हनुमानगढ़. एक तरफ विश्व भर में तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जा रहा है और कोरोना के चलते सरकार की ओर से नशा रोकने के लिए काफी प्रयास भी किये जा रहे हैं. लेकिन हनुमानगढ़ स्वास्थ्य विभाग को सरकार के आदेशों की परवाह नहीं है, जिसका नतीजा ये है कि जिला मुख्यालय पर अधिकतर धूम्रपान विक्रेता बेखौफ बीड़ी, सिगरेट और गुटखा बेच रहे हैं और लोग खुले में नियमों को धुएं के छल्लों में उड़ाते नजर आए.
ऐसे ही विक्रेताओं और स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल ETV भारत की टीम ने खोली. शहर के लोगों ने टीम की सराहना करते हुए स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे लॉकडाउन के दौरान अधिकारियों की मिलीभगत से नशे के प्रतिबंधित समान की बिक्री हुई. अगर इक्का-दुक्का कार्रवाई हुई भी तो 'अंडर द टेबल' सब निपटा दिया गया.
पढ़ें- कोरोना काल में ‘ग्रेनाइट‘ ने खोई अपनी चमक, उद्यमियों के सामने खड़ा हुआ आर्थिक संकट
वहीं इस मामले पर जिम्मेदार अधिकारियों से बात की तो उनके वही रटे रटाए जवाब मिले कि टीम बना दी गई है. सख्त कार्रवाई की जाएगी. लेकिन हालात ये हैं कि सीएमएचओ के संज्ञान में लाने के बाद भी कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई, केवल कागजी बयानबाजी हुई.
पढ़ें- खोखले सरकारी दावे: क्वॉरेंटाइन सेंटर में दो वक्त की रोटी को तरसता जालोर का यह परिवार
गौरतलब है कि साल 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों की वजह से मृत्युदर में वृद्धि को देखते हुए इसे एक महामारी माना. इसके बाद पहली बार 7 अप्रैल 1988 को WHO की वर्षगांठ पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया. जिसके बाद हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर तम्बाकू के पाउच की जलाई होली
राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड स्थानीय संघ मुख्यालय पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. सामाजिक दूरी का पालन करते हुए प्रशिक्षण स्थल पर ले जाकर तंबाकू उत्पाद के पाउच और पैकेट को जलाकर नष्ट किया गया. इसी स्थान पर उपस्थित सभी लोगों को स्थानीय संघ ट्रेनिंग काउन्सलर मोतीराम महिचा ने तंबाकू व इससे निर्मित उत्पाद का जीवन में कभी भी सेवन नहीं करने की शपथ दिलाई.