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डूंगरपुर: अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों को मिलेगा नया जीवन, नवजीवन योजना बनेगी वरदान

भीलवाड़ा और भरतपुर में हुए अवैध शराब से दुखांतिका के बाद अब राज्य सरकार ने अवैध शराब बनाने और बेचने वालों को नवजीवन योजना से जोड़ने के निर्देश दिए हैं. जिससे इन कार्यों में लिप्त लोग अपना जीवन यापन कर सके.

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, Sale of illicit liquor
अवैध शराब कारोबार में लिप्त लोगों के लिए नवजीवन योजना
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Published : Feb 11, 2021, 4:08 PM IST

डूंगरपुर. सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की नवजीवन योजना अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों को नया जीवन देगी. ऐसे लोगों को फिर से अपना नया जीवन चलाने के लिए सरकार की ओर से कई तरह की सहूलियतें मिलेगी. सरकार के इन आदेशों के बाद प्रशासन ने अवैध शराब कारोबार में लिप्त लोगों की सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है.

प्रदेश के भीलवाड़ा और भरतपुर जिलों में अवैध शराब से हुई दुखांतिका के बाद सरकार ने अवैध शराब बनाने वाले और बेचने वालों को नवजीवन योजना से जोड़ने से निर्देश दिए है, ताकि अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोग अपना नया जीवनयापन कर सके.

अवैध शराब कारोबार में लिप्त लोगों के लिए नवजीवन योजना

समाज न्याय और अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि अवैध शराब का निर्माण, अवैध शराब की बिक्री और भण्डारण करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए इस अवैध कार्य से विमुक्त व्यवसाय और रोजगार को प्रेरित करने के निर्देश दिए है. इसके तहत स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से अवैध शराब निर्माण के कार्य में लिप्त परिवारों की पहचान करने का कार्य करवाया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि जिले के 9 ब्लॉक में अवैध शराब के कारोबार में लिप्त परिवारों का सर्वे करवाया जा रहा है. संस्था की ओर से 747 परिवार के सर्वे किए गए हैं, जिसमें 4 हजार 221 व्यक्तियों के बारे में जानकारी ली गई है. वहीं अवैध व्यवसाय करने वाले 941 व्यक्तियों से सम्पर्क किया गया है.

1 हजार 28 बच्चे ड्राप आउट

सहायक निदेशक ने बताया कि सर्वे के दौरान जिले में 1 हजार 28 बच्चे ड्राप आउट मिले है जो अपनी पढ़ाई छोड़ चुके हैं. ऐसे बच्चों को एक बार फिर स्कूलों से जोड़ने के भी प्रयास किए जाएंगे ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर सके. उन्होंने बताया कि ये बच्चे अलग-अलग कारणों से अपनी पढ़ाई छोड़ चुके थे.

प्रशिक्षण से मिलेगा नया रोजगार

सहायक निदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि अवैध शराब निर्माण कार्य करने वाले इन परिवारों को प्रेरित कर नए व्यवसाय का प्रशिक्षण दिया जाएगा. अवैध कार्य करने वाले परिवारों को चिन्हिकरण करने के साथ ही शराब में लिप्त व्यक्तियों की मेडिकल जांच करवाई जाएगी. स्वयंसेवी संस्था की ओर से ऐसे परिवारों को व्यवसाय प्रशिक्षण, किराणा व्यवसाय, सब्जी बेचने और नकदी फसलों का उत्पादन करने सहित अन्य कार्यों के लिए प्रेरित किया जाएगा. इसके अलावा अब तक 277 परिवार बैंक से व्यवसाय करने को लेकर ऋण की मांग की है.

पढ़ें- Special: गुटबाजी में डूबी कांग्रेस की नैया... 1990 के बाद से लगातार झेल रही हार, इस बार तो मुखिया का दावेदार ही नहीं मिला

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने किया हादसे में बचाव और राहत कार्य का अभ्यास

आपदा और बाढ़ के दौरान बचाव कार्यों के लिए गुजरात से आई एनडीआरएफ और प्रदेश की एसडीआरएफ की टीमों ने गुरुवार को संयुक्त रिहर्सल की. इस दौरान झील में एक बोट के पलटने के बाद उसमें बैठे यात्रियों को बचाने की रिहर्सल की गई.

