सागवाड़ा (डूंगरपुर). श्रीगोवर्धन विद्याविहार के तत्वावधान में खडग़दा में चल रही संत मुरारी बापू की राम कथा के दूसरे दिन बापू ने श्रीराम कथा को संवेदना जगाने का सशक्त माध्यम बताया. उन्होंने वाणी के संयम के बारे में लोकसभा चुनाव का जिक्र किए बगैर कहा कि पिछले दो महीनों के दौरान नेताओं के बड़बोलेपन से जहां आम व्यक्ति दुखी है. वहीं यह भारत की संस्कृति और गरिमा के भी खिलाफ है. संत मोरारी बापू ने नेताओं द्वारा एक दूसरे पर भाषा की मर्यादा खो कर दिए जा रहे बयानों पर दुख जताया.
खडग़दा में शनिवार से शुरू हुई श्रीराम कथा के दूसरे दिन रविवार को पाण्डाल में हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं से मुरारी बापू ने कहा कि मनुष्य जब तक अपने मन से राग, द्वेष नहीं मिटाएगा तब तक प्रेम नहीं आएगा. जब अपात्र लोग उपदेश देने लग जाते हैं, तो समाज में संतुलन बिगड़ जाता है. संत का काम संदेश देना है. उपदेश उपनिषद और आदेश परम् शक्ति देती है. हम सब इंसान है.
इससे पहले यजमान अशोक-ज्योति सचदेव, अभिषेक सचदेव और पं. हितेष नारायण दीक्षित ने पोथी पूजन किया. कथा के दूसरे दिन आसपास के क्षेत्रों के साथ ही बांसवाड़ा-डूंगरपुर जिलों के बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. कथा 26 मई तक रोज सुबह 9.30 से दोपहर 1.30 बजे तक होगी.