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डूंगरपुर में भाई-बहन के प्रेम का पर्व रक्षाबंधन हर्षोल्लास से मनाया जा रहा - भाई-बहन का त्योहार

डूंगरपुर में भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन सोमवार को जिलेभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. वहीं रक्षाबंधन पर कोरोना का भी असर दिखाई दे रहा है.

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डूंगरपुर में भाई-बहन के प्रेम का पर्व रक्षाबंधन हर्षोल्लास से मनाया जा रहा
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Published : Aug 3, 2020, 1:48 PM IST

डूंगरपुर. भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन सोमवार को जिलेभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है, लेकिन रक्षाबंधन के पर्व पर कोरोना का भी असर दिखाई दिया है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण कई बहने अपने भाइयों के घरों पर नहीं पंहुच पाई है, जिसका भी मलाल भाइयों को रहा.

श्रावण शुक्ल पूर्णिमा पर हर साल की तरह इस बार भी रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया. रक्षाबंधन को लेकर लोग सुबह से ही उत्साह नजर आया. सुबह होते ही बहनें अपने भाइयों के घर पंहुची, तो कई बहनें एक दिन पहले ही पंहुच गई थी. सुबह शुभ मुहूर्त में बहनों ने पहले अपने भाइयों का तिलक लगाया, आरती उतारी और फिर मुंह मीठा करवाते हुए हाथों पर रक्षा सूत्र बांधा. इस अवसर पर भाइयों ने भी बहनों का मिठाई खिलाते हुए उन्हें उपहार दिए. वहीं छोटे बच्चों में राखी को लेकर जबर्दस्त उत्साह दिखाई दिया.

यह भी पढ़ें- राखी बांधने का क्या है शुभ मुहूर्त ?

वहीं राखी को लेकर मान्यता है कि बहनें भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर अपने भाई से रक्षा का वचन लेती है और भाई उसे जिंदगीभर निभाता है. दूसरी ओर रक्षाबंधन के पर्व पर इस बार कोरोना का ग्रहण भी दिखाई दे रहा है. कई दूर-दराज क्षेत्र में रहने वाली बहने अपने भाइयों के घर नहीं पंहुच सकी, हालांकि कई बहनों ने अपने भाइयों को राखियां पोस्ट या कुरियर से ही भेज दी थी, ताकि रक्षाबंधन के दिन भाई अपने कलाई पर राखी बांध लें. वहीं रक्षाबंधन के दिन सरकार की ओर से रोडवेज बसों में बहनों के लिए फ्री यात्रा की घोषणा के बावजूद भी बसों में यात्रा करने वाली बहनों की संख्या पिछले सालों के मुकाबले कम ही दिखाई दी है.

डूंगरपुर. भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन सोमवार को जिलेभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है, लेकिन रक्षाबंधन के पर्व पर कोरोना का भी असर दिखाई दिया है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण कई बहने अपने भाइयों के घरों पर नहीं पंहुच पाई है, जिसका भी मलाल भाइयों को रहा.

श्रावण शुक्ल पूर्णिमा पर हर साल की तरह इस बार भी रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया. रक्षाबंधन को लेकर लोग सुबह से ही उत्साह नजर आया. सुबह होते ही बहनें अपने भाइयों के घर पंहुची, तो कई बहनें एक दिन पहले ही पंहुच गई थी. सुबह शुभ मुहूर्त में बहनों ने पहले अपने भाइयों का तिलक लगाया, आरती उतारी और फिर मुंह मीठा करवाते हुए हाथों पर रक्षा सूत्र बांधा. इस अवसर पर भाइयों ने भी बहनों का मिठाई खिलाते हुए उन्हें उपहार दिए. वहीं छोटे बच्चों में राखी को लेकर जबर्दस्त उत्साह दिखाई दिया.

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वहीं राखी को लेकर मान्यता है कि बहनें भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर अपने भाई से रक्षा का वचन लेती है और भाई उसे जिंदगीभर निभाता है. दूसरी ओर रक्षाबंधन के पर्व पर इस बार कोरोना का ग्रहण भी दिखाई दे रहा है. कई दूर-दराज क्षेत्र में रहने वाली बहने अपने भाइयों के घर नहीं पंहुच सकी, हालांकि कई बहनों ने अपने भाइयों को राखियां पोस्ट या कुरियर से ही भेज दी थी, ताकि रक्षाबंधन के दिन भाई अपने कलाई पर राखी बांध लें. वहीं रक्षाबंधन के दिन सरकार की ओर से रोडवेज बसों में बहनों के लिए फ्री यात्रा की घोषणा के बावजूद भी बसों में यात्रा करने वाली बहनों की संख्या पिछले सालों के मुकाबले कम ही दिखाई दी है.

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