- अपराधियों को संरक्षण दे रही पुलिस

भाया और भरत सिंह के कार्यकर्ताओं के बीच हुआ था विवाद: मामले के अनुसार 2 साल पहले भाया और भरत सिंह के कार्यकर्ताओं के बीच हुआ विवाद हुआ था. इसमें खान की झोपड़ियां गांव के नजदीक अवैध खनन का मुद्दा उठाकर बारां और कोटा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झगड़ा हुआ था. इस मामले में महावीर मीणा कराड़िया ने बारां महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रियंका नंदवाना और अन्य के खिलाफ मारपीट और एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करवा दिया. जिसमें महावीर मीणा कराड़िया ने बताया था कि अवैध खनन की शिकायत के बाद इन लोगों ने रास्ता रोका और मारपीट कर गाली-गलौज की थी. इसी मामले में बारां की महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रियंका नंदवाना ने महावीर कराड़िया और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया था. ऐसे में दोनों मामलों में क्रॉस केस दर्ज हुआ था.

पढ़ें: नहीं थम रहा विवाद, अब भरत सिंह ने पूर्व मंत्री भाया को बता दिया दो कौड़ी का नेता

डीएसपी, कोटा रूरल राजेश ढाका का कहना है कि महावीर मीणा कराड़िया के खिलाफ दो मुकदमे थे. महावीर मीणा को थाने पर बुलाया गया था और उसे गिरफ्तार कर लिया. एक मामला जमानती था, उसमें जमानत मिल गई, जबकि दूसरे में गैर जमानती था. इसलिए उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा. इस मामले में सीआईडी सीबी ने जांच की है और अपराध प्रमाणित किया है. जिसके बाद ही कार्रवाई की गई. साथ ही उन्होंने कहा कि महावीर मीणा कराड़िया के दर्ज करवाए मुकदमे में भी कार्रवाई जरूर होगी, क्योंकि उसमें भी सीआईडी सीबी ने अपराध प्रमाणित माना है. यह लोग मांग कर रहे हैं कि दूसरी पक्ष के खिलाफ भी आज ही कार्रवाई की जाए. ऐसा संभव नहीं है. वह भी अपराधी है, ऐसे में उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा.

कोटा: पूर्व मंत्री भरत सिंह ने सीमलिया थाने के सामने रात को धरना दिया. वे वहीं पर बिस्तर लगाकर लेट गए. यह धरना कांग्रेस कार्यकर्ता महावीर कराड़िया की गिरफ्तारी के विरोध में दिया गया. भरत सिंह ने पुलिस प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है.

दरअसल, भरत सिंह कुंदनपुर ने रात को 8 बजे सीमलिया थाने पर मौजूद पुलिस कार्मिकों से बातचीत की. असंतुष्ट होने पर थाने के बाहर ही धरने पर बैठ गए. भरत सिंह के साथ कुछ ग्रामीण और आसपास के समर्थक भी पहुंच गए. वे परिसर में ही बिस्तर लगाकर लेट गए. गिरफ्तार किए गए महावीर मीणा कराड़िया की पत्नी व कांग्रेस की मंडल अध्यक्ष जया मीणा भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं. सीमलिया थाना अधिकारी रघुवीर सिंह का कहना है कि मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक कोटा रूरल राजेश ढाका कर रहे हैं. गिरफ्तारी उन्हीं के निर्देश पर हुई है.

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पहले अशोक गहलोत और अब इस सरकार ने नहीं लिया उचित एक्शन: पूर्व मंत्री का कहना है कि इस मामले में पहले प्रमोद जैन भाया के दबाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फाइल को दबाए रखा. इस सरकार ने भी महावीर मीणा कराड़िया की शिकायत पर एक्शन नहीं लिया. मामले में महावीर कराड़िया को एससी-एसटी एक्ट के तहत मुआवजा मिल चुका है. बावजूद इसके शिकायत पर कार्रवाई नहीं की गई. महावीर मीणा कराड़िया के खिलाफ चालान की पेशकश कर आज उसे पूछताछ के लिए बुलाया और गिरफ्तार कर लिया. यह एकतरफा कार्रवाई है. वहीं दूसरी तरफ प्रियंका नंदवाना और अन्य लोगों के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है.

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भाया और भरत सिंह के कार्यकर्ताओं के बीच हुआ था विवाद: मामले के अनुसार 2 साल पहले भाया और भरत सिंह के कार्यकर्ताओं के बीच हुआ विवाद हुआ था. इसमें खान की झोपड़ियां गांव के नजदीक अवैध खनन का मुद्दा उठाकर बारां और कोटा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झगड़ा हुआ था. इस मामले में महावीर मीणा कराड़िया ने बारां महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रियंका नंदवाना और अन्य के खिलाफ मारपीट और एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करवा दिया. जिसमें महावीर मीणा कराड़िया ने बताया था कि अवैध खनन की शिकायत के बाद इन लोगों ने रास्ता रोका और मारपीट कर गाली-गलौज की थी. इसी मामले में बारां की महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रियंका नंदवाना ने महावीर कराड़िया और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया था. ऐसे में दोनों मामलों में क्रॉस केस दर्ज हुआ था.

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डीएसपी, कोटा रूरल राजेश ढाका का कहना है कि महावीर मीणा कराड़िया के खिलाफ दो मुकदमे थे. महावीर मीणा को थाने पर बुलाया गया था और उसे गिरफ्तार कर लिया. एक मामला जमानती था, उसमें जमानत मिल गई, जबकि दूसरे में गैर जमानती था. इसलिए उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा. इस मामले में सीआईडी सीबी ने जांच की है और अपराध प्रमाणित किया है. जिसके बाद ही कार्रवाई की गई. साथ ही उन्होंने कहा कि महावीर मीणा कराड़िया के दर्ज करवाए मुकदमे में भी कार्रवाई जरूर होगी, क्योंकि उसमें भी सीआईडी सीबी ने अपराध प्रमाणित माना है. यह लोग मांग कर रहे हैं कि दूसरी पक्ष के खिलाफ भी आज ही कार्रवाई की जाए. ऐसा संभव नहीं है. वह भी अपराधी है, ऐसे में उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा.

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