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मिलावटखोरी पर कैसे लगेगी लगाम...डूंगरपुर में नहीं है फूड इंस्पेक्टर

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Published : Oct 11, 2019, 5:30 PM IST

डूंगरपुर में एक भी फूड इंस्पेक्टर नहीं होने के कारण खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों की जिले में चांदी कट रही है. हालांकि, इस मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि तबादला सूची में एक फूड इंस्पेक्टर जिले को दिया गया है और वह जैसे ही आ जाते हैं, वैसे ही सैम्पलिंग के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा.

मिलावटखोरों के खिलाफ जांच अभियान, Investigative campaign against adulterants

डूंगरपुर. जिले में इस साल दिवाली से पहले दूध, मावे और अन्य खाद्य पदार्थो में मिलावट करने वालों के खिलाफ विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, डूंगरपुर में पिछले छह महीने से फूड इंस्पेक्टर का पद खाली पड़ा हुआ हैं. ऐसे में इस बार जिले में दीवाली पर बिकने वाली मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों की जांच नहीं हो पाएगी और लोगों को मिलावटी सामग्री ही खाने को मिलेगी.

डूंगरपुर में नहीं है एक भी फूड इंस्पेक्टर

बता दें कि चिकित्सा विभाग ने दीवाली के त्यौहार को देखते हुए खाद्य पदार्थों की जांच के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसके तहत प्रत्येक जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को खाद्य निरीक्षक के माध्यम से फूड सैम्पलिंग करवाने के निर्देश दिए गए हैं. खासकर दीवाली के त्यौहार के तहत दूध और मावे से बनी मिठाइयों के अलावा तेल, घी और मसालों की बिक्री ज्यादा होती है. ऐसे में विभाग की ओर से मिठाइयों की सैम्पलिंग करते हुए उनकी गुणवत्ता जांच के निर्देश दिए गए हैं.

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फूड इंस्पेक्टर को दीवाली के त्यौहार तक रोजाना 3 से 5 खाद्य पदार्थों के सैंपल लेने होंगे. लेकिन डूंगरपुर जिले में फूड सैंपलिंग के लिए अधिकारी ही नहीं है. ऐसे में सरकार की ओर से लोगों को शुद्ध खाद्य सामग्री मिले, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जिले में खाद्य सामग्री की जांच के लिए अधिकारी नहीं होने से इस बार दीवाली पर किसी तरह ही जांच नहीं होगी.

हालांकि, चिकित्सा विभाग की ओर से इस बार तबादला सूची में एक फूड इंस्पेक्टर डूंगरपुर जिले में पदस्थापन किया गया है, लेकिन 15 दिन से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी फूड इंस्पेक्टर ने जॉइनिंग नहीं की है. बताया जा रहा है कि जिले में जयपुर निदेशालय से फूड इंस्पेक्टर को डूंगरपुर लगाया है, जो 600 किमी दूर डूंगरपुर तक आने में रुचि नहीं होने के कारण नहीं आ रहे है.

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वहीं मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेंद्र परमार ने कहा कि फूड इंस्पेक्टर का पद 6 माह से खाली है, लेकिन इस बार तबादला सूची में एक फूड इंस्पेक्टर मिले है और वह आ जाते है तो सैम्पलिंग के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. हालांकि सीएमएचओ ने यह भी कहा कि क्षेत्र के सभी डॉक्टरों को भी इस पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए है.

डूंगरपुर. जिले में इस साल दिवाली से पहले दूध, मावे और अन्य खाद्य पदार्थो में मिलावट करने वालों के खिलाफ विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, डूंगरपुर में पिछले छह महीने से फूड इंस्पेक्टर का पद खाली पड़ा हुआ हैं. ऐसे में इस बार जिले में दीवाली पर बिकने वाली मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों की जांच नहीं हो पाएगी और लोगों को मिलावटी सामग्री ही खाने को मिलेगी.

डूंगरपुर में नहीं है एक भी फूड इंस्पेक्टर

बता दें कि चिकित्सा विभाग ने दीवाली के त्यौहार को देखते हुए खाद्य पदार्थों की जांच के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसके तहत प्रत्येक जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को खाद्य निरीक्षक के माध्यम से फूड सैम्पलिंग करवाने के निर्देश दिए गए हैं. खासकर दीवाली के त्यौहार के तहत दूध और मावे से बनी मिठाइयों के अलावा तेल, घी और मसालों की बिक्री ज्यादा होती है. ऐसे में विभाग की ओर से मिठाइयों की सैम्पलिंग करते हुए उनकी गुणवत्ता जांच के निर्देश दिए गए हैं.

