हनुमानगढ़. जिले में नरमे की फसल की सरकारी खरीद नहीं होने के कारण किसानों का पिछले 3 दिनों से जंक्शन धान मंडी में चल रहा धरना शनिवार को भी जारी रहा. किसानों का आरोप है कि सरकारी खरीद का जो न्यूनतम मूल्य है वह 5450 रुपए है लेकिन सरकार इस मूल्य पर खरीद नहीं कर रही है. जिसको लेकर किसानों में सरकार के प्रति रोष व्याप्त है.
किसानों ने क्या बताया
इस दौरान धरने पर बैठे किसानों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि हनुमानगढ़ की अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में संगरिया और पीलीबंगा का मूल्य अलग- अलग है. जबकि हनुमानगढ़ की धान मंडी का मूल्य अलग है. जिसके कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों ने बताया कि इससे पहले सरकारी विभाग की ओर से यह कहा जाता रहा है कि फसल में नमी है जिससे फसलों की खरीद नहीं की जा रही थी.
उन्होंने बताया कि अब वर्तमान समय में फसलों का जो न्यूनतम मूल्य है उसके हिसाब से खरीद नहीं की जा रही है. इस दौरान किसानों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसानों को बर्बाद करने में तुली है. उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है और न ही किसानों की पीड़ा जानने में कोई दिलचस्पी है.
बड़े आंदोलन की दी धमकी
ईटीवी भारत से बात करते हुए रामपाल नाम के किसान ने सरकार को चेताते हुए कहा कि सभी किसान भाईयों ने तय कर लिया है कि वह मंगलवार को मंडी समिति का घेराव करेंगे. इसके लिए उन्होंने गांव-गांव प्रचार करने की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर उनके फसलों की खरीद नहीं होती है तो वह एक बड़ा आंदोलन करेंगे. इसके लिए रणनीति तय की जा रही है.
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बता दें कि, 3 दिनों के इस धरने में कई बार वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक ₹5450 के मूल्य के हिसाब से खरीद नहीं होती है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.