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हिन्दी मीडियम गर्ल्स स्कूल को इंग्लिश करने के आदेश से छात्राओं में आक्रोश, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

जहां सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था कि छात्रों के स्कूलों को इंग्लिश मीडियम कर दिया जाए. वहीं सरकार ने इनके स्कूलों को न करके छात्राओं के स्कूल को इंग्लिश मीडियम करने का प्रस्ताव भेज दिया. इसको लेकर शनिवार को छात्राओं ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है.

हनुमानगढ़ की छात्राओं में आक्रोश
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Published : Jun 15, 2019, 8:24 PM IST

हनुमानगढ़. शहर में स्थित माध्यमिक कन्या विद्यालय को इंग्लिश मीडियम करने का सरकार ने आदेश पारित किया है. इस आदेश से छात्राओं को अपने भविष्य को लेकर चिंताएं सताने लगी है. उनका कहना है कि हिंदी मीडियम को अगर इंग्लिश मीडियम कर दिया जाएगा तो वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सकेंगी, उनका भविष्य खतरे में पड़ जाएगा.

सरकार के इस आदेश के बाद हनुमानगढ़ की छात्राओं में आक्रोश

इसको लेकर शनिवार को छात्राएं और उनके अभिभावक जिला कलेक्टर से मिले. मांग कि गई कि सरकार ने जिन हिंदी मीडियम स्कूल को इंग्लिश मीडियम करने का निर्णय लिया है, उसे वापस लिया जाए, यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें मजबूरी में आंदोलन करना पड़ेगा.

गौरतलब हो कि सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था की छात्रों के स्कूल को इंग्लिश मीडियम कर दिया जाए. लेकिन सरकार ने छात्रों के स्कूल को इंग्लिश मीडियम करने का फैसला लिया और आदेश पारित कर दिया. इस आदेश के आते ही छात्राओं में चिंता बढ़ गई. उनके अभिभावकों को उनके भविष्य को लेकर चिंता बढ़ गई.

उनका कहना है कि सरकार चाहे तो दूसरे स्कूलों को इंग्लिश मीडियम कर सकती है. लेकिन वह नहीं चाहेंगे की जो स्कूल बढ़िया तरीके से चल रहा है. जहां का परिणाम अच्छा आ रहा है, छात्राओं को पूरी सुविधाएं दी जा रही हैं. उसे इंग्लिश मीडियम करके छात्राओं के भविष्य को अंधकार में न डाला जाए. इसलिए वे सरकार से मांग करते हैं कि सरकार ने जो निर्णय लिया है उसे बदला जाए. इस संबंध में उन्होंने जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन को ज्ञापन दिया और मांग की कि जल्द ही सरकार अपने आदेश वापस ले.

हालांकि जिला कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि वे इस बाबत सरकार से बात करेंगे. जो निर्णय सरकार ने लिया है उस पर गौर करने के लिए दरख्वास्त करेंगे. वह हरगिज नहीं चाहेंगे कि छात्राओं का भविष्य खराब हो. इसके लिए कोई न कोई व्यवस्था जरूर करेंगे.

हनुमानगढ़. शहर में स्थित माध्यमिक कन्या विद्यालय को इंग्लिश मीडियम करने का सरकार ने आदेश पारित किया है. इस आदेश से छात्राओं को अपने भविष्य को लेकर चिंताएं सताने लगी है. उनका कहना है कि हिंदी मीडियम को अगर इंग्लिश मीडियम कर दिया जाएगा तो वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सकेंगी, उनका भविष्य खतरे में पड़ जाएगा.

सरकार के इस आदेश के बाद हनुमानगढ़ की छात्राओं में आक्रोश

इसको लेकर शनिवार को छात्राएं और उनके अभिभावक जिला कलेक्टर से मिले. मांग कि गई कि सरकार ने जिन हिंदी मीडियम स्कूल को इंग्लिश मीडियम करने का निर्णय लिया है, उसे वापस लिया जाए, यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें मजबूरी में आंदोलन करना पड़ेगा.

