डूंगरपुर. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को यादगार बनाने के लिए दुर्गा सोलर एनर्जी और राजीविका की ओर से जिले में आदिवासी महिलाओं और स्कूली विद्यार्थियों को सोलर लैंप बनाने का प्रशिक्षण दिया गया.
दुर्गा एनर्जी प्रोजेक्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में जिले के करीब 100 से ज्यादा आदिवासी महिलाओं और स्कूली बच्चो ने हिस्सा लिया. दुर्गा एनर्जी के तकनीकी विशेषज्ञों ने लैंप बनाने की तकनीक समझाई साथ ही उन्हें लैंप बनाने का सामान भी उपलब्ध करवाया.
बता दें कि आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर जिले की महिलाएं और विद्यार्थी इस अवसर पर सोलर एनर्जी को समझ पाए और सोलर लाइट का उपयोग करना भी सीख गए. बच्चों ने जैसे ही लैंप तैयार करते हुए लाइट जलाई तो उनके चेहरे पर खुशी छा गई. वहीं महिलाओं ओर विद्यार्थियों की ओर से तैयार किये गए लैंप को उन्हें भेंट किया गया.
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नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय और आईआईटी मुंबई की ओर से सोलर एनर्जी प्रशिक्षण का आयोजन साठ देशों के साथ भारत में करीब साढे़ 3 हजार स्थानों पर किया गया, जिसमें 10 लाख बच्चों ने ''ग्लोबल स्टूडेंट सोलर असेंबली'' के तहत सोलर लैंप का निर्माण किया है.
आईआईटी मुंबई का मानना है कि इससे बच्चों में पर्यावरण और प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर चलने का हुनर पैदा होगा. साथ ही बताया कि जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत ने संवेदनशीलता दिखाई है और 2022 तक 175 गीगाबाइट नवीनीकरण ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य रखा है. वहीं सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए गंभीर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि भारत 2030 तक 450 गीगावाट तक नवीनीकरण ऊर्जा बढ़ाएगा.