डूंगरपुर. जिले में इस साल दिवाली से पहले दूध, मावे और अन्य खाद्य पदार्थो में मिलावट करने वालों के खिलाफ विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, डूंगरपुर में पिछले छह महीने से फूड इंस्पेक्टर का पद खाली पड़ा हुआ हैं. ऐसे में इस बार जिले में दीवाली पर बिकने वाली मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों की जांच नहीं हो पाएगी और लोगों को मिलावटी सामग्री ही खाने को मिलेगी.
बता दें कि चिकित्सा विभाग ने दीवाली के त्यौहार को देखते हुए खाद्य पदार्थों की जांच के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसके तहत प्रत्येक जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को खाद्य निरीक्षक के माध्यम से फूड सैम्पलिंग करवाने के निर्देश दिए गए हैं. खासकर दीवाली के त्यौहार के तहत दूध और मावे से बनी मिठाइयों के अलावा तेल, घी और मसालों की बिक्री ज्यादा होती है. ऐसे में विभाग की ओर से मिठाइयों की सैम्पलिंग करते हुए उनकी गुणवत्ता जांच के निर्देश दिए गए हैं.
पढ़े: मालपुरा में कर्फ्यू का तीसरा दिन, 13 अक्टूबर तक बंद रहेगी इंटरनेट सेवाएं
फूड इंस्पेक्टर को दीवाली के त्यौहार तक रोजाना 3 से 5 खाद्य पदार्थों के सैंपल लेने होंगे. लेकिन डूंगरपुर जिले में फूड सैंपलिंग के लिए अधिकारी ही नहीं है. ऐसे में सरकार की ओर से लोगों को शुद्ध खाद्य सामग्री मिले, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जिले में खाद्य सामग्री की जांच के लिए अधिकारी नहीं होने से इस बार दीवाली पर किसी तरह ही जांच नहीं होगी.
हालांकि, चिकित्सा विभाग की ओर से इस बार तबादला सूची में एक फूड इंस्पेक्टर डूंगरपुर जिले में पदस्थापन किया गया है, लेकिन 15 दिन से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी फूड इंस्पेक्टर ने जॉइनिंग नहीं की है. बताया जा रहा है कि जिले में जयपुर निदेशालय से फूड इंस्पेक्टर को डूंगरपुर लगाया है, जो 600 किमी दूर डूंगरपुर तक आने में रुचि नहीं होने के कारण नहीं आ रहे है.
पढ़े: जुलूस पर पथराव की घटना के बाद मालपुरा इलाके में लगा कर्फ्यू
वहीं मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेंद्र परमार ने कहा कि फूड इंस्पेक्टर का पद 6 माह से खाली है, लेकिन इस बार तबादला सूची में एक फूड इंस्पेक्टर मिले है और वह आ जाते है तो सैम्पलिंग के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. हालांकि सीएमएचओ ने यह भी कहा कि क्षेत्र के सभी डॉक्टरों को भी इस पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए है.