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डूंगरपुर में शिक्षा के मंदिर का दफ्तर...छतों से लटक रहा प्लास्टर, जान-जोखिम में फिर भी काम की मजबूरी

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Published : Nov 14, 2019, 2:07 PM IST

प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में माध्यमिक शिक्षा विभाग कार्यालय के कार्मिक प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर हैं. कार्यालय भवन जर्जर हो चूका है और सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा कार्यालय के भवन को नकारा घोषित किया जा चुका है. लेकिन कर्मचारियों को नया दफ्तर मिलना किसी सपने से कम नहीं.

डूंगरपुर, office in shabby condition

डूंगरपुर. तीन हजार से ज्यादा स्कूलों को संभालने के लिए बना माध्यमिक शिक्षा कार्यालय, खंडहर भवन में संचालित हो रहा है. इस वजह से शिक्षा विभाग के अधिकारियों को खतरे में रहकर काम करना पड़ता है. स्थिति ऐसी है कि बारिश के मौसम में मुश्किल से चार महीने काम हो पाता है.

मौत के साए में काम करने को बेबस माध्यमिक शिक्षा विभाग के कर्मचारी

बता दें कि भवन में चार कमरों में छत का प्लास्टर गिरने के कारण बड़ा छेद हो गया है. जहां से सीधा आसमान दिखाई देता है. इन कमरों को पिछले आठ महीनों से ताला पड़ा हुआ है.
इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. जिसके चलते उन्हें हर पल खतरे का अंदेशा रहता है. छत का प्लास्टर टूटकर कंप्यूटर सिस्टम पर गिरता है जिससे सिस्टम खराब हो जाता है.

कलेक्टर ने डाइट में शिफ्ट करने के आदेश दिए, लेकिन वहां निर्वाचन की सामग्री पड़ी है

खस्ताहाल भवन को देखते हुए तत्कालीन कलेक्टर ने 6 महीने पहले शिक्षा विभाग के कार्यालय को डाइट में शिफ्ट करने के आदेश दिए थे. लेकिन डाइट में खाली कमरों में पिछले कई सालों से निर्वाचन विभाग की खराब मशीनें, रद्दी और अनुपयोगी सामान पड़े हुए हैं. कागजों में दो साल पहले ही निर्वाचन भवन बनकर सारा सामान शिफ्ट होना बता दिया है. लेकिन आज भी डाइट के इन कमरों में सामान भरा हुआ है. ऐसे में अब इन कमरों में भरे भंगार सामान को शिफ्ट नहीं करने के कारण आज तक माध्यमिक शिक्षा विभाग को सुपुर्द नहीं हुआ है.

पढे़ं: सीकर के रींगस में भीषण सड़क हादसा, 8 लोगों की मौत, करीब 10 घायल

कब खत्म होगा इंतजार

शिक्षा विभाग के कार्मिक मौत के साए में रहते हुए अपना काम करने पर विवश हैं और उन्हें डाईट भवन में शिफ्ट होने का इन्तजार है. हालांकि शिक्षा विभाग द्वारा डूंगरपुर मुख्यालय पर शिक्षा संकुल बनाने की प्लानिंग है. इसके लिए डाइट के पीछे स्थित भवन के प्रस्ताव भी भेजे जा चुके है. इसके कारण माध्यमिक शिक्षा कार्यालय भवन के लिए अलग से बजट का कोई प्रावधान नहीं है. खैर, अब देखना वाली बात ये होगी कि जिला प्रशासन कब तक डाईट भवन के कमरों में रखे निर्वाचन के सामान को खाली करवाकर शिक्षा विभाग को वहां स्थापित कर पाता है.

डूंगरपुर. तीन हजार से ज्यादा स्कूलों को संभालने के लिए बना माध्यमिक शिक्षा कार्यालय, खंडहर भवन में संचालित हो रहा है. इस वजह से शिक्षा विभाग के अधिकारियों को खतरे में रहकर काम करना पड़ता है. स्थिति ऐसी है कि बारिश के मौसम में मुश्किल से चार महीने काम हो पाता है.

मौत के साए में काम करने को बेबस माध्यमिक शिक्षा विभाग के कर्मचारी

बता दें कि भवन में चार कमरों में छत का प्लास्टर गिरने के कारण बड़ा छेद हो गया है. जहां से सीधा आसमान दिखाई देता है. इन कमरों को पिछले आठ महीनों से ताला पड़ा हुआ है.
इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. जिसके चलते उन्हें हर पल खतरे का अंदेशा रहता है. छत का प्लास्टर टूटकर कंप्यूटर सिस्टम पर गिरता है जिससे सिस्टम खराब हो जाता है.

