डूंगरपुर. जिले में डेढ़ साल पहले एक नाबालिग स्कूली छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले के विशिष्ट पोस्को कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार दिया है. बता दें कि कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए एक बाल अपचारी सहित दो आरोपियों को 10-10 साल के कठोर कारावास को सजा सुनाई है. लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं बाल अधिकार संरक्षण आयोग डूंगरपुर के पीठासीन अधिकारी महेंद्र कुमार सिहंल ने गुरुवार को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुनाया है.
बता दें कि 12 फरवरी 2018 को पीड़ित नाबालिग की मां ने धंबोला थाने के केस दर्ज करवाया था. मामले में बताया गया था कि उसकी नाबालिग बेटी स्कूल में पढ़ाई करती है. वहीं, 10 और 11 फरवरी की रात को आरोपी बाल अपचारी और उसका साथी मिलकर उसकी नाबालिग बेटी का अपहरण कर भगा ले गए. इसके बाद नाबालिग को एक कमरे में बंद कर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. इसी मामले में कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया है.
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विशिष्ट लोक अभियोजक योगेश जोशी ने बताया की कोर्ट ने नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी सुरमाल डामोर निवासी भिंडा को लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है. उन्होंने बताया कि वहीं दुष्कर्म के इसी मामले के एक आरोपी बाल अपचारी को भी कोर्ट ने दोषी माना है.
वहीं, कोर्ट ने बाल अपचारी को 10 साल के कठोर कारावास और 25 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है. योगेश जोशी ने बताया कि कोर्ट ने दोषी अपचारी को 21 साल की उम्र होने तक बाल संप्रेषण गृह में रखने के आदेश दिए हैं. वहीं, कोर्ट ने पीड़ित नाबालिग को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़ित प्रतिकर दिलाने की अनुशंसा की है.