डूंगरपुर. कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में 22 मार्च से लॉकडाउन लागू हो गया. इसके बाद लोगों के काम-धंधे सब चौपट हो गए, तो कईयों का रोजगार भी छिन गया. ऐसे में सरकार ने बिजली बिल की दरों में काफी छूट दी. लेकिन अब अनलॉक के बाद जब विभाग की ओर से बिजली के बिल उपभोक्ताओं के पास पंहुचे, तो लोगों को बिजली बिलों का ऐसा झटका लगा कि वे चकरा गए. 300 से 500 रुपए तक जिन उपभोक्ताओं का प्रतिमाह बिजली का बिल आता था, अब उनका बिल 2 से 3 हजार रुपए तक आया है. वहीं कई लोगों के बिजली बिल 10 हजार रुपए या फिर उससे भी ज्यादा आए हैं. ऐसे में पिछले कई महीनों से आर्थिक मंदी झेल रहे लोगों के सामने बिजली का भरने की चुनौती खड़ी हो गई है.
बिजली के बड़े बिल को देखकर अब लोग निगम के चक्कर काट रहे हैं. लोग निगम ने अधिकारियों को अपनी शिकायतें बता रहे हैं, तो कुछ लोग अपने बढ़े हुए बिजली बिल को कम करवाने में लगे हैं, ताकि उनका बजट ना गड़बड़ाए. इन तमाम बातों को लेकर ईटीवी भारत ने बिजली निगम के ऑफिस पंहुचे लोगों से बात की, तो उन्होंने अपनी समस्या बताई.
पहले 300 रुपएसे ज्यादा नहीं आता था बिल अब 2500 हजार
डूंगरपुर निवासी गीता बताती हैं कि उनके घर में एक बल्ब और एक पंखे के अलावा कोई भी उपकरण नहीं है. कोरोना में उनकी मजदूरी भी छूट गई, जैसे-तैसे कर घर परिवार का गुजारा चलता है. पहले बिजली का बिल भी 250 से 300 रुपए तक ही आता था, लेकिन अब 2,500 रुपए का बिल आया है. जो काफी ज्यादा है. ऐसे में बिजली का बिल भरना गीता के लिए मुश्किल हो रहा है.
गीता ने ईटीवी भारत से बताया कि वह बिजली निगम के अधिकारियों के पास आईं, तो उन्होंने भी कोई जवाब नहीं दिया और बिल भरने के लिए ही दबाव बनाया. अब गीता के सामने यह परेशानी खड़ी हो गई है कि वे घर में चूल्हा जलाएं या बिजली का बिल भरें.
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डूंगरपुर के ग्रामीण इलाके के रहने वाले उपभोक्ता रामजी भाई बताते हैं कि वे बिजली का मीटर बदलने के लिए 4 महीने से ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी उनकी नहीं सुन रहा है. पिछले 2-3 महीने एवरेज बिल आया था, लेकिन अब 5 हजार रुपए का बिल दे दिया है. ऐसे में वे बिल कैसे भरे?
शिवपुरा निवासी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि उन्होंने लॉकडाउन में भी 2 बार बिजली के बिल जमा करवाया है. लेकिन अब फिर से 6,500 रुपए का बिजली बिल आया है, जबकि इससे पहले जो बिल जमा करवाया था. उतनी ही यूनिट अब भी बढ़कर आई है. लक्ष्मण ने बताया कि वे अधिकारियों के पास जाते हैं, तो वे भी बिल जमा करवाने को कहकर परेशान कर रहे हैं और उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है.
खुलेआम उड़ रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
सरकार कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक कर रही है. वहीं प्रशासन की ओर से सभी विभागीय अधिकारियों को भी इसकी पालना करने और उनके ऑफिस आने वाले लोगों से भी सावधानी बरतने के लिए प्रेरित करने की अपील की जा रही है. लेकिन बिजली निगम के दफ्तरों में कोरोना से बचाव के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है.
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बिजली निगम के ऑफिस में रोजाना हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, जो अपने बिजली बिल संबंधित गड़बड़ियों को दूर करवाने के लिए आते हैं, क्योंकि इतना ज्यादा बिल देखकर लोग हक्के-भक्के रह गए हैं.
कोई गड़बड़ी नहीं, बढ़े बिल देखकर लोग घबरा रहे- एईएन
इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने बिजली निगम के एईएन सिटी योगेश पंचाल से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद अब लोगों के पास बिजली के बिल पंहुच रहे, तो ज्यादा बिल देखकर वे घबरा रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान लोगों ने एवरेज बिल जमा करवाए थे. अब मीटर रीडर ने जब वास्तविक रीडिंग की तो यूनिट ज्यादा होने से बिल बढ़े हुए हैं. फिर भी अगर कुछ लोगों की समस्या है, तो उन्हें दूर किया जा रहा है. जिन लोगों के बिल ज्यादा होने से भरने में परेशानी है, तो उन्हें भी पार्ट पेमेंट के माध्यम से राहत दी जा रही है.