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अस्पताल निरीक्षण में मिली बाहर की दवाइयां और जांच रिपोर्ट, विधायक बोले- सरकार की योजनाएं फेल करना चाहते हैं डॉक्टर, ऐसों की हमारे यहां कोई जरुरत नहीं - निशुल्क दवा योजना

कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने डूंगरपुर जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किए, जिससे कई अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई. अस्पताल में जो जांचे और दवाइयां निशुल्क मिलती हैं, वह भी बाहर से खरीदकर लाई जा रही हैं.

dungarpur News, डूंगरपुर की खबर
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Published : Nov 15, 2019, 5:27 PM IST

डूंगरपुर. जिले के जिला अस्पताल में कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा शुक्रवार दोपहर के समय अचानक से निरीक्षण करने पहुंच गए. जिससे अस्पताल के कई सारी अव्यवस्थाएं देखने को मिली. अस्पताल में होने वाली जांच और दवाइयां बाहर से लाई जा रही थीं, जो अस्पताल के निजी लेबोरेट्री की जांच रिपोर्टे में मिली, जबकि यह सुविधा बिल्कुल ही निशुल्क है. अस्पताल के इन हालातों को देख विधायक भड़क गए. उन्होंने कहा कि ऐसे डॉक्टरों की यहां कोई जरूरत नहीं है. जब अस्पताल में भर्ती मरीजों की पर्ची की जांच की गई तो मरीजों की जांच रिपोर्ट अस्पताल की नहीं. बल्कि बाहर के निजी अस्पताल की थी. जबकि ये निशुल्क जांच योजना के तहत फ्री में होती है.

जिला अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं को देख विधायक घोघरा भड़के

मरीजों ने बताया कि निशुल्क दवा योजना के बावजूद कई दवाइयां नहीं मिलती हैं, जो उन्हें बाहर से खरीदकर लानी पड़ती है. इस पर विधायक काफी भड़के और मौजूद पीएमओ डॉ. कांतिलाल मेघवाल को खूब खरी-खोटी सुनाई. विधायक ने कहा कि डूंगरपुर में गरीब जनता निवास करती है और वे अच्छे इलाज के लिए अस्पताल आते है, लेकिन यहां डॉक्टर ही बाहर की जांचे और दवाइयां मंगवाकर मरीजों को लूट रहे हैं.

पढ़ें- डूंगरपुरः कुएं में मिला महिला का शव, पीहर पक्ष ने जताया हत्या का शक

विधायक ने डॉक्टरों पर निजी लेबोरेट्री और निजी दवा विक्रेताओं से मिलीभगत का भी आरोप लगाते हुए कहा कि लगता है अस्पताल के डॉक्टर सरकार की निशुल्क दवा और जांच योजना को फेल करना चाहते है. इसलिए मरीजों से बाहर की दवाइयां और जांचे करवा रहे हैं. विधायक ने यहां तक कहा कि ऐसे डॉक्टरों को वे उनके विधानसभा क्षेत्र के अस्पतालों में नहीं रहने देंगे, चाहें वे उनके खिलाफ विरोध करें या पुतला जलाए. इसकी उन्हें कोई परवाह नहीं है, क्योंकि जनता को सरकार की योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा है और इसके लिए वे जनता के साथ खड़े है. साथ ही विधायक ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. शलभ शर्मा से फोन पर बातचीत की और उन्हें हालात से अवगत करवाते हुए ऐसे डॉक्टरों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए.

पढ़ें- सागवाड़ा विधायक ने छेड़ा वीरबाला काली बाई की जाति का राग....

मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को करवाएंगे अवगत

विधायक ने कहा कि अस्पताल में हालात बहुत ही खराब है, यहां मरीजों को सरकार की योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा है और मरीज काफी परेशान है. इस बारे में पूरी रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को दी जाएगी और ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल के ऑर्थोपेडिक वार्ड में एक्सीडेंटल मरीज जिनके पैर फ्रैक्चर है और ऑपरेशन की जरूरत है, उनके ऑपरेशन भी नही हो रहे है और जो मरीज डॉक्टर के घर जाकर पैसे देकर आते है, उनका ऑपरेशन और इलाज भी अच्छा हो रहा है. विधायक ने अस्पताल के निरीक्षण आगे भी जारी रखने की बात कही है.

