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हनुमानगढ़: सरकारी रेट पर नरमे की फसल की खरीद नहीं होने पर किसानों का धरना जारी, सरकार को दी ये चेतावनी

सरकारी मूल्य पर नरमे की फसल की खरीद नहीं होने से किसानों का जंक्शन धान मंडी में चल रहा धरना जारी है. इस दौरान किसानों ने मंडी समिति का घेराव करने और एक बड़ा आंदोलन करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि जब तक 5450 रुपए मूल्य के हिसाब से नरमे की फसल की खरीद नहीं होती है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

किसानों का प्रदर्शन, Farmers demonstration
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Published : Oct 12, 2019, 7:10 PM IST

हनुमानगढ़. जिले में नरमे की फसल की सरकारी खरीद नहीं होने के कारण किसानों का पिछले 3 दिनों से जंक्शन धान मंडी में चल रहा धरना शनिवार को भी जारी रहा. किसानों का आरोप है कि सरकारी खरीद का जो न्यूनतम मूल्य है वह 5450 रुपए है लेकिन सरकार इस मूल्य पर खरीद नहीं कर रही है. जिसको लेकर किसानों में सरकार के प्रति रोष व्याप्त है.

नरमे की फसल को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन

किसानों ने क्या बताया

इस दौरान धरने पर बैठे किसानों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि हनुमानगढ़ की अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में संगरिया और पीलीबंगा का मूल्य अलग- अलग है. जबकि हनुमानगढ़ की धान मंडी का मूल्य अलग है. जिसके कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि इससे पहले सरकारी विभाग की ओर से यह कहा जाता रहा है कि फसल में नमी है जिससे फसलों की खरीद नहीं की जा रही थी.

पढ़ें. झालावाड़: 12 दिनों में दूसरी बार चोरों ने स्कूल पोषाहार को बनाया निशाना, 900 किलो गेंहू व 200 किलो चावल चोरी

उन्होंने बताया कि अब वर्तमान समय में फसलों का जो न्यूनतम मूल्य है उसके हिसाब से खरीद नहीं की जा रही है. इस दौरान किसानों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसानों को बर्बाद करने में तुली है. उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है और न ही किसानों की पीड़ा जानने में कोई दिलचस्पी है.

बड़े आंदोलन की दी धमकी

ईटीवी भारत से बात करते हुए रामपाल नाम के किसान ने सरकार को चेताते हुए कहा कि सभी किसान भाईयों ने तय कर लिया है कि वह मंगलवार को मंडी समिति का घेराव करेंगे. इसके लिए उन्होंने गांव-गांव प्रचार करने की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर उनके फसलों की खरीद नहीं होती है तो वह एक बड़ा आंदोलन करेंगे. इसके लिए रणनीति तय की जा रही है.

पढ़ें. एसीबी की बड़ी कार्रवाई, रीको सेक्शन अधिकारी को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते किया ट्रैप

बता दें कि, 3 दिनों के इस धरने में कई बार वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक ₹5450 के मूल्य के हिसाब से खरीद नहीं होती है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

हनुमानगढ़. जिले में नरमे की फसल की सरकारी खरीद नहीं होने के कारण किसानों का पिछले 3 दिनों से जंक्शन धान मंडी में चल रहा धरना शनिवार को भी जारी रहा. किसानों का आरोप है कि सरकारी खरीद का जो न्यूनतम मूल्य है वह 5450 रुपए है लेकिन सरकार इस मूल्य पर खरीद नहीं कर रही है. जिसको लेकर किसानों में सरकार के प्रति रोष व्याप्त है.

नरमे की फसल को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन

किसानों ने क्या बताया

इस दौरान धरने पर बैठे किसानों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि हनुमानगढ़ की अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में संगरिया और पीलीबंगा का मूल्य अलग- अलग है. जबकि हनुमानगढ़ की धान मंडी का मूल्य अलग है. जिसके कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि इससे पहले सरकारी विभाग की ओर से यह कहा जाता रहा है कि फसल में नमी है जिससे फसलों की खरीद नहीं की जा रही थी.

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उन्होंने बताया कि अब वर्तमान समय में फसलों का जो न्यूनतम मूल्य है उसके हिसाब से खरीद नहीं की जा रही है. इस दौरान किसानों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसानों को बर्बाद करने में तुली है. उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है और न ही किसानों की पीड़ा जानने में कोई दिलचस्पी है.

बड़े आंदोलन की दी धमकी

ईटीवी भारत से बात करते हुए रामपाल नाम के किसान ने सरकार को चेताते हुए कहा कि सभी किसान भाईयों ने तय कर लिया है कि वह मंगलवार को मंडी समिति का घेराव करेंगे. इसके लिए उन्होंने गांव-गांव प्रचार करने की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर उनके फसलों की खरीद नहीं होती है तो वह एक बड़ा आंदोलन करेंगे. इसके लिए रणनीति तय की जा रही है.

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बता दें कि, 3 दिनों के इस धरने में कई बार वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक ₹5450 के मूल्य के हिसाब से खरीद नहीं होती है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

Intro:हनुमानगढ़ जंक्शन में नरमे की फसल की सरकारी खरीद नहीं होने के कारण किसान पिछले 3 दिनों से जंक्शन धान मंडी में धरने पर बैठे हैं किसानों का आरोप है कि सरकारी खरीद का जो न्यूनतम मूल्य है 5450 रुपए है बावजूद इसके सरकार इस मूल्य पर खरीद नहीं कर रही है Body:हनुमानगढ़ की अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में चाहे संगरिया हो पीलीबंगा हो वहां का मूल्य अलग है और हनुमानगढ़ की धान मंडी का मूल्य अलग है इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है पहले सरकारी विभाग द्वारा फसल में नमी का बहाना लगाकर खरीद नहीं की जा रही थी और अब जो न्यूनतम मूल्य है उसके हिसाब से खरीद नहीं की जा रही है कुल मिलाकर सरकार किसान को बर्बाद करने पर तुली है उन्हें कोई मतलब नहीं है किसान की पीड़ा से लेकिन किसानों ने भी अब तय कर लिया है कि वह मंगलवार को चक्का जाम करेंगे अगर उनकी फसल की खरीद नहीं होती है तो एक बड़ा आंदोलन भी वे कर सकते हैं इसके लिए रणनीति तय की जा रही है
बाईट रामपाल,किसान
बाईट रामेश्वर वर्मा,किसान नेता
Conclusion:हालांकि 3 दिनों के इस धरने में कई बार वार्ता हो चुकी है लेकिन वार्ता अभी तक सिरे नहीं चढ़ सकी है किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सो ₹5450 के मूल्य के हिसाब से खरीद नहीं होती है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा अब देखना होगा कि इस चेतावनी के बाद में यहां का प्रशासन या सरकार इनकी सुध लेती है या नहीं
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