कलेक्टर ने डाइट में शिफ्ट करने के आदेश दिए, लेकिन वहां निर्वाचन की सामग्री पड़ी है

खस्ताहाल भवन को देखते हुए तत्कालीन कलेक्टर ने 6 महीने पहले शिक्षा विभाग के कार्यालय को डाइट में शिफ्ट करने के आदेश दिए थे. लेकिन डाइट में खाली कमरों में पिछले कई सालों से निर्वाचन विभाग की खराब मशीनें, रद्दी और अनुपयोगी सामान पड़े हुए हैं. कागजों में दो साल पहले ही निर्वाचन भवन बनकर सारा सामान शिफ्ट होना बता दिया है. लेकिन आज भी डाइट के इन कमरों में सामान भरा हुआ है. ऐसे में अब इन कमरों में भरे भंगार सामान को शिफ्ट नहीं करने के कारण आज तक माध्यमिक शिक्षा विभाग को सुपुर्द नहीं हुआ है.

पढे़ं: सीकर के रींगस में भीषण सड़क हादसा, 8 लोगों की मौत, करीब 10 घायल

कब खत्म होगा इंतजार

शिक्षा विभाग के कार्मिक मौत के साए में रहते हुए अपना काम करने पर विवश हैं और उन्हें डाईट भवन में शिफ्ट होने का इन्तजार है. हालांकि शिक्षा विभाग द्वारा डूंगरपुर मुख्यालय पर शिक्षा संकुल बनाने की प्लानिंग है. इसके लिए डाइट के पीछे स्थित भवन के प्रस्ताव भी भेजे जा चुके है. इसके कारण माध्यमिक शिक्षा कार्यालय भवन के लिए अलग से बजट का कोई प्रावधान नहीं है. खैर, अब देखना वाली बात ये होगी कि जिला प्रशासन कब तक डाईट भवन के कमरों में रखे निर्वाचन के सामान को खाली करवाकर शिक्षा विभाग को वहां स्थापित कर पाता है.

Intro:डूंगरपुर। प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में माध्यमिक शिक्षा विभाग के कार्यालय के कार्मिक प्रतिदिन जान जोखिम में डाल कर काम करने को मजबूर है। माध्यमिक शिक्षा विभाग का कार्यालय भवन जर्जर हो चूका है और सार्वजनिक निर्माण विभाग ने भी कार्यालय के भवन को नकारा घोषित कर चूका है, लेकिन कही और व्यवस्था नहीं होने से कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी मौत के साए में काम करने को मजबूर है।Body:डूंगरपुर जिले में 3 हजार से ज्यादा स्कूलों को संभालने के लिए बना माध्यमिक शिक्षा कार्यालय खंडहर भवन में संचालित हो रहा है। इसके कारण शिक्षा विभाग के अधिकारियों को खतरे में रहकर कार्य करना पड़ता है। स्थिति ऐसी है कि बारिश के मौसम में मुश्किल से चार महीने काम होता है। भवन में चार कमरों में छत का लगातार प्लास्टर गिरने के कारण बड़ा छेद हो गया है। जहां से सीधा आसमान दिखाई देता है। इन कमरों को पिछले आठ महीनों से ताला लगाकर बंद कर रखा है।
इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों, अधिकारियों के लिए बैठने के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। इससे उन्हें हर समय खतरे का अंदेशा रहता है। छत का प्लास्टर टूटकर कंप्यूटर सिस्टम पर गिरने से हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है।

- कलेक्टर ने डाइट में शिफ्ट करने के आदेश दिए, लेकिन वहां निर्वाचन की सामग्री
खस्ताहाल भवन को देखकर तत्कालीन कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के कार्यालय को डाइट में शिफ्ट करने के आदेश 6 माह पहले जारी कर दिए थे लेकिन डाइट में खाली कमरों में पिछले कई वर्षों से निर्वाचन विभाग की खराब मशीनें, रद्दी और अनुपयोगी सामान पड़ा हुआ है। कागजों में दो वर्ष पहले ही निर्वाचन भवन बनकर सारा सामान शिफ्ट होना बता दिया है लेकिन आज भी डाइट के इन कमरों में सामान भरा हुआ है। ऐसे में अब इन कमरों में भरे भंगार सामान को शिफ्ट नहीं करने के कारण आज तक माध्यमिक शिक्षा विभाग को सुपुर्द नहीं हुआ है।

- कब खत्म होगा इंतजार
बहराल डाईट भवन में कमरे खाली नहीं होने से शिक्षा विभाग के कार्मिक मौत के साए में रहते हुए अपना काम कर रहे है और कार्मिको को डाईट भवन में शिफ्ट होने का इन्तजार है। हालाकि शिक्षा विभाग द्वारा डूंगरपुर मुख्यालय पर शिक्षा संकुल बनाने की प्लानिंग है। इसके लिए डाइट के पीछे स्थित भवन के प्रस्ताव भी भेजे जा चुके है। इसके कारण माध्यमिक शिक्षा कार्यालय भवन के लिए अलग से बजट का कोई प्रावधान नहीं है। खेर अब देखना होगा की जिला प्रशासन कब तक डाईट भवन के कमरों में रखे निर्वाचन के सामान को खाली करवाकर शिक्षा विभाग को वहा स्थापित कर पाता है या फिर जिला प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

बाईट 1- इन्द्रजीत सिंह, कार्यालय सहायक शिक्षा विभाग डूंगरपुर
बाईट 2- बंशीलाल रोत, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक डूंगरपुर।Conclusion:
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