गौरतलब हो कि सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था की छात्रों के स्कूल को इंग्लिश मीडियम कर दिया जाए. लेकिन सरकार ने छात्रों के स्कूल को इंग्लिश मीडियम करने का फैसला लिया और आदेश पारित कर दिया. इस आदेश के आते ही छात्राओं में चिंता बढ़ गई. उनके अभिभावकों को उनके भविष्य को लेकर चिंता बढ़ गई.

उनका कहना है कि सरकार चाहे तो दूसरे स्कूलों को इंग्लिश मीडियम कर सकती है. लेकिन वह नहीं चाहेंगे की जो स्कूल बढ़िया तरीके से चल रहा है. जहां का परिणाम अच्छा आ रहा है, छात्राओं को पूरी सुविधाएं दी जा रही हैं. उसे इंग्लिश मीडियम करके छात्राओं के भविष्य को अंधकार में न डाला जाए. इसलिए वे सरकार से मांग करते हैं कि सरकार ने जो निर्णय लिया है उसे बदला जाए. इस संबंध में उन्होंने जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन को ज्ञापन दिया और मांग की कि जल्द ही सरकार अपने आदेश वापस ले.

हालांकि जिला कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि वे इस बाबत सरकार से बात करेंगे. जो निर्णय सरकार ने लिया है उस पर गौर करने के लिए दरख्वास्त करेंगे. वह हरगिज नहीं चाहेंगे कि छात्राओं का भविष्य खराब हो. इसके लिए कोई न कोई व्यवस्था जरूर करेंगे.

Intro:हिंदी मीडियम को इंग्लिश मीडियम करने का विरोध
सरकार के आदेशों के बाद छात्राओं में आक्रोश
जिला कलेक्टर को छात्राओं ओर अभिभावकों ने सौंपा ज्ञापन

हनुमानगढ़ जंक्शन के राज्य के माध्यमिक कन्या विद्यालय को इंग्लिश मीडियम करने का सरकार ने आदेश पारित किया है इस आदेश के पारित होने के साथ ही छात्राओं को अपने भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है उनका कहना है कि हिंदी मीडियम को अगर इंग्लिश मीडियम कर दिया जाएगा तो वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सकेंगे और उनका भविष्य खतरे में पड़ जाएगा इसी चिंता को लेकर आज छात्राएं और उनके अभिभावक जिला कलेक्टर से मिले और मांग की है कि सरकार ने जो हिंदी मीडियम स्कूल को इंग्लिश मीडियम करने का निर्णय लिया है उसे वापस लिया जाए नहीं तो हो सकता है मजबूरी में उन्हें आंदोलन भी करना पड़े


Body:गौरतलब है कि सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था कि छात्रों के स्कूल को इंग्लिश मीडियम कर दिया जाए लेकिन सरकार ने छात्रों के स्कूल को इंग्लिश मीडियम करने का फैसला किया और आदेश पारित कर दिया इस आदेश के आते ही छात्राओं में चिंता बढ़ गई उनके अभिभावकों को उनके भविष्य को लेकर चिंता बढ़ गई उनका कहना है कि सरकार चाहे तो दूसरे स्कूलों को इंग्लिश मीडियम कर सकती है लेकिन वह नहीं चाहेंगे कि जो स्कूल बढ़िया तरीके से चल रहा है जहां का परिणाम अच्छा आ रहा है जहां छात्रों को पूरी फैसिलिटी दी जा रही है उसे इंग्लिश मीडियम किया जाए और छात्रों के भविष्य को अंधकार में डाला जाए इसलिए वे सरकार से मांग करते हैं कि सरकार ने जो निर्णय लिया है उसे बदला जाए इस बाबत उन्होंने जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि जल्द ही सरकार अपने वापस ले
बाईट छात्रा
बाईट अभिभावक


Conclusion:हालांकि जिला कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि वे इस बाबत सरकार से बात करेंगे और जो निर्णय सरकार ने लिया है उस पर गौर करने के लिए दरख्वास्त करेंगे और वह हरगिज नहीं चाहेंगे कि छात्राओं का भविष्य खराब हो इसके लिए कोई न कोई व्यवस्था जरूर करेंगे
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