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स्पेशल रिपोर्टः जनजाति छात्रों को साल भर से नहीं मिली छात्रवृति, विद्यार्थी काट रहे विभागों के चक्कर

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Published : Dec 1, 2019, 2:59 PM IST

डूंगरपुर जिले में हजारों जनजाति विद्यार्थियों के आवेदन में कमी के कारण सालभर से छात्रवृत्ति नहीं मिली है. ऑनलाइन आवेदन भरते समय छात्रों द्वारा दी गई गलत जानकारियों के कारण भी छात्रवृत्ति अटकी हुई है. वहीं छात्र इसके लिए विभागों के चक्कर काट रहे हैं.

students not getting scholarship in Dungarpur, डूंगरपुर में जनजाति छात्रों को छात्रवृति
डूंगरपुर में छात्रों को नहीं मिल रही स्कॉलरशिप

डूंगरपुर. आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में हजारों जनजाति विद्यार्थियों की सालभर से छात्रवृत्ति अटकी हुई है. जिसका कारण आवेदन देते उनमें छोड़ी गई कमियां है. साथ ही कई विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति इसलिए नहीं मिली है क्योंकि कॉलेज स्तर पर ही उनके आवेदन पेंडिंग है. वहीं विद्यार्थी बकाया छात्रवृत्ति के लिए विभागों के चक्कर काट रहे है.

डूंगरपुर में छात्रों को नहीं मिल रही स्कॉलरशिप

जिले में पिछले सत्र 2018-19 में अध्ययनरत साढ़े 3 हजार से ज्यादा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. जबकि नया शैक्षणिक सत्र भी आधे से ज्यादा बीत चुका है. ऐसे में विद्यार्थी बकाया छात्रवृत्ति के लिए संबंधित विभाग के चक्कर काट रहे है. वहीं विद्यार्थियों का कहना है कि कई बार इस बारे में कॉलेज और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया गया है. लेकिन छात्रवृत्ति मिलने से देरी से विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है.

ये पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्टः राजधानी में औसतन रोजाना एक नाबालिग हो रही दरिंदगी का शिकार

आवेदन में कमी के कारण हो रही पेरशानी

समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिले में वर्ष 2018-19 में कुल 21 हजार 772 एसटी विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति के लिए ई-मित्र से ऑनलाइन आवेदन किया था. जिसमे से 16 हजार165 विद्यार्थियों को 22 करोड़ 17 लाख 96 हजार 354 रुपये की छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया है. लेकिन इसमें से संबंधित कॉलेज स्तर पर ही 67 आवेदन खारिज कर दिए गए. वहीं 1836 आवेदनों में कमियां होने के कारण आक्षेप लगा दिया गया. इसके अलावा कॉलेज स्तर पर 237 आवेदन अब तक पेंडिंग है.

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साथ ही प्राप्त आवेदन पर समाज कल्याण विभाग के संबंधित वेरिफायर की ओर से 28 आवेदन में कमियां निकाली गई और 48 आवेदनों को निरस्त कर दिया गया. वहीं आखरी स्तर पर जांच के दौरान विभाग ने 1865 आवेदनों में कई कमियां निकाली. जिसमें विद्यार्थियों की ओर सही बैंक और अन्य कई जानकारियां सही नहीं देने के कारण आक्षेप लगाकर वापस भेजे गए. 193 आवेदन विभाग स्तर पर पेंडिंग चल रहे है. ऐसे में कॉलेज और विभाग स्तर पर साढ़े 3 हजार से ज्यादा आवेदनों कमियों के कारण वापस लौटाए गए है. लेकिन इन आवेदनों में कमियों को अब तक पूरा नहीं किया गया है जिस कारण उन्हें छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हुआ है.