प्राकृतिक आपदा के दौरान बचाव और राहत कार्य के लिए अग्रणी रहने वाले एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने गुरुवार को डूंगरपुर शहर की गेप सागर झील में बचाव और राहत कार्य का अभ्यास किया. जिले के अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्णपाल सिंह चोहान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा, एनडीआरएफ के डिप्टी असिस्टेंट कमान्डेंट प्रवीण भट्ट और एसडीआरएफ के निरीक्षक राकेश कुमार की मौजूदगी में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने गेपसागर झील में नाव हादसे में बचाव और राहत कार्य का अभ्यास किया.

डूंगरपुर. सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की नवजीवन योजना अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोगों को नया जीवन देगी. ऐसे लोगों को फिर से अपना नया जीवन चलाने के लिए सरकार की ओर से कई तरह की सहूलियतें मिलेगी. सरकार के इन आदेशों के बाद प्रशासन ने अवैध शराब कारोबार में लिप्त लोगों की सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है.

प्रदेश के भीलवाड़ा और भरतपुर जिलों में अवैध शराब से हुई दुखांतिका के बाद सरकार ने अवैध शराब बनाने वाले और बेचने वालों को नवजीवन योजना से जोड़ने से निर्देश दिए है, ताकि अवैध शराब के कारोबार में लिप्त लोग अपना नया जीवनयापन कर सके.

अवैध शराब कारोबार में लिप्त लोगों के लिए नवजीवन योजना

समाज न्याय और अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि अवैध शराब का निर्माण, अवैध शराब की बिक्री और भण्डारण करने वाले व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए इस अवैध कार्य से विमुक्त व्यवसाय और रोजगार को प्रेरित करने के निर्देश दिए है. इसके तहत स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से अवैध शराब निर्माण के कार्य में लिप्त परिवारों की पहचान करने का कार्य करवाया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि जिले के 9 ब्लॉक में अवैध शराब के कारोबार में लिप्त परिवारों का सर्वे करवाया जा रहा है. संस्था की ओर से 747 परिवार के सर्वे किए गए हैं, जिसमें 4 हजार 221 व्यक्तियों के बारे में जानकारी ली गई है. वहीं अवैध व्यवसाय करने वाले 941 व्यक्तियों से सम्पर्क किया गया है.

1 हजार 28 बच्चे ड्राप आउट

सहायक निदेशक ने बताया कि सर्वे के दौरान जिले में 1 हजार 28 बच्चे ड्राप आउट मिले है जो अपनी पढ़ाई छोड़ चुके हैं. ऐसे बच्चों को एक बार फिर स्कूलों से जोड़ने के भी प्रयास किए जाएंगे ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर सके. उन्होंने बताया कि ये बच्चे अलग-अलग कारणों से अपनी पढ़ाई छोड़ चुके थे.

प्रशिक्षण से मिलेगा नया रोजगार

सहायक निदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि अवैध शराब निर्माण कार्य करने वाले इन परिवारों को प्रेरित कर नए व्यवसाय का प्रशिक्षण दिया जाएगा. अवैध कार्य करने वाले परिवारों को चिन्हिकरण करने के साथ ही शराब में लिप्त व्यक्तियों की मेडिकल जांच करवाई जाएगी. स्वयंसेवी संस्था की ओर से ऐसे परिवारों को व्यवसाय प्रशिक्षण, किराणा व्यवसाय, सब्जी बेचने और नकदी फसलों का उत्पादन करने सहित अन्य कार्यों के लिए प्रेरित किया जाएगा. इसके अलावा अब तक 277 परिवार बैंक से व्यवसाय करने को लेकर ऋण की मांग की है.

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एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने किया हादसे में बचाव और राहत कार्य का अभ्यास

आपदा और बाढ़ के दौरान बचाव कार्यों के लिए गुजरात से आई एनडीआरएफ और प्रदेश की एसडीआरएफ की टीमों ने गुरुवार को संयुक्त रिहर्सल की. इस दौरान झील में एक बोट के पलटने के बाद उसमें बैठे यात्रियों को बचाने की रिहर्सल की गई.

प्राकृतिक आपदा के दौरान बचाव और राहत कार्य के लिए अग्रणी रहने वाले एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने गुरुवार को डूंगरपुर शहर की गेप सागर झील में बचाव और राहत कार्य का अभ्यास किया. जिले के अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्णपाल सिंह चोहान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा, एनडीआरएफ के डिप्टी असिस्टेंट कमान्डेंट प्रवीण भट्ट और एसडीआरएफ के निरीक्षक राकेश कुमार की मौजूदगी में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने गेपसागर झील में नाव हादसे में बचाव और राहत कार्य का अभ्यास किया.

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