हनुमानगढ़. कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को राजस्थान में धार देने के लिए किसान नेताओं व विपक्षी पार्टियों का हनुमानगढ व पड़ोसी जिले श्रीगंगानगर में आना शुरू हो गया है. अलग-अलग जगहों पर किसान नेताओं ने सभाओं का आयोजन किया. आंदोलन की इसी कड़ी में आज 8 फरवरी को किसान नेता व हरियाणा भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी हनुमानगढ पहुंचे. उन्होंने हजारों की संख्या में आए किसानों को सबोंधित किया और एकजुट होने के लिए कहा.
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गुरनाम सिंह ने अधिक से अधिक किसानों से दिल्ली पहुंचने की अपील की. कांग्रेस की तरफ से कोई विधायक या वरिष्ठ नेता इस सभा का हिस्सा नहीं रहा. जब उनसे किसान नेता राकेश टिकैत के 2 अक्टूबर तक सरकार को समय देने के बयान के बारे में पूछा तो उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि वो मजाक कर रहे होंगे. क्योंकि अगर सरकार 2 अक्टूबर तक कानून वापस नहीं लेती है तो क्या आंदोलन खत्म कर देंगे वो. किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को लाल किले पर हुई घटना के सवाल पर उन्होंने कहा कि उस घटना को लेकर उन्हें बहुत खेद है.
उन्होंने कहा कि उनका मकसद लाल किले पर जाना बिल्कुल नहीं था. धार्मिक झंडा फहराना तो बिल्कुल नहीं. ये सब सरकार की साजिश है. हलांकि अपने ऊपर हुए मुकदमों के सवाल पर उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि पचासों मुकदमे हैं. एक उम्र कम पड़ेगी और सरकार, पुलिस चाहे तो उन्हें गिरफ्तार कर ले. लेकिन वो आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे.