डूंगरपुर. जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister Housing Scheme) में हुई गड़बड़ियों ने योजना की मंशा पर ही पानी फेर दिया है. प्रधानमंत्री आवास योजना को केंद्र सरकार ने इसलिए लागू किया था, ताकि गरीब को पक्की चारदीवारी और छत नसीब हो सके, लेकिन आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले की ग्राम पंचायत अंबाड़ा की ही तरह धनगांव में भी 100 से ज्यादा लाभार्थियों का पैसा ग्राम विकास अधिकारियों और सरपंच ने खुद और अपने चहेतों के खातों में लेकर हड़प लिया है.
हर गरीब की अपनी पक्की छत हो ऐसा सपना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देखा है, लेकिन डूंगरपुर जिले में पंचायत के सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी इस सपने के धूमिल करते हुए योजना को भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ा रहे है. ताजा मामला जिले के चिखली पंचायत समिति की ग्राम पंचायत धनगांव का है.
गांव की मृतका स्व. वाली ने जीते जी छोटे सी टापरी में गुजर बसर की जिसका दरवाजा तक नहीं था. उसके नाम से आवास स्वीकृत तो हुआ, लेकिन इसकी रकम पंचायत के सरपंच ने अपने स्वयं के बैंक खाते में जमा ले ली. इसी तरह दिव्यांग वृद्धा कुनण के स्वीकृत पीएम आवास की किश्त कमजी के खाते में डाल दी गई.
वहीं एक अन्य वृद्धा सुकली के नाम के आवास का पैसा भी सरकारी आयुर्वेदिक कम्पाउण्डर मानजी ताबियाड के खाते में जमा हो गया. एक विधवा लक्ष्मी को जैसे- तैसे गुजर बसर कर रही है, उसके हक की रकम गांव की ही लक्ष्मी पत्नी डायालाल के खाते में ट्रांसफर कर दी गई.
गरीबों की उम्मीदें टूटी, अधिकारी भी खमोश
पंचायत के पूर्व उपसरपंच कन्हैयालाल ने बताया कि गलत खातों में रकम ट्रांसफर करने की शिकायत वे सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, बीडीओ और जिला परिषद स्तर पर फरवरी माह में ही कर चुके है, लेकिन ठगी के शिकार यह गरीब परिवार अपने घर की आस में कन्हैयालाल के साथ-साथ सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नही हो रही है.
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
बहरहाल प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प न खाऊंगा न खाने दूंगा वाली बात प्रधानमंत्री आवास योजना में सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी सफल नहीं होने देना चाहते और खुद के घर भर रहे है. अब देखना होगा कि धनगांव के 100 से ज्यादा लाभार्थियों को प्रशासन उनका हक दिला पाता है और गुनहगारों के खिलाफ क्या कार्रवाई हो पाती है.