हनुमानगढ. मामला जिले के मुख्य बस स्टैंड (hanumangarh bus stand) के पास स्थित शराब ठेके का है, जहां पर ठेकेदार का सेल्समैन बेखौफ पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में अवैध रूप से शराब की बिक्री करते हैं. इसे पुलिसकर्मियों का संरक्षण कहें तो कोई गलत नहीं होगा, क्योकि शराब की ये अवैध रूप से बिक्री बस स्टैंड के पास स्थित उस शराब ठेके पर हो रही है, जहां दिन भर पुलिस शराब ठेके से मात्र 5 से 7 मीटर की दूरी पर ड्यूटी पर तैनात रहती है. ऐसा ही कुछ मंजर कैद हुआ Etv Bharat के कैमरे में.
पहली बात तो लॉकडाउन में सरकार द्वारा शराब की दुकानों की समय सीमा तय की गई है, इसके बावजूद ठेकाकर्मी दिन भर शराब बेचते हैं. लेकिन पुलिस मूक दर्शक बन ये सब देखती रहती है. और दूसरी बात कि पुलिस की ड्यूटी है, कि लॉकडाउन में कोई बेवजह सड़कों पर नहीं घूमें, लेकिन सेल्समैन दिन-रात शराब बेचता है. यहाँ शराब खरीदने वालों का जमावड़ा लगा रहता है. फिर भी पुलिसकर्मी इनसे ये तक पूछने की हिम्मत नहीं करते हैं, कि ये लोग यहां दिन भर क्यों खड़े रहते हैं.
एक बात तो साफ है कि या तो पुलिस की इनसे मिलीभगत है, या फिर ठेकेदारों का कोई दबाव. लेकिन ऐसा मामला सामने आने पर पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल जरूर खड़े होते हैं.
कानून के सामने ही कायदे हो रहे तार-तार
हमने जब मौंके पर मौजूद पुलिसकर्मियों व एसडीएम (sdm hanumangarh) से मामले में सवाल पूछे तो पुलिसकर्मी इस बात से अनजान बनते नजर आए. और एसडीएम कपिल यादव (sdm kapil yadav) का कहना था कि आबकारी विभाग को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा. जबकि एसडीएम स्वयं इतने सक्षम है कि मौंके पर कार्रवाई कर सकते थे.
अवैध शराब बिक्री का मामला मीडिया के जरिये काफी बार जिला कलेक्टर,एसपी व आबकारी के अधिकारियों के संज्ञान में भी लाया जा चुका है. लेकिन नतीजा वही "ढाक के तीन पात" व अवैध बिक्री बदस्तूर जारी है. कानून कायदों का पालन करवाने वालो के ही सामने ही यहां कायदे तार-तार हो रहे हैं. हमने संगरिया मार्ग पर खुलेआम अवैध रूप से दीवार छेदकर चोरी से वो भी बिना मास्क के शराब बेचते युवक से पूछा तो मारे बौखलाहट के वो झूठ पर झूठ बोलता नजर आया.
यही नजारा संगरिया मार्ग के टैक्सी स्टैंड के पास देखने को मिला जहां सेल्समैन बेखौफ चोर खिड़की से शराब बेचता नजर आया. लेकिन जैसे 'Etv Bharat' ने कवरेज (Coverage) के लिए कैमरा ON किया तो सेल्समैन सहित सब इधर-उधर बिखर गए. वहीं यातायात पुलिसकर्मी वर्दी में शराब खरीदते भी दिखे. इतना ही नहीं शराब के ठेकों के आसपास पियक्कड़ सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीते रहते है. जिससे आने-जाने वाले राहगीरों खासकर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है.
सवाल ये है कि पुलिस इन ठेकेदारों के आगे नतमस्तक क्यों है? सवाल आबकारी विभाग (Excise Department) व प्रशासन पर भी उठ रहे हैं, कि शहर के उस मुख्य स्थल पर हर समय चोर खिड़की से शराब की बिक्री हो रही है जहां हर समय अधिकारियों की आवाजाही रहती है.
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जिस तरह से ठेकेदार मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां तो उड़ा ही रहे है,और जिम्मेदार विभाग भी मूक दर्शक बने हुए हैं. वहीं इस अवैध बिक्री से आमजन में भी आक्रोश है. उनका कहना है कि जहां लॉकडाउन के चलते सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहते हैं. और आम आदमी घर से कोई काम के लिए भी निकलता है तो उसका चलान काट दिया जाता है या धमकाकर घर भेज दिया जाता है,
गरीब रेहड़ी संचालको पर डंडे तक बरसा दिए जाते हैं. लगता है सरकार एंव प्रशासन ने इन ठेकेदारों को कोई विशेष छूट दे रखी है. लोगों का तो यहां तक कहना है कि ये अवैध शराब बिक्री का धंधा तब से ही चल रहा है, जब से सरकार ने रात्रि 8 बजे के बाद शराब बन्द के आदेश जारी किए है. यानी आज तक सरकारी आदेशों का पालन नहीं किया गया है.