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महात्मा गांधी की जयंती पर स्कूली बच्चों और महिलाओं को सिखाया सोलर लैंप बनाना - Dungarpur Latest News

डूंगरपुर में गांधी जयंती के अवसर पर दुर्गा सोलर एनर्जी और राजीविका की ओर से जिले में आदिवासी महिलाओं और स्कूली विद्यार्थियों को सोलर लैंप बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. जिले के करीब 100 से ज्यादा आदिवासी महिलाओं और स्कूली बच्चो ने सोलर लैंप बनाने का प्रशिक्षण में हिस्सा लिया.

डूंगरपुर ताजा खबर, Dungarpur Latest News
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Published : Oct 2, 2019, 10:53 PM IST

डूंगरपुर. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को यादगार बनाने के लिए दुर्गा सोलर एनर्जी और राजीविका की ओर से जिले में आदिवासी महिलाओं और स्कूली विद्यार्थियों को सोलर लैंप बनाने का प्रशिक्षण दिया गया.

दुर्गा एनर्जी प्रोजेक्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में जिले के करीब 100 से ज्यादा आदिवासी महिलाओं और स्कूली बच्चो ने हिस्सा लिया. दुर्गा एनर्जी के तकनीकी विशेषज्ञों ने लैंप बनाने की तकनीक समझाई साथ ही उन्हें लैंप बनाने का सामान भी उपलब्ध करवाया.

स्कूली बच्चों और महिलाओं ने सोलर लैंप बनाना सीखा

बता दें कि आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर जिले की महिलाएं और विद्यार्थी इस अवसर पर सोलर एनर्जी को समझ पाए और सोलर लाइट का उपयोग करना भी सीख गए. बच्चों ने जैसे ही लैंप तैयार करते हुए लाइट जलाई तो उनके चेहरे पर खुशी छा गई. वहीं महिलाओं ओर विद्यार्थियों की ओर से तैयार किये गए लैंप को उन्हें भेंट किया गया.

पढ़ेंः जोधपुरः फलोदी में शिक्षक का तबादला करने के विरोध में छात्रों का अहिंसात्मक आंदोलन

नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय और आईआईटी मुंबई की ओर से सोलर एनर्जी प्रशिक्षण का आयोजन साठ देशों के साथ भारत में करीब साढे़ 3 हजार स्थानों पर किया गया, जिसमें 10 लाख बच्चों ने ''ग्लोबल स्टूडेंट सोलर असेंबली'' के तहत सोलर लैंप का निर्माण किया है.

आईआईटी मुंबई का मानना है कि इससे बच्चों में पर्यावरण और प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर चलने का हुनर पैदा होगा. साथ ही बताया कि जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत ने संवेदनशीलता दिखाई है और 2022 तक 175 गीगाबाइट नवीनीकरण ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य रखा है. वहीं सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए गंभीर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि भारत 2030 तक 450 गीगावाट तक नवीनीकरण ऊर्जा बढ़ाएगा.

डूंगरपुर. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को यादगार बनाने के लिए दुर्गा सोलर एनर्जी और राजीविका की ओर से जिले में आदिवासी महिलाओं और स्कूली विद्यार्थियों को सोलर लैंप बनाने का प्रशिक्षण दिया गया.

दुर्गा एनर्जी प्रोजेक्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में जिले के करीब 100 से ज्यादा आदिवासी महिलाओं और स्कूली बच्चो ने हिस्सा लिया. दुर्गा एनर्जी के तकनीकी विशेषज्ञों ने लैंप बनाने की तकनीक समझाई साथ ही उन्हें लैंप बनाने का सामान भी उपलब्ध करवाया.

स्कूली बच्चों और महिलाओं ने सोलर लैंप बनाना सीखा

बता दें कि आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर जिले की महिलाएं और विद्यार्थी इस अवसर पर सोलर एनर्जी को समझ पाए और सोलर लाइट का उपयोग करना भी सीख गए. बच्चों ने जैसे ही लैंप तैयार करते हुए लाइट जलाई तो उनके चेहरे पर खुशी छा गई. वहीं महिलाओं ओर विद्यार्थियों की ओर से तैयार किये गए लैंप को उन्हें भेंट किया गया.

पढ़ेंः जोधपुरः फलोदी में शिक्षक का तबादला करने के विरोध में छात्रों का अहिंसात्मक आंदोलन

नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय और आईआईटी मुंबई की ओर से सोलर एनर्जी प्रशिक्षण का आयोजन साठ देशों के साथ भारत में करीब साढे़ 3 हजार स्थानों पर किया गया, जिसमें 10 लाख बच्चों ने ''ग्लोबल स्टूडेंट सोलर असेंबली'' के तहत सोलर लैंप का निर्माण किया है.

आईआईटी मुंबई का मानना है कि इससे बच्चों में पर्यावरण और प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर चलने का हुनर पैदा होगा. साथ ही बताया कि जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत ने संवेदनशीलता दिखाई है और 2022 तक 175 गीगाबाइट नवीनीकरण ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य रखा है. वहीं सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए गंभीर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि भारत 2030 तक 450 गीगावाट तक नवीनीकरण ऊर्जा बढ़ाएगा.

Intro:डूंगरपुर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए दुर्गा सोलर एनर्जी और राजीविका की ओर से जिले में आदिवासी महिलाओं और स्कूली विद्यार्थियों को सोलर लैंप बनाने का प्रशिक्षण दिया गया तो तकनीक को समझने के बाद उनके चेहरे खुशी से खिल उठे।


Body:दुर्गा एनर्जी प्रोजेक्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में जिले के करीब 100 से ज्यादा आदिवासी महिलाओं और स्कूली बच्चो ने हिस्सा लिया। दुर्गा एनर्जी के तकनीकी विशेषज्ञों ने लैंप बनाने की तकनीक समझाई और उन्हें सामान उपलब्ध करवाया। इसके महिलाओ ओर बच्चों ने ही लैंप तैयार करते हुए लाइट जलाई तो उनके चेहरे पर खुशी छा गई। इससे आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर जिले की महिलाएं और विद्यार्थी सोलर एनर्जी को समझ पाए और सोलर लाइट के उपयोग करने की सीख भी दी गई। महिलाओ ओर विद्यार्थियों की ओर से तैयार किये गए लैंप को उन्हें भेंट किया गया।
नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय और आईआईटी मुंबई की ओर से सोलर एनर्जी प्रशिक्षण का आयोजन साठ देशों के साथ भारत में करीब साढे 3 हजार स्थानों पर किया गया, जिसमें 10 लाख बच्चों ने ''ग्लोबल स्टूडेंट सोलर असेंबली'' के तहत सोलर लैंप का निर्माण किया है। आईआईटी मुंबई का मानना है कि इससे बच्चों में पर्यावरण और प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर चलने का हुनर पैदा होगा। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत में संवेदनशीलता दिखाई है और 2022 तक 175 गीगाबाइट नवीनीकरण ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य रखा है। सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि भारत 2030 तक 450 गीगावाट तक बढ़ाएगा।

बाईट- जुगलकिशोर, दुर्गा एनर्जी ऑपरेशन इंचार्ज।


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