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Special: दिवड़ा बड़ा में बह रही बदलाव की बयार, स्वच्छता से लेकर पर्यावरण तक कर रहे नवाचार

स्वच्छता की राह पर नवाचार के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर डूंगरपुर शहर ने पहचान बनाई है. इस जिले की ग्राम पंचायत दिवड़ा बड़ा भी कई नवाचार करते हुए अनूठी पहचान कायम कर रहा है.

Divda bada Panchayat in Dungarpur
दिवड़ा बड़ा की नई पहचान
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Published : Feb 9, 2023, 7:17 PM IST

दिवडा बड़ा पंचायत में प्लास्टिक बैन, लाइब्रेरी, जैसी सुविधाएं

डूंगरपुर. स्वच्छता के साथ ही नवाचारों को लेकर डूंगरपुर शहर ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. अब इसी राह पर डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा ब्लॉक का ग्राम पंचायत दिवड़ा बड़ा भी आगे बढ़ रहा है. गांव के विकास के लिए यहां कई तरह के नवाचार किए जा रहे हैं. इस ग्राम पंचायत में स्वच्छता के साथ ही हरियाली, शुद्ध पेयजल को लेकर कई कदम उठाए गए हैं. साथ ही युवाओं को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए लाइब्रेरी संचालित की जा रही है. वहीं, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

डूंगरपुर जिले का यह ग्राम पंचायत अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहा है. गांव के विकास के लिए उठाए जा रहे कदमों में स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन और भारत राष्ट्रीय योजना स्वीकृति समिति के सदस्य केके गुप्ता का भी सहयोग मिल रहा है.

डोर टू डोर हो रहा कचरा संग्रहणः पूर्व उपसरपंच हितेश पाटीदार ने कहा कि दिवड़ा बड़ा पंचायत में शहरी क्षेत्र की तर्ज पर स्वच्छता को लेकर डोर टू डोर कचरा संग्रहण किया जा रहा है. इसके लिए पंचायत की ओर से एक वाहन भी लगाया है. जिसके तहत कचरे की गाड़ी गांव के घर-घर जाती है, जहां पर ग्रामीण गीला व सूखा कचरा अलग-अलग डालते हैं. वहीं इसके अलावा कचरा प्रबंधन, कचरा निस्तारण, आवारा पशुओं की रोकथाम, ग्रेव वाटर ट्रीटमेंट, पौधरोपण जैसे कार्य भी पंचायत की ओर से किए जा रहे हैं.

Cleanliness campaign in Dungarpur
महिलाओं को सिलाई मशीनें उपलब्ध कराई गई

पढ़ें: संसाधनों की कमी से डोर टू डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था चरमराई, शहर में गंदगी का ढेर...अब गैराज मजबूत करने पर जोर

प्लास्टिक मुक्त होगी पंचायतः स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन और भारत राष्ट्रीय योजना स्वीकृति समिति के सदस्य के के गुप्ता के निर्देशन में पंचायत को प्लास्टिक मुक्त करने की भी पहल की गई है. जिसके तहत प्लास्टिक पोलीथिन कैरीबेग को एकत्रित करने के लिए कट्टों को हर घर वितरण करवाया गया है. केके गुप्ता ने कहा कि एक महीने तक हर घर से जितना भी प्लास्टिक निकलता है, उस प्लास्टिक को एक गाड़ी के जरिए एकत्रित किया जाता है. वहीं, कचरे से खाद बनाने का काम भी पंचायत की ओर से किया जा रहा है.

पर्यावरण संरक्षण और सेहत पर दिया ध्यानः दिवड़ा बड़ा पंचायत स्वच्छता के साथ पर्यावरण संरक्षण व सेहत पर भी ध्यान दे रही है. पंचायत की ओर से पंचायत क्षेत्र में स्वच्छ वातावरण हो, इसके लिए सड़कों के दोनों तरफ पौधे लगाए गए हैं. वहीं उनकी सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड की भी व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं बच्चो के खेलने के लिए ग्राउंड भी बनाया गया है, साथ ही बगीचों में ओपन जीम भी पंचायत की ओर से बनाया गया है.

Cleanliness campaign in Dungarpur
युवाओं को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए लाइब्रेरी

पढ़ें: हर घर के आगे नगर निगम ग्रेटर लगाएगा RFID कार्ड, जानें क्यों?

शुद्ध पेयजल के लिए लगाईं RO वैन और RO ATM मशीनः पंचायत की ओर से ग्रामीणों के लिए शुद्ध पेयजल का भी ध्यान रखा गया है. पंचायत की ओर से गांव में आरओ वेन की भी व्यवस्था लगाई गई है. जिसके तहत आरओ एटीएम मशीन का वाहन सुबह और शाम को गांव की गलियों में जाती है. जहां पर ग्रामीणों को उनके घर पर आरओ शुद्ध पानी भी उपलब्ध हो जाता है. वहीं इसके साथ ही गांव में आरओ एटीएम मशीन भी स्थापित की गई है, जहा पर 24 घंटे शुद्ध पानी की व्यवस्था की गई है.

युवाओं के लिए शुरू की लाइब्रेरीः दिवडा बड़ा के उपसरपंच और ग्रामीणों की एक सराहनीय पहल पंचायत के युवाओं का भविष्य सुधार रही है. केके गुप्ता ने बताया कि भामाशाहों के सहयोग से पंचायत के दो गांवों में अत्याधुनिक लाइब्रेरिया संचालित की जा रही है. जहां पर पंचायत क्षेत्र के 200 से अधिक युवा नि:शुल्क अपनी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियां करते हुए अपना लक्ष्य साधने में लगे हैं. उन्होंने बताया कि दिवडा बड़ा गांव में गोरेश्वर लाइब्रेरी पिछले कई महीनों से संचालित है. लाइब्रेरी का संचालन ग्राम पंचायत दिवडा बड़ा की ओर से किया जा रहा है. इस लाइब्रेरी में स्थानीय गांव के 80 छात्र-छात्राएं दो शिफ्ट में नि:शुल्क अध्ययन कर रहे हैं.

Cleanliness campaign in Dungarpur
दिवड़ा बड़ा में बह रही बदलाव की बयार

पढ़ें: Special: एमबी अस्पताल बना मॉडल, 5 साल में 6 हजार बच्चों को किया कुपोषण मुक्त

महिलाएं हो रहीं सशक्तः ग्रामीणों ने बताया कि युवाओं के साथ ही गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए भी पंचायत की ओर से पहल की गई है. पंचायत की ओर से बेरोजगारी मुक्ति की ओर कदम बढ़ाते हुए गांव की जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से पंचायत घर में ही लगभग 25 सिलाई मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं. यहां महिलाएं सिलाई सीखती हैं. इसके साथ ही कपड़े की थैलियां बनाकर पर्यावरण की रक्षा में भी अपना योगदान दे रही हैं. इससे महिलाएं आत्मनिर्भर भी बन रही हैं.

दिवडा बड़ा पंचायत में प्लास्टिक बैन, लाइब्रेरी, जैसी सुविधाएं

डूंगरपुर. स्वच्छता के साथ ही नवाचारों को लेकर डूंगरपुर शहर ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. अब इसी राह पर डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा ब्लॉक का ग्राम पंचायत दिवड़ा बड़ा भी आगे बढ़ रहा है. गांव के विकास के लिए यहां कई तरह के नवाचार किए जा रहे हैं. इस ग्राम पंचायत में स्वच्छता के साथ ही हरियाली, शुद्ध पेयजल को लेकर कई कदम उठाए गए हैं. साथ ही युवाओं को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए लाइब्रेरी संचालित की जा रही है. वहीं, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

डूंगरपुर जिले का यह ग्राम पंचायत अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहा है. गांव के विकास के लिए उठाए जा रहे कदमों में स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन और भारत राष्ट्रीय योजना स्वीकृति समिति के सदस्य केके गुप्ता का भी सहयोग मिल रहा है.

डोर टू डोर हो रहा कचरा संग्रहणः पूर्व उपसरपंच हितेश पाटीदार ने कहा कि दिवड़ा बड़ा पंचायत में शहरी क्षेत्र की तर्ज पर स्वच्छता को लेकर डोर टू डोर कचरा संग्रहण किया जा रहा है. इसके लिए पंचायत की ओर से एक वाहन भी लगाया है. जिसके तहत कचरे की गाड़ी गांव के घर-घर जाती है, जहां पर ग्रामीण गीला व सूखा कचरा अलग-अलग डालते हैं. वहीं इसके अलावा कचरा प्रबंधन, कचरा निस्तारण, आवारा पशुओं की रोकथाम, ग्रेव वाटर ट्रीटमेंट, पौधरोपण जैसे कार्य भी पंचायत की ओर से किए जा रहे हैं.