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फूड इंस्पेक्टर को दीवाली के त्यौहार तक रोजाना 3 से 5 खाद्य पदार्थों के सैंपल लेने होंगे. लेकिन डूंगरपुर जिले में फूड सैंपलिंग के लिए अधिकारी ही नहीं है. ऐसे में सरकार की ओर से लोगों को शुद्ध खाद्य सामग्री मिले, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जिले में खाद्य सामग्री की जांच के लिए अधिकारी नहीं होने से इस बार दीवाली पर किसी तरह ही जांच नहीं होगी.

हालांकि, चिकित्सा विभाग की ओर से इस बार तबादला सूची में एक फूड इंस्पेक्टर डूंगरपुर जिले में पदस्थापन किया गया है, लेकिन 15 दिन से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी फूड इंस्पेक्टर ने जॉइनिंग नहीं की है. बताया जा रहा है कि जिले में जयपुर निदेशालय से फूड इंस्पेक्टर को डूंगरपुर लगाया है, जो 600 किमी दूर डूंगरपुर तक आने में रुचि नहीं होने के कारण नहीं आ रहे है.

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वहीं मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेंद्र परमार ने कहा कि फूड इंस्पेक्टर का पद 6 माह से खाली है, लेकिन इस बार तबादला सूची में एक फूड इंस्पेक्टर मिले है और वह आ जाते है तो सैम्पलिंग के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. हालांकि सीएमएचओ ने यह भी कहा कि क्षेत्र के सभी डॉक्टरों को भी इस पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए है.

Intro:डूंगरपुर। दूध, मावे और अन्य खाद्य पदार्थो में मिलावट करने वालों के खिलाफ दीवाली से पहले विशेष जांच अभियान के निर्देश जारी कर दिए गए है, लेकिन डूंगरपुर में मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई होना संभव नही है। इसकी वजह है जिले में 6 माह से खाली पड़ा फ़ूड इंस्पेक्टर का पद। ऐसे में इस बार दीवाली पर बिकने वाली मिठाइयों व अन्य खाद्य पदार्थों की जांच नहीं हो पाएगी ओर लोगों को मिलावटी सामग्री भी खाने को मिल सकती है।


Body:चिकित्सा विभाग ने दीवाली के त्यौहार को देखते हुए खाद्य पदार्थों की जांच के लिए निर्देश जारी कर दिए है, जिसके तहत प्रत्येक जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को खाद्य निरीक्षक के माध्यम से फ़ूड सेंपलिंग करवाने के निर्देश दिए है। खासकर दीवाली के त्यौहार के तहत दूध और मावे से बनी मिठाइयों के अलावा तेल, घी और मसालों की बिक्री ज्यादा होती है। ऐसे में विभाग की ओर से मिठाइयों की सेंपलिंग करते हुए उनकी गुणवत्ता जांच के निर्देश दिए गए है।
फ़ूड इंस्पेक्टर को दीवाली के त्योहार तक रोजाना 3 से 5 खाद्य पदार्थों के सैंपल लेने होंगे। लेकिन डूंगरपुर जिले में फ़ूड सैंपलिंग के लिए अधिकारी ही नहीं है। ऐसे से सरकार की ओर से लोगों को शुद्ध खाद्य सामग्री मिले इस भी सवाल खड़े हो रहे है। जिले में खाद्य सामग्री की जांच के लिए अधिकारी नहीं होने से इस बार दीवाली पर किसी तरह ही जांच नहीं होगी तो बेख़ौफ़ मिलावटी खाद्य सामग्री भी बिकने का अंदेशा है।
हालांकि चिकित्सा विभाग की ओर से इस बार तबादला सूची में एक फ़ूड इंस्पेक्टर को डूंगरपुर जिले में पदस्थापन किया गया है, लेकिन 15 दिन से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी फ़ूड इंस्पेक्टर ने जॉइनिंग नहीं दी है। बताया जा रहा है कि जिले में जयपुर निदेशालय से फ़ूड इंस्पेक्टर के डूंगरपुर लगाया है जो 600 किमी दूर डूंगरपुर तक आने में रुचि नहीं होने के कारण नहीं आ रहे है।
वहीं मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेंद्र परमार ने कहा कि फ़ूड इंस्पेक्टर का पद 6 माह से खाली है, लेकिन इस बार तबादला सूची में एक फ़ूड इंस्पेक्टर मिले है और वह आ जाते है तो सेम्पलिंग के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। हालांकि सीएमएचओ ने यह भी कहा कि क्षेत्र के सभी डॉक्टरों को भी इस पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए है।

बाईट- डॉ महेंद्र परमार, सीएमएचओ डूंगरपुर।


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