इस सत्र में छात्रवृत्ति वितरण के हाल

समाज कल्याण विभाग के अनुसार इस शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए अब तक 23 हजार 634 एसटी वर्ग के विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है. प्राम्भिक जांच में ही कॉलेज व विभाग स्तर पर 113 आवेदन को खारिज कर दिया गया है. इसके अलावा कॉलेज स्तर पर 6 हजार 813 आवेदनों में आक्षेप लगाएं है. वहीं 9 हजार 409 आवेदन कॉलेज में पेंडिंग है. विभाग की ओर से जांच में 889 आवेदनों में कमियां निकालकर उन आवेदन को लौटा दिया है. साथ ही 5 हजार 9 आवेदन पेंडिंग है. वहीं करीब एक हजार विद्यार्थियों को अब तक 40 लाख की छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा चुका है.

डूंगरपुर. आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में हजारों जनजाति विद्यार्थियों की सालभर से छात्रवृत्ति अटकी हुई है. जिसका कारण आवेदन देते उनमें छोड़ी गई कमियां है. साथ ही कई विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति इसलिए नहीं मिली है क्योंकि कॉलेज स्तर पर ही उनके आवेदन पेंडिंग है. वहीं विद्यार्थी बकाया छात्रवृत्ति के लिए विभागों के चक्कर काट रहे है.

डूंगरपुर में छात्रों को नहीं मिल रही स्कॉलरशिप

जिले में पिछले सत्र 2018-19 में अध्ययनरत साढ़े 3 हजार से ज्यादा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. जबकि नया शैक्षणिक सत्र भी आधे से ज्यादा बीत चुका है. ऐसे में विद्यार्थी बकाया छात्रवृत्ति के लिए संबंधित विभाग के चक्कर काट रहे है. वहीं विद्यार्थियों का कहना है कि कई बार इस बारे में कॉलेज और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया गया है. लेकिन छात्रवृत्ति मिलने से देरी से विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है.

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आवेदन में कमी के कारण हो रही पेरशानी

समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिले में वर्ष 2018-19 में कुल 21 हजार 772 एसटी विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति के लिए ई-मित्र से ऑनलाइन आवेदन किया था. जिसमे से 16 हजार165 विद्यार्थियों को 22 करोड़ 17 लाख 96 हजार 354 रुपये की छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया है. लेकिन इसमें से संबंधित कॉलेज स्तर पर ही 67 आवेदन खारिज कर दिए गए. वहीं 1836 आवेदनों में कमियां होने के कारण आक्षेप लगा दिया गया. इसके अलावा कॉलेज स्तर पर 237 आवेदन अब तक पेंडिंग है.

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साथ ही प्राप्त आवेदन पर समाज कल्याण विभाग के संबंधित वेरिफायर की ओर से 28 आवेदन में कमियां निकाली गई और 48 आवेदनों को निरस्त कर दिया गया. वहीं आखरी स्तर पर जांच के दौरान विभाग ने 1865 आवेदनों में कई कमियां निकाली. जिसमें विद्यार्थियों की ओर सही बैंक और अन्य कई जानकारियां सही नहीं देने के कारण आक्षेप लगाकर वापस भेजे गए. 193 आवेदन विभाग स्तर पर पेंडिंग चल रहे है. ऐसे में कॉलेज और विभाग स्तर पर साढ़े 3 हजार से ज्यादा आवेदनों कमियों के कारण वापस लौटाए गए है. लेकिन इन आवेदनों में कमियों को अब तक पूरा नहीं किया गया है जिस कारण उन्हें छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हुआ है.

इस सत्र में छात्रवृत्ति वितरण के हाल

समाज कल्याण विभाग के अनुसार इस शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए अब तक 23 हजार 634 एसटी वर्ग के विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है. प्राम्भिक जांच में ही कॉलेज व विभाग स्तर पर 113 आवेदन को खारिज कर दिया गया है. इसके अलावा कॉलेज स्तर पर 6 हजार 813 आवेदनों में आक्षेप लगाएं है. वहीं 9 हजार 409 आवेदन कॉलेज में पेंडिंग है. विभाग की ओर से जांच में 889 आवेदनों में कमियां निकालकर उन आवेदन को लौटा दिया है. साथ ही 5 हजार 9 आवेदन पेंडिंग है. वहीं करीब एक हजार विद्यार्थियों को अब तक 40 लाख की छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा चुका है.

