हनुमानगढ़. प्रदेश में रोडवेज और लोक परिवहन की बसों में सफर करने वाले यात्री महफूज नहीं है. राजस्थान रोडवेज की बसों में नियमों को ताक पर रखकर अवैध रूप से सामान इधर से उधर पहुंचाया जा रहा है. सरकारी बसों में बेखौफ खुलेआम प्राइवेट कूरियर जैसा काम किया जा रहा है. इस अवैध धंधे में चालक और परिचालक की मिलीभगत है, जो अपनी जेब तो गर्म कर ही रहे हैं, साथ में यात्रियों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं. देखें ये खास रिपोर्ट
यात्रियों की जान पर भारी...
ईटीवी भारत ने हनुमानगढ़ जंक्शन के मुख्य बस स्टैंड पर जब पड़ताल की तो बड़ा गोलमाल सामने आया. अधिकतर रोडवेज और निजी बसों में कोई भी सामान बिना अधिकृत बुकिंग और बिना जांच-पड़ताल के बड़े पैमाने पर अवैध रूप से पहुंचाया जा रहा है. इस अवैध धंधे में चालक-परिचालक राजस्व को भी बड़ा झटका दे रहे हैं, वहीं पैसों के लालच में बिना जांच-पड़ताल के समान बस में रखकर यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ भी कर रहे हैं. क्योंकि, पैकेट्स में संभवत कोई भी विस्फोटक सामग्री भी हो सकती है.
तस्करी का बड़ा खेल!
इतना ही नहीं, जिस तरह से रोडवेज कर्मचारी बिना जांच किये किसी भी व्यक्ति का पैकेट को बस में रख लेते हैं, उन पैकेट्स के जरिये कोई भी मादक पदार्थ की तस्करी को भी अंजाम दिया जा सकता है. बता दें कि कुछ समय पहले जिले में ऐसा ही एक बड़ी तस्करी का मामला सामने आया था, जिसमें बस में पोस्त (मादक पदार्थ) भरा हुआ था.
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दूरी के हिसाब से रेट तय...
यूं तो दूरी के हिसाब से कर्मचारियों ने कूरियर रेट तय कर रखे हैं. हनुमानगढ़ से श्रीगंगानगर की दूरी 60 किलोमीटर का कूरियर चार्ज 50 रुपये है, लेकिन कई बार चालक-परिचालक और सामान देने वालों में मोलभाव भी देखने को मिल जाता है.
टैक्स से बचने का तरीका...
हनुमानगढ़ समेत कई जिलों में सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सरकारी बसों में अवैध सामान ढोने का काम बड़े पैमाने पर चल रहा है. पड़ताल में ये भी सामने आया कि कुछ व्यापारी ऐसे भी है, जिनका समान दूसरे जिलों से हर रोज आता है. इससे कहीं ना कहीं टैक्स चोरी को भी बढ़ावा मिल रहा है.
सामान लाना, ले जाना गलत...
इस पूरे प्रकरण में जब हनुमानगढ़ रोडवेज डिपो के मुख्य प्रबंधक रणधीर पूनिया से बात की, तो उन्होंने कहा कि रोडवेज की बसों में अवैध रूप से कूरियर ले जाना गलत है. ऐसा करना नियमों के खिलाफ है. ऐसा करने पर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
क्या है नियम ?
2005 में राज्य सरकार ने रोडवेज को घाटे से उबारने और राजस्व चोरी पर अंकुश लगाने के लिए सरकारी बसों में अवैध रूप से जाने वाले पार्सल, लगेज की जांच के लिए उड़नदस्ता टीम गठन किया गया था. नियमों के तहत रोडवेज बसों में अगर चालक या परिचालक के पास किसी प्रकार का लगेज या पार्सल बिना यात्री या टिकट के पाया गया, तो उस सामान को जब्त किया जाएगा. संबंधित व्यक्ति या फर्म पर बिना टिकट पार्सल भेजने सहित टैक्स चोरी का केस दर्ज कराया जाएगा. साथ ही, अवैध पार्सलों को फ्लाइंग दस्ता जब्त करेगा. पार्सल का क्लेम नहीं करने पर रोडवेज प्रशासन पार्सल की नीलामी करेगा. इसके साथ ही चालक और परिचालक के खिलाफ भी कार्रवाई तय की गई थी.