डूंगरपुर: कोरोना के कारण देशभर में 22 मार्च से लॉकडाउन लागू हो गया था. इस बीच हजारों लोगों का रोजगार छिन गया. श्रमिक और मजदूर शहरों से घर लौट आए. लेकिन इसी दौरान जिले में चोरी, लूटपाट, नकबजनी और अन्य वारदातें भी बढ़ने लगी. ईटीवी भारत ने पुलिस विभाग से इन वारदातों के आंकड़े जुटाए. आंकड़ों के मुताबिक, 50 से ज्यादा वारदातें चोरी की हुई, जबकि नकबजनी की 10 और लूटपाट की 5 से ज्यादा घटनाएं हुई हैं.
इन वारदातों के बाद पुलिस ने गहन तफ्तीश करते हुए लगभग वारदातों का खुलासा भी कर दिया है. जिसमें शराब ठेकेदार के ऑफिस से लाखों की चोरी की वारदात का खुलासा भी शामिल है. लेकिन इस वारदातों के होने वजह जो सामने आई वह चौंकाने वाली है.
जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव के मुताबिक, लॉकडाउन के समय और अनलॉक के बाद चोरी व लूटपाट की जो वारदातें हुई थी, उनमें से अधिकतर वारदातों का खुलासा हो चुका है. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लूट और चोरी की वारदात करने का कारण पूछा तो सामने आया कि लॉकडाउन की वजह से काम धंधा बंद होने की वजह से बेरोजगार लोगों ने इसे अंजाम दिया. इस वारदातों को अंजाम देने वालों में सबसे ज्यादा नबालिग शामिल हैं जिन्होंने अपने जेब खर्च पूरा करने के लिए चोरी और लूटपाट की वारदातों को अंजाम दिया.
नाबालिग भी वारदातों में लिप्त-
पुलिस की ओर से पकड़े गए आरोपियों में नाबालिग भी सामने आए हैं. जिले के रामसागड़ा, कोतवाली, बिछीवाड़ा, आसपुर में चोरी और लूटपाट की वारदातें हुई है. पुलिस की ओर से पकड़े गए आरोपियों में अधिकतर नाबालिग पाए गए हैं जिनकी उम्र 15 से 17 साल के बीच है. पूछताछ में सामने आया है कि लॉकडाउन के बाद जेब खर्च के लिए पैसे खत्म हो गए तो मौका पाकर इस तरह की वारदातों को अंजाम देने लगें.
वारदातों पर एक नजर-
1. 21 जून की रात रामसागड़ा थाना क्षेत्र के गामड़ी अहाड़ा गांव में चोरी की वारदात हुई. पुलिस ने मामले में एक नाबालिग को डिटेन किया. नाबालिग ने वारदात कबूल करते हुए बताया कि लॉकडाउन के बाद जेब खर्च के लिए पैसे नहीं होने के कारण ऐसा कदम उठाया. इस दौरान नाबालिग ने खुद को माफ करने की भी गुहार लगाई.
2. सदर थाना क्षेत्र के सरकण घाटी में 26 जून को कार चालक से मारपीट कर 55 हजार रुपये लूट की वारदात हुई थी. आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तो सामने आया कि आरोपी गुजरात में काम करते थे. लॉकडाउन के बाद बेरोजगारी के कारण वारदातें करने लगे. वारदात के बाद जंगल और पहाड़ियों में जाकर आरोपी छुप गए थे. इस गैंग का सरगना 12वीं कक्षा में पढ़ने वाला एक छात्र था.
3. शहर के कुशालमगरी में पिछले महीने चोरी की वारदात हुई थी. पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा तो सामने आया कि शराब पार्टी करने के बाद चोरी की योजना आरोपियों ने बनाई थी. जेब खर्च के लिए राशि नहीं होने और लॉकडाउन के कारण काम धंधा बंद होने के कारण चोरी की वारदात को आरोपियों ने अंजाम दिया था. आरोपियों में एक आरोपी गुजरात से लौटा था.
4. जुलाई माह में आसपुर कस्बे में एक बुजुर्ग से 45 हजार रुपये की लूट की वारदात हुई थी. पकड़े गए आरोपी बांसवाडा में ठेला चलाने का काम करते हैं. पुलिस पूछताछ में बताया में आरोपियों ने बताया की लॉकडाउन के बाद रुपये नहीं होने के कारण मजबूरत उन्होंने वारदात को अंजाम दिया. इन आरोपियों ने बताया था की वो पहले भी ऐसी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं लेकिन रोजगार मिलने के बाद उन्होंने छोड़ दिया था. लॉकडाउन लगने के बाद मजबूरन उन्हें फिर से ये करना पड़ा.
5. 21 जून की रात को बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र में एक शराब के ठेके से 12 लाख रुपये का केश चोरी हो गया था. वहीं 26 जुलाई की रात को कोतवाली थाना क्षेत्र में इंड्रस्ट्रियल एरिया में स्थित शराब ठेकेदारों के ऑफिस में वारदात हुई जिसमें 16 लाख रुपये की चोरी हुई. पुलिस ने दोनों ही वारदातों का खुलासा करते हुए एक अंतराज्यीय गैंग का खुलासा करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसमें भी जो तथ्य सामने आए उसके अनुसार लॉकडाउन के बाद काम धंधा ठप्प हो जाने और पैसे नहीं होने से आरोपियों ने इन वारदातों को अंजाम दिया था.
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बेरोजगारी ने क्राइम की दुनिया में जाने को मजबूर किया-
देश और दुनिया कोरोना का कहर झेल रही है तो वहीं, प्रदेश के डूंगरपुर जिले में भी कोरोना के कई रूप देखने को मिल रहे हैं. कोरोना से न सिर्फ लोग संक्रमित हो रहे हैं बल्कि लोगों को बेरोजगारी का भी दंश झेलना पड़ रहा है. कोरोना के बाद से काम-धंधा बंद हो गया तो वहीं लोगों की नौकरियां भी चली गई है. लोगों का रोजगार छीन गया गया है. मार्च से लागू लॉकडाउन के बाद से बेरोजगार होकर लोग घरों पर बैठे हैं. ऐसे में खासकर मजदूर और श्रमिक वर्ग जो दिहाड़ी पर अपना परिवार चलाता है. ये परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. रोजगार नहीं होने की वजह से मजबूरन क्राइम को अपना हथियार बना रहे हैं.