Intro:डूंगरपुर। आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में हजारो जनजाति विद्यार्थियों की सालभर से छात्रवृत्ति अटक गई है और वह भी आवेदन के समय छोड़ी गई कमियों के कारण। इसके अलावा कई विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति इसलिए नहीं मिली है क्योंकि कॉलेज स्तर पर ही उनके आवेदन पेंडिंग है। वहीं दूसरी ओर विद्यार्थी बकाया छात्रवृत्ति के लिए विभागों के चक्कर काट रहे है।


Body:मामला डूंगरपुर जिले से जुड़ा हुआ है, जहां पिछले सत्र 2018-19 में अध्ययनरत साढ़े 3 हजार से ज्यादा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है, जबकि नया शैक्षणिक सत्र भी आधे से ज्यादा बीत चुका है। ऐसे में विद्यार्थी बकाया छात्रवृत्ति के लिए संबंधित विभाग के चक्कर काट रहे है। वहीं विद्यार्थियों का कहना है कि कई बार इस बारे में कॉलेज और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया गया है लेकिन छात्रवृत्ति मिलने से देरी से विद्यार्थियों को परेशानी हो रही है।
समाज कल्याण विभाग के अनुसार डूंगरपुर जिले में वर्ष 2018-19 में कुल 21 हजार 772 एसटी विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति के लिए ई-मित्र से ऑनलाइन आवेदन किया था, जिसमे से 16 हजार 165 विद्यार्थियों को 22 करोड़ 17 लाख 96 हजार 354 रुपये की छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया है। लेकिन इसमें से संबंधित कॉलेज स्तर पर ही 67 आवेदन खारिज कर दिए गए तो 1836 आवेदनों में कमियां होने के कारण आक्षेप लगा दिया गया। इसके अलावा कॉलेज स्तर पर 237 आवेदन अब तक पेंडिंग है।
इसके बाद प्राप्त आवेदन पर समाज कल्याण विभाग के संबंधित वेरिफायर की ओर से 28 आवेदन में कमियां निकाली गई और 48 आवेदनों को निरस्त कर दिया गया। आखरी स्तर पर जांच के दौरान विभाग ने 1865 आवेदनों में कई कमियां निकाली, जिसमें विद्यार्थियों की ओर सही बैंक और अन्य कई जानकारियां सही नहीं देने के कारण आक्षेप लगाकर वापस भेजे गए। वहीं 193 आवेदन विभाग स्तर पर पेंडिंग चल रहे है। ऐसे में कॉलेज और विभाग स्तर पर साढ़े 3 हजार से ज्यादा आवेदनों में कमियों के कारण वापस लौटाए गए है, लेकिन इन आवेदनों में कमियों को अब तक पूरा नहीं किया गया है जिस कारण उन्हें छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हुआ है।

- इस सत्र में क्या है छात्रवृत्ति वितरण के हाल
समाज कल्याण विभाग के अनुसार इस शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए अब तक 23 हजार 634 एसटी वर्ग के विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। प्राम्भिक जांच में ही कॉलेज व विभाग स्तर पर 113 आवेदन को खारिज कर दिया गया है। इसके अलावा कॉलेज स्तर पर 6813 आवेदनों में आक्षेप लगाएं है तो 9 हजार 409 आवेदन कॉलेज में पेंडिंग है। विभाग की ओर से जांच में 889 आवेदनों में कमियां निकालकर उन आवेदन को लौटा दिया है तो वही 5009 आवेदन पेंडिंग है। वहीं करीब एक हजार विद्यार्थियों को अब तक 40 लाख की छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा चुका है।


Conclusion:कब तक मिलेगी छात्रवृत्ति...
जनजाति वर्ग के कई विद्यार्थी पिछले सत्र की अपनी बकाया छात्रवृत्ति की मांग कर रहे और विभागों के चक्कर काट रहे है। लेकिन देखना होगा कि आक्षेपो को कब तक दूर किया जाता है और विद्यार्थियों को कब तक बकाया छात्रवृत्ति का भुगतान होता है।

बाईट 1- अशोक शर्मा, सहायक निदेशक, समाज कल्याण अधिकारी डूंगरपुर।
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