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डूंगरपुर में वन्यजीवों की गणना शुरू, पैंथर सहित कई वन्यजीव दिखाई देने की उम्मीद

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Published : Jun 5, 2020, 4:19 PM IST

कोरोना वायरस के चलते हर साल वैशाख की पूर्णिमा को होने वाली वन्यजीव गणना एक महीने देरी से शुक्रवार को सुबह 8 बजे से शुरू हो गई है. यह गणना 24 घंटे तक चलेगी. डूंगरपुर के 86 वनखंडो में 33 वाटर हॉल पर वन्यकर्मी वन्यजीव गणना में जुटे हैं.

Wildlife census in Dungarpur, Dungarpur news
Wildlife census in Dungarpur, Dungarpur news

डूंगरपुर. कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में इस बार वन्यजीवों की गणना एक महीने देरी से हो रही है. इसी के तहत शुक्रवार को डूंगरपुर में भी वन्यजीव गणना शुरू हो गई है. जिले के 86 वनखंड में 33 वाटर हॉल पर वन्यकर्मी वन्यजीव गणना में जुटे हैं. 24 घंटे तक यह वन्यजीव गणना चलेगी. जिसमें पैंथर सहित कई वन्यजीव दिखाई देने की उम्मीद है.

वन्यजीव गणना विशेष तौर पर पूर्णिमा के दिन ही होती है और वह भी वैशाख पूर्णिमा के दिन. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण एक महीने देरी से शुक्रवार को पूर्णिमा के दिन ही गणना शुरू की गई. सुबह 8 बजे से ही जिले के सभी 86 वनखंड में गणना शुरू कर दी गई है. जहां 33 वाटर हॉल पर 100 से ज्यादा वन्यकर्मी के साथ ही वन्यजीव प्रेमी भी गणना में जुटे हैं.

पढ़ें: नागौर : शराब पार्टी में विवाद के बाद दो दलित युवकों की लाठी से पीट-पीटकर हत्या

वन्यजीव गणना के दौरान वन्यकर्मी किसी पेड़ की ऊंचाई, दीवार या मचान बनाकर बैठते है. इस दौरान वाटर हॉल पर जैसे ही कोई वन्यजीव पानी पीने के लिए आता है तो उनकी गणना कर ली जाती है. इसके लिए वन्यकर्मी दूरबीन का इस्तेमाल भी करते हैं. ताकि वन्यजीव को दूर से ही देखकर उसकी पहचान की जा सके. पूर्णिमा की रात होने के कारण उजाला रहने से वन्यजीवों की गणना करना आसान रहता है. इसलिए पूर्णिमा के दिन ही वन्यजीव गणना होती है. जीवों की गणना कल शनिवार को सुबह 8 बजे तक चलेगी. इसके बाद सभी वन्यकर्मी अपनी रिपोर्ट बनाकर पेश करेंगे. आपको बता दें कि डूंगरपुर जिले में पिछले दिनों कई जगहों पर पैंथर दिखाई दिया. डूंगरपुर शहर के धनमाता की पहाड़ी पर भी अक्सर पैंथर की दस्तक देखी गई है.

डूंगरपुर. कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में इस बार वन्यजीवों की गणना एक महीने देरी से हो रही है. इसी के तहत शुक्रवार को डूंगरपुर में भी वन्यजीव गणना शुरू हो गई है. जिले के 86 वनखंड में 33 वाटर हॉल पर वन्यकर्मी वन्यजीव गणना में जुटे हैं. 24 घंटे तक यह वन्यजीव गणना चलेगी. जिसमें पैंथर सहित कई वन्यजीव दिखाई देने की उम्मीद है.

वन्यजीव गणना विशेष तौर पर पूर्णिमा के दिन ही होती है और वह भी वैशाख पूर्णिमा के दिन. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण एक महीने देरी से शुक्रवार को पूर्णिमा के दिन ही गणना शुरू की गई. सुबह 8 बजे से ही जिले के सभी 86 वनखंड में गणना शुरू कर दी गई है. जहां 33 वाटर हॉल पर 100 से ज्यादा वन्यकर्मी के साथ ही वन्यजीव प्रेमी भी गणना में जुटे हैं.

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वन्यजीव गणना के दौरान वन्यकर्मी किसी पेड़ की ऊंचाई, दीवार या मचान बनाकर बैठते है. इस दौरान वाटर हॉल पर जैसे ही कोई वन्यजीव पानी पीने के लिए आता है तो उनकी गणना कर ली जाती है. इसके लिए वन्यकर्मी दूरबीन का इस्तेमाल भी करते हैं. ताकि वन्यजीव को दूर से ही देखकर उसकी पहचान की जा सके. पूर्णिमा की रात होने के कारण उजाला रहने से वन्यजीवों की गणना करना आसान रहता है. इसलिए पूर्णिमा के दिन ही वन्यजीव गणना होती है. जीवों की गणना कल शनिवार को सुबह 8 बजे तक चलेगी. इसके बाद सभी वन्यकर्मी अपनी रिपोर्ट बनाकर पेश करेंगे. आपको बता दें कि डूंगरपुर जिले में पिछले दिनों कई जगहों पर पैंथर दिखाई दिया. डूंगरपुर शहर के धनमाता की पहाड़ी पर भी अक्सर पैंथर की दस्तक देखी गई है.

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