Cleanliness campaign in Dungarpur
महिलाओं को सिलाई मशीनें उपलब्ध कराई गई

पढ़ें: संसाधनों की कमी से डोर टू डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था चरमराई, शहर में गंदगी का ढेर...अब गैराज मजबूत करने पर जोर

प्लास्टिक मुक्त होगी पंचायतः स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन और भारत राष्ट्रीय योजना स्वीकृति समिति के सदस्य के के गुप्ता के निर्देशन में पंचायत को प्लास्टिक मुक्त करने की भी पहल की गई है. जिसके तहत प्लास्टिक पोलीथिन कैरीबेग को एकत्रित करने के लिए कट्टों को हर घर वितरण करवाया गया है. केके गुप्ता ने कहा कि एक महीने तक हर घर से जितना भी प्लास्टिक निकलता है, उस प्लास्टिक को एक गाड़ी के जरिए एकत्रित किया जाता है. वहीं, कचरे से खाद बनाने का काम भी पंचायत की ओर से किया जा रहा है.

पर्यावरण संरक्षण और सेहत पर दिया ध्यानः दिवड़ा बड़ा पंचायत स्वच्छता के साथ पर्यावरण संरक्षण व सेहत पर भी ध्यान दे रही है. पंचायत की ओर से पंचायत क्षेत्र में स्वच्छ वातावरण हो, इसके लिए सड़कों के दोनों तरफ पौधे लगाए गए हैं. वहीं उनकी सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड की भी व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं बच्चो के खेलने के लिए ग्राउंड भी बनाया गया है, साथ ही बगीचों में ओपन जीम भी पंचायत की ओर से बनाया गया है.

Cleanliness campaign in Dungarpur
युवाओं को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए लाइब्रेरी

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शुद्ध पेयजल के लिए लगाईं RO वैन और RO ATM मशीनः पंचायत की ओर से ग्रामीणों के लिए शुद्ध पेयजल का भी ध्यान रखा गया है. पंचायत की ओर से गांव में आरओ वेन की भी व्यवस्था लगाई गई है. जिसके तहत आरओ एटीएम मशीन का वाहन सुबह और शाम को गांव की गलियों में जाती है. जहां पर ग्रामीणों को उनके घर पर आरओ शुद्ध पानी भी उपलब्ध हो जाता है. वहीं इसके साथ ही गांव में आरओ एटीएम मशीन भी स्थापित की गई है, जहा पर 24 घंटे शुद्ध पानी की व्यवस्था की गई है.

युवाओं के लिए शुरू की लाइब्रेरीः दिवडा बड़ा के उपसरपंच और ग्रामीणों की एक सराहनीय पहल पंचायत के युवाओं का भविष्य सुधार रही है. केके गुप्ता ने बताया कि भामाशाहों के सहयोग से पंचायत के दो गांवों में अत्याधुनिक लाइब्रेरिया संचालित की जा रही है. जहां पर पंचायत क्षेत्र के 200 से अधिक युवा नि:शुल्क अपनी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियां करते हुए अपना लक्ष्य साधने में लगे हैं. उन्होंने बताया कि दिवडा बड़ा गांव में गोरेश्वर लाइब्रेरी पिछले कई महीनों से संचालित है. लाइब्रेरी का संचालन ग्राम पंचायत दिवडा बड़ा की ओर से किया जा रहा है. इस लाइब्रेरी में स्थानीय गांव के 80 छात्र-छात्राएं दो शिफ्ट में नि:शुल्क अध्ययन कर रहे हैं.

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दिवड़ा बड़ा में बह रही बदलाव की बयार

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महिलाएं हो रहीं सशक्तः ग्रामीणों ने बताया कि युवाओं के साथ ही गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए भी पंचायत की ओर से पहल की गई है. पंचायत की ओर से बेरोजगारी मुक्ति की ओर कदम बढ़ाते हुए गांव की जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से पंचायत घर में ही लगभग 25 सिलाई मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं. यहां महिलाएं सिलाई सीखती हैं. इसके साथ ही कपड़े की थैलियां बनाकर पर्यावरण की रक्षा में भी अपना योगदान दे रही हैं. इससे महिलाएं आत्मनिर्भर भी बन रही हैं.

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