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कैसा है 'रैन' में बसेरा: डूंगरपुर में 2 आश्रय स्थल का रियलिटी चेक

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Published : Dec 16, 2019, 5:02 PM IST

Updated : Dec 17, 2019, 11:37 AM IST

प्रदेश में बढ़ती ठंड को देखते हुए रैन बसेरों का हाल जानने के लिए ईटीवी भारत ने डूंगरपुर में रियलिटी चेक किया. हमारी टीम ने आश्रय स्थलों और रैन बसेरों का जायजा लिया, देखिए स्पेशल रिपोर्ट

डूंगरपुर रैन बसेरा, reality check of shelters in dungarpur
डूंगरपुर: रैन बसेरा का रियलिटी चेक

डूंगरपुर. प्रदेश में ठंड का असर बढ़ने लगा है. शीत लहर के कारण ठंड बढ़ी है, जिससे लोग बचाव के लिए जतन करते नजर आ रहे हैं. डूंगरपुर जिले में ठंड की वजह से लोगों की मुश्किल बढ़ गई है. ऐसे में बेसहारा, बेघर या बाहर से आने वाले लोगों के ठहरने के लिए नगर परिषद डूंगरपुर की ओर से 2 आश्रय स्थल (रैन बसेरे) बनाए गए हैं.

डूंगरपुर: रैन बसेरा का रियलिटी चेक

एक आश्रय स्थल श्रीहरिदेव जोशी जिला अस्पताल के पास है. दूसरा आश्रय स्थल उदयपुर रोड पर राजपुर घाटी में संचालित है. इन आश्रय स्थलों पर ठहरने वाले लोगों को मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची ओर रियलिटी चेक किया.

ये पढ़ेंः कैसा है 'रैन' में बसेरा: झालावाड़ में बने आश्रय स्थलों का रियलिटी चेक

अस्पताल के पास आश्रय स्थल में कई लोग ठहरे हुए हैं. वहीं एक महिला भी रुकी है. यहां महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग कमरों में ठहरने की सुविधा है. लोगों के सोने, बैठने के लिए पलंग और गद्दे लगे हुए हैं, साथ ही ठंड से बचाव के लिए रजाइयां भी उपलब्ध हैं.

यहां मिलने वाली सुविधाओं को लेकर हमने मौजूद लोगों से बातचीत की तो वे पूरी तरह से संतुष्ट नजर आए. लोगों ने बताया, कि गद्दे और रजाइयों के अलावा पीने के लिए शुद्ध आरओ का पानी उपलब्ध है. वहीं सुबह नहाने के लिए भी गर्म पानी मिलता है. यहां ठहरने वाले लोगों के मनोरंजन के लिए टीवी भी लगी हुई है. साथ ही सुरक्षा के लिए सीसीटीवी भी लगे हुए हैं.

ये पढ़ेंः कैसा है 'रैन' में बसेरा: बूंदी में सभी सुविधाओं से लैस हैं आश्रय स्थल... गर्म पानी से लेकर टीवी तक की व्यवस्था, देखें स्पेशल रिपोर्ट

लोगों ने बताया, कि शौचालय भी पूरी तरह से साफ-सुथरे हैं. आश्रय स्थल के चौकीदार और संचालक ने बताया, कि ये सभी सुविधाएं पूरी तरह से निःशुल्क हैं. यहां 25 महिलाओं और 25 पुरूषों के ठहरने की अलग-अलग सुविधा उपलब्ध है.

इसी तरह उदयपुर रोड पर स्थित आश्रय स्थल पर भी चौकीदार तैनात है. साथ ही यहां ठहरने वाले लोगों के लिए पलंग, बिछाने के लिए गद्दे और ओढ़ने के लिए रजाई की व्यवस्था है. यहां भी मौजूद लोगों से बातचीत की तो वे भी यहां दी जाने वाली सुविधाओं से संतुष्ट नजर आए.

