डूंगरपुर. जिले में पुलिस की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन आशा अभियान के तहत गुरुवार को रतनपुर बॉर्डर पर बालश्रम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई. पुलिस, चाइल्ड लाइन और मानव तस्करी विरोधी यूनिट की टीम ने रतनपुर बॉर्डर से गुजरात जा रहे 20 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष भरत भट्ट ने बताया कि सवारी जीप और बसों के माध्यम से बाल श्रमिकों के गुजरात पलायन की सूचना मिली थी.
जिस पर संयुक्त टीम ने रतनपुर बॉर्डर पर नाकेबंदी कर वाहनों की जांच की. इस दौरान टीम ने अलग-अलग वाहनों से गुजरात मजदूरी के लिए जा रहे 20 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. जानकारी के अनुसार बच्चों की उम्र 11 से 16 साल के बीच बताई जा रही है. टीम ने सभी बाल श्रमिकों को जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया, जहां से बाल श्रमिकों को संप्रेषण गृह भेजने के आदेश दिए गए हैं.
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साथ ही सभी बाल श्रमिकों के अभिभावकों को बुलवाया गया है. परिजनों के आने के बाद उनकी काउंसलिंग की जाएगी. जहां काउंसलिंग में परिजनों को बच्चों से बालश्रम नहीं करवाने और उन्हें स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जाएगा. यह बच्चे स्कूल जाने के बाद ड्रॉप आउट हो चुके है, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से लगातार मॉनिटरिंग नहीं होने से बच्चे बालश्रम की ओर पलायन कर रहे है.
बता दें कि ऑपरेशन आशा के तहत पिछले दिनों भी पुलिस और चाइल्ड लाइन ने अलग-अलग जगहों पर कार्रवाई करते हुए 8 बच्चों को मुक्त करवाया था. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष भरत भट्ट ने बताया कि बालश्रम के खिलाफ लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है.