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स्पेशलः डूंगरपुर में बढ़ रहा देहदान का चलन, 85 साल के बुजुर्ग समेत अब तक 14 लोग ले चुके संकल्प

डूंगरपुर जिले में इन दिनों लोगों में देहदान का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है. लोग देहदान की महत्ता को समझने लगे हैं. मृत्यु के बाद आपके अंग किसी को नई जिन्दगी दे सकते हैं. इसके अलावा मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए शरीर प्रयोग के तौर पर काम में लाया जा सकता है.

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Published : Jan 27, 2020, 3:26 PM IST

Updated : Jan 27, 2020, 4:38 PM IST

राजस्थान न्यूज़, डूंगरपुर न्यूज़, Rajasthan news, Dungarpur news, देहदान
एक मानव देह से करीब 25 स्टूडेंट कर सकते हैं पढ़ाई.

डूंगरपुर. शरीर नश्वर होता है, और एक न एक दिन सभी को यह शरीर त्यागना होता है. इस शरीर को मानव कल्याण के लिए दान कर हम समाज को काफी कुछ दे सकते हैं.

डूंगरपुर जिले में इन दिनों लोगों में देहदान का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है. लोग देहदान की महत्ता को समझने लगे हैं. मृत्यु के बाद आपके अंग किसी को नई जिन्दगी दे सकते हैं. इसके अलावा मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए शरीर प्रयोग के तौर पर काम में लाया जा सकता है.

एक मानव देह से करीब 25 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर सकते हैं

एक बड़ा फर्क यह भी आया है, कि पहले लोगों को देहदान के लिए समझाने पर भी वे इसके लिए तैयार नहीं होते थे. लेकिन अब लोग स्वेच्छा से भी ऐसा कर रहे हैं.

डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स ने चलाया था अभियान....

डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को शुरू हुए अभी डेढ़ साल ही हुए हैं. इस समय कॉलेज में करीब 250 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं. शुरुआत में स्टूडेंट्स को प्रैक्टिस के लिए मानव शरीर नहीं मिल पाता था.

यह भी पढ़ेंः सीकर : 25 करोड़ के सट्टे का हिसाब-किताब पकड़ा, 6 सटोरिए गिरफ्तार

ऐसे में स्टूडेंट्स ने इसके लिए एक अभियान चलाया. स्टूडेंट्स ने लोगों से मिलकर देहदान का महत्व समझाया. स्टूडेंट्स का प्रयास रंग लाया, और वे लोगों तक अपनी बात पहुंचाने में कामयाब रहे.

स्टूडेंट्स के समझाने के बाद समाज के कई भामाशाह सामने आए, उन्होंने मरने के बाद अपनी देह को मेडिकल छात्रों की पढ़ाई और प्रयोग के लिए दान करने की इच्छा जाहिर की. अब तक कुल 14 लोग ने अपनी देह को दान करने का संकल्प लेते हुए मेडिकल कॉलेज में शपथ पत्र दे चुके हैं.

डूंगरपुर के भुवनेश्वरी कॉलोनी निवासी 85 वर्षीय लक्ष्मीचंद जैन ने अपने तीन पुत्र यशवंत जैन, अशोक जैन व प्रकाश जैन की मौजूदगी में स्वेच्छा से देहदान का संकल्प पत्र भरा.

यह भी पढे़ंः स्पेशल: 11 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो रहा है MCH भवन, महिलाओं को मिलने वाली है बड़ी सौगात

इस दौरान कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शलभ शर्मा ने कहा, कि मरने के बाद देह कुछ काम नहीं आती. लोग उसका अलग-अलग विधि से या तो विसर्जन कर देते हैं या फिर जला देते हैं.

शर्मा ने कहा, कि एक मानव देह से करीब 25 स्टूडेंट पढ़ाई कर सकते है. लोगों को यह समझना होगा, कि देह का मेडिकल शिक्षा के लिए दान कर दिया जाए तो इससे छात्रों को पढ़ाई में फायदा होता है.

डूंगरपुर. शरीर नश्वर होता है, और एक न एक दिन सभी को यह शरीर त्यागना होता है. इस शरीर को मानव कल्याण के लिए दान कर हम समाज को काफी कुछ दे सकते हैं.

डूंगरपुर जिले में इन दिनों लोगों में देहदान का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है. लोग देहदान की महत्ता को समझने लगे हैं. मृत्यु के बाद आपके अंग किसी को नई जिन्दगी दे सकते हैं. इसके अलावा मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए शरीर प्रयोग के तौर पर काम में लाया जा सकता है.

एक मानव देह से करीब 25 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर सकते हैं

एक बड़ा फर्क यह भी आया है, कि पहले लोगों को देहदान के लिए समझाने पर भी वे इसके लिए तैयार नहीं होते थे. लेकिन अब लोग स्वेच्छा से भी ऐसा कर रहे हैं.

डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स ने चलाया था अभियान....

डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को शुरू हुए अभी डेढ़ साल ही हुए हैं. इस समय कॉलेज में करीब 250 स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं. शुरुआत में स्टूडेंट्स को प्रैक्टिस के लिए मानव शरीर नहीं मिल पाता था.

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ऐसे में स्टूडेंट्स ने इसके लिए एक अभियान चलाया. स्टूडेंट्स ने लोगों से मिलकर देहदान का महत्व समझाया. स्टूडेंट्स का प्रयास रंग लाया, और वे लोगों तक अपनी बात पहुंचाने में कामयाब रहे.

स्टूडेंट्स के समझाने के बाद समाज के कई भामाशाह सामने आए, उन्होंने मरने के बाद अपनी देह को मेडिकल छात्रों की पढ़ाई और प्रयोग के लिए दान करने की इच्छा जाहिर की. अब तक कुल 14 लोग ने अपनी देह को दान करने का संकल्प लेते हुए मेडिकल कॉलेज में शपथ पत्र दे चुके हैं.

डूंगरपुर के भुवनेश्वरी कॉलोनी निवासी 85 वर्षीय लक्ष्मीचंद जैन ने अपने तीन पुत्र यशवंत जैन, अशोक जैन व प्रकाश जैन की मौजूदगी में स्वेच्छा से देहदान का संकल्प पत्र भरा.

यह भी पढे़ंः स्पेशल: 11 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो रहा है MCH भवन, महिलाओं को मिलने वाली है बड़ी सौगात

इस दौरान कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शलभ शर्मा ने कहा, कि मरने के बाद देह कुछ काम नहीं आती. लोग उसका अलग-अलग विधि से या तो विसर्जन कर देते हैं या फिर जला देते हैं.

शर्मा ने कहा, कि एक मानव देह से करीब 25 स्टूडेंट पढ़ाई कर सकते है. लोगों को यह समझना होगा, कि देह का मेडिकल शिक्षा के लिए दान कर दिया जाए तो इससे छात्रों को पढ़ाई में फायदा होता है.

Intro:डूंगरपुर। कहते है शरीर नश्वर है, लेकिन यह चरितार्थ भी कर दिखाया है जिले के कई लोगों ने, जिन्होंने अपनी मृत्यु के बाद देह को मेडिकल शिक्षा के लिए दान कर दिया है। जिले 85 साल के बुजुर्ग से लेकर युवा तक देहदान का संकल्प कर रहे है, जिससे मेडिकल शिक्षा प्राप्त कर रहे एमबीबीएस छात्रों को पढ़ाई में फायदा मिलेगा।Body:डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज शुरू हुए करीब डेढ़ साल हुए है। एमबीबीएस दूसरा बैच चल रहा है और करीब 250 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। एमबीबीएस छात्रों की पढ़ाई के लिए मानव देह की जरूरत होती है, ताकि वे मानव की संरचना को प्रैक्टिकल रूप से समझ सके। इसके लिए मेडिकल कॉलेज की ओर से जागरूकता अभियान चलाया ओर लोगो से देहदान की अपील की, तो कई भामाशाह सामने आए जिन्होंने मरने के बाद अपनी देह को मेडिकल छात्रों की पढ़ाई करने के लिए दान करने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद अब तक 14 लोगो ने अपनी देह को दान करने का संकल्प लेते हुए मेडिकल कॉलेज में शपथ पत्र दिया है, जिसमें परिवार के लोगो ने भी सहमति दी है। डूंगरपुर के भुवनेश्वरी कॉलोनी निवासी 85 वर्षीय लक्ष्मीचंद जैन ने अपने तीन पुत्र यशवंत जैन, अशोक जैन व प्रकाश जैन की मौजूदगी में स्वेच्छा से देहदान का संकल्प पत्र भरा।
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ शलभ शर्मा, पीएमओ, डॉ. कांतिलाल, प्रेरक पद्मेश गांधी व महेश चंद्र जैन मौजूद रहे। प्राचार्य डॉ शलभ शर्मा ने कहा कि मरने के बाद देह कुछ काम नहीं आती और उसका अलग-अलग विधि से विसर्जन कर देते है, लेकिन देह का मेडिकल शिक्षा के लिए दान कर दिया जाए तो छात्रों को पढ़ाई में फायदा होता है। एक देह से करीब 25 छात्र पढ़ाई कर सकते है। प्राचार्य ने यह भी कहा कि एक साल पहले जब डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज शुरू हुआ था तब एक भी देहदान नहीं था, जबकि पहला बैच शुरू हो चुका है। ऐसे में उदयपुर मेडिकल कॉलेज से 4 देह लाकर यहां पढ़ाई करवाई जा रही है। प्राचार्य ने देहदान के साथ ही लोगो से अंगदान के लिए भी आगे आने की अपील की है।

बाईट 1- लक्ष्मीचंद जैन, देहदानकर्ता
बाईट 2- डॉ शलभ शर्मा, प्राचार्य एवं कन्ट्रोलर मेडिकल कॉलेज डूंगरपुर।
Conclusion:
Last Updated : Jan 27, 2020, 4:38 PM IST
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