लोगों ने कहा, कि पीने के लिए शुद्ध आरओ का पानी भी मिलता है और उन्हें किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं है. हालांकि आश्रय स्थल में पर्याप्त रोशनी का इंतजाम था, लेकिन बाहर की ओर अंधेरा होने के कारण आने वाले लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

डूंगरपुर. प्रदेश में ठंड का असर बढ़ने लगा है. शीत लहर के कारण ठंड बढ़ी है, जिससे लोग बचाव के लिए जतन करते नजर आ रहे हैं. डूंगरपुर जिले में ठंड की वजह से लोगों की मुश्किल बढ़ गई है. ऐसे में बेसहारा, बेघर या बाहर से आने वाले लोगों के ठहरने के लिए नगर परिषद डूंगरपुर की ओर से 2 आश्रय स्थल (रैन बसेरे) बनाए गए हैं.

डूंगरपुर: रैन बसेरा का रियलिटी चेक

एक आश्रय स्थल श्रीहरिदेव जोशी जिला अस्पताल के पास है. दूसरा आश्रय स्थल उदयपुर रोड पर राजपुर घाटी में संचालित है. इन आश्रय स्थलों पर ठहरने वाले लोगों को मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम पहुंची ओर रियलिटी चेक किया.

ये पढ़ेंः कैसा है 'रैन' में बसेरा: झालावाड़ में बने आश्रय स्थलों का रियलिटी चेक

अस्पताल के पास आश्रय स्थल में कई लोग ठहरे हुए हैं. वहीं एक महिला भी रुकी है. यहां महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग कमरों में ठहरने की सुविधा है. लोगों के सोने, बैठने के लिए पलंग और गद्दे लगे हुए हैं, साथ ही ठंड से बचाव के लिए रजाइयां भी उपलब्ध हैं.

यहां मिलने वाली सुविधाओं को लेकर हमने मौजूद लोगों से बातचीत की तो वे पूरी तरह से संतुष्ट नजर आए. लोगों ने बताया, कि गद्दे और रजाइयों के अलावा पीने के लिए शुद्ध आरओ का पानी उपलब्ध है. वहीं सुबह नहाने के लिए भी गर्म पानी मिलता है. यहां ठहरने वाले लोगों के मनोरंजन के लिए टीवी भी लगी हुई है. साथ ही सुरक्षा के लिए सीसीटीवी भी लगे हुए हैं.

ये पढ़ेंः कैसा है 'रैन' में बसेरा: बूंदी में सभी सुविधाओं से लैस हैं आश्रय स्थल... गर्म पानी से लेकर टीवी तक की व्यवस्था, देखें स्पेशल रिपोर्ट

लोगों ने बताया, कि शौचालय भी पूरी तरह से साफ-सुथरे हैं. आश्रय स्थल के चौकीदार और संचालक ने बताया, कि ये सभी सुविधाएं पूरी तरह से निःशुल्क हैं. यहां 25 महिलाओं और 25 पुरूषों के ठहरने की अलग-अलग सुविधा उपलब्ध है.

इसी तरह उदयपुर रोड पर स्थित आश्रय स्थल पर भी चौकीदार तैनात है. साथ ही यहां ठहरने वाले लोगों के लिए पलंग, बिछाने के लिए गद्दे और ओढ़ने के लिए रजाई की व्यवस्था है. यहां भी मौजूद लोगों से बातचीत की तो वे भी यहां दी जाने वाली सुविधाओं से संतुष्ट नजर आए.

लोगों ने कहा, कि पीने के लिए शुद्ध आरओ का पानी भी मिलता है और उन्हें किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं है. हालांकि आश्रय स्थल में पर्याप्त रोशनी का इंतजाम था, लेकिन बाहर की ओर अंधेरा होने के कारण आने वाले लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है.

