हनुमानगढ़. हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी यूं तो पोस्ट कॉलोनी में आती है, लेकिन जो इस के हालात हैं वह किसी कच्ची बस्ती से कम नहीं हैं. यहां की गलियों में लंबे समय से कचरा पसरा हुआ है. यहां कचरे के ढेर लगे हुए हैं और सड़कें, नालियां टूटी हुई हैं. स्थिति यह है कि लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है.
बावजूद इसके नगर परिषद का इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं है. लोगों ने कई बार इसके लिए ज्ञापन सौंपा, बावजूद इसके सफाई कर्मियों को यहां नहीं भेजा जा रहा है. या यूं कहें कि सफाई कर्मी यहां नहीं आ रहे हैं. लोगों की मानें तो कचरे के कारण उनका घर से निकलना दूभर हो रहा है. कचरे से मक्खी, मच्छर फैल रहे हैं, बीमारियां फैल रही हैं लेकिन कोई सुनवाई करने वाला नहीं है.
वहीं, दूसरी ओर इस मामले में नगर परिषद आयुक्त कहना है कि वे नियमित रूप से कॉलोनियों की सफाई करवा रहे हैं. हाउसिंग बोर्ड में लगातार सफाई कर्मी जाते हैं और ऐसी कोई बात नहीं है कि सफाई-व्यवस्था खराब हो. उन्होंने सड़कों के निर्माण करवाए हैं, मात्र एक सड़क का टेंडर बाकी है जो जल्द लगवा दिया जाएगा.
हालांकि नगर परिषद आयुक्त ने जो बयान दिया है वह सच्चाई से मेल नहीं खा रहा है. क्योंकि जिस तरह से कॉलोनी में कचरा पसरा हुआ है उसे देख साफ कहा जा सकता है कि कॉलोनी में कई महीनों से सफाई नहीं हुई है. शहर की सड़कें जो लगभग सारी टूटी हुई हैं और आयुक्त का कहना है कि मात्र एक सड़क का निर्माण बाकी है. जिसे देखते हुए ये कहा जा सकता है कि या तो नगर परिषद आयुक्त झूठ बोल रहे हैं या फिर उनको पता ही नहीं कि इस शहर के हालात क्या हैं.