Intro:डूंगरपुर। प्रदेश में ठंड का असर बढ़ने लगा है तो शीत लहर के कारण लोगों को धूजणी छूट रही है। लगातार गिरते तापमान से ठंड बढ़ी तो लोग इससे बचाव के जतन करते नजर आ रहे है। बढ़ती ठंड के बीच ईटीवी भारत ने डूंगरपुर में बने आश्रय स्थलों का रियलिटी चेक किया और उसमें रहने वाले लोगों से जाना कि उन्हें किस तरह की सुविधाएं मिल रही है। देखिए स्पेशल रिपोर्ट।


Body:डूंगरपुर जिले में दिन ओर रात के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। दिन का तापमान जहां 24 डिग्री सेल्सियस रहा तो वहीं रात का तापमान 10 डिग्री तक पंहुच गया है। इसके साथ ही शीत लहर चलने से ठंड का असर बढ़ने लगा है। ठंड की वजह से दिन में कंपकंपी छूट रही है और लोग ठंड से बचाव के लिए ऊनी ओर मोटे कपड़ो का इस्तेमाल कर रहे है।
ऐसे में बेसहारा, बेघर या बाहर से आने वाले लोगो के ठहरने के लिए नगर परिषद डूंगरपुर की ओर से 2 आश्रय स्थल (रैन बसेरे) बनाएं गए है। इसमें से एक श्रीहरिदेव जोशी जिला अस्पताल के पास और दूसरा उदयपुर रोड पर राजपुर घाटी में आश्रय स्थल संचालित है। इन आश्रय स्थलों पर ठहरने वाले लोगों को मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम पंहुची ओर रियलिटी चैक किया।
अस्पताल के पास आश्रय स्थल में करीब 10 लोग ठहरे हुए थे, वहीं एक महिला भी रुकी थी। महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग कमरो में ठहरने की सुविधा थी। लोगो के सोने और बैठने के लिए पलंग ओर गद्दे लगे हुए थे तो ठंड से बचाव के लिए ओढ़ने रजाइयां भी उपलब्ध थी। यहां मिलने वाली सुविधाओं को लेकर हमने मौजूद लोगों से बातचीत की तो वे पूरी तरह से संतुष्ट नजर आए। लोगो ने बताया कि गद्दे और रजाइयों के अलावा पीने के लिए शुद्ध आरओ का पानी उपलब्ध है तो वही सुबह में नहाने के लिए भी गर्म पानी मिलता है। यहां ठहरने वाले लोगो के लिये मनोरंजन के लिए टीवी भी लगी हुई है तो वही सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए थे। लोगों ने बताया कि शौचालय भी पूरी तरह से साफ सुथरे है। इस बारे में आश्रय स्थल के चौकीदार और संचालक से भी बातचीत की तो उन्होंने बताया कि यह सभी सुविधाएं पूरी तरह से निःशुल्क है। यहां 25 महिलाओ व 25 पुरूषों के ठहरने की अलग-अलग सुविधा उपलब्ध है।
इसी तरह ईटीवी भारत की टीम उदयपुर रोड पर स्थित आश्रय स्थल पंहुची तो यहां भी चौकीदार तैनात था। रैन बसेरे में करीब 4 लोग सोए हुए थे। उन्हें पलंग, बिछाने के लिए गद्दे और ओढ़ने के लिए रजाई मिली हुई थी। यहां भी मौजूद लोगों से बातचीत की तो दी जाने वाली सुविधाओं से संतुष्ट नजर आए। लोगों ने कहा कि पीने के लिए शुद्ध आरओ का पानी भी मिलता है और उन्हें किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं है। हालांकि आश्रय स्थल में पर्याप्त रोशनी का इंतजाम था लेकिन बाहर की ओर अंधेरा होने के कारण आने वाले लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

बाईट 1- थावरा, आश्रित
बाईट 2- दयाराम मीणा, आश्रित धौलपुर
बाईट 3- कांतिलाल चरपोटा, आश्रित बांसवाडा
बाईट 4- हितेश, आश्रित
बाईट 5- चंदूलाल मनात, चौकीदार अस्पताल के पास आश्रय स्थल
बाईट 6- चौकीदार, राजपुर आश्रय स्थल
बाईट 7- कुलदीपसिंह चौहान, संचालक आश्रय स्थल



Conclusion:
Last Updated : Dec 17, 2019, 11:37 AM IST
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