डूंगरपुर. जिले के जिला अस्पताल में कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा शुक्रवार दोपहर के समय अचानक से निरीक्षण करने पहुंच गए. जिससे अस्पताल के कई सारी अव्यवस्थाएं देखने को मिली. अस्पताल में होने वाली जांच और दवाइयां बाहर से लाई जा रही थीं, जो अस्पताल के निजी लेबोरेट्री की जांच रिपोर्टे में मिली, जबकि यह सुविधा बिल्कुल ही निशुल्क है. अस्पताल के इन हालातों को देख विधायक भड़क गए. उन्होंने कहा कि ऐसे डॉक्टरों की यहां कोई जरूरत नहीं है. जब अस्पताल में भर्ती मरीजों की पर्ची की जांच की गई तो मरीजों की जांच रिपोर्ट अस्पताल की नहीं. बल्कि बाहर के निजी अस्पताल की थी. जबकि ये निशुल्क जांच योजना के तहत फ्री में होती है.

जिला अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं को देख विधायक घोघरा भड़के

मरीजों ने बताया कि निशुल्क दवा योजना के बावजूद कई दवाइयां नहीं मिलती हैं, जो उन्हें बाहर से खरीदकर लानी पड़ती है. इस पर विधायक काफी भड़के और मौजूद पीएमओ डॉ. कांतिलाल मेघवाल को खूब खरी-खोटी सुनाई. विधायक ने कहा कि डूंगरपुर में गरीब जनता निवास करती है और वे अच्छे इलाज के लिए अस्पताल आते है, लेकिन यहां डॉक्टर ही बाहर की जांचे और दवाइयां मंगवाकर मरीजों को लूट रहे हैं.

पढ़ें- डूंगरपुरः कुएं में मिला महिला का शव, पीहर पक्ष ने जताया हत्या का शक

विधायक ने डॉक्टरों पर निजी लेबोरेट्री और निजी दवा विक्रेताओं से मिलीभगत का भी आरोप लगाते हुए कहा कि लगता है अस्पताल के डॉक्टर सरकार की निशुल्क दवा और जांच योजना को फेल करना चाहते है. इसलिए मरीजों से बाहर की दवाइयां और जांचे करवा रहे हैं. विधायक ने यहां तक कहा कि ऐसे डॉक्टरों को वे उनके विधानसभा क्षेत्र के अस्पतालों में नहीं रहने देंगे, चाहें वे उनके खिलाफ विरोध करें या पुतला जलाए. इसकी उन्हें कोई परवाह नहीं है, क्योंकि जनता को सरकार की योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा है और इसके लिए वे जनता के साथ खड़े है. साथ ही विधायक ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. शलभ शर्मा से फोन पर बातचीत की और उन्हें हालात से अवगत करवाते हुए ऐसे डॉक्टरों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए.

पढ़ें- सागवाड़ा विधायक ने छेड़ा वीरबाला काली बाई की जाति का राग....

मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को करवाएंगे अवगत

विधायक ने कहा कि अस्पताल में हालात बहुत ही खराब है, यहां मरीजों को सरकार की योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा है और मरीज काफी परेशान है. इस बारे में पूरी रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को दी जाएगी और ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल के ऑर्थोपेडिक वार्ड में एक्सीडेंटल मरीज जिनके पैर फ्रैक्चर है और ऑपरेशन की जरूरत है, उनके ऑपरेशन भी नही हो रहे है और जो मरीज डॉक्टर के घर जाकर पैसे देकर आते है, उनका ऑपरेशन और इलाज भी अच्छा हो रहा है. विधायक ने अस्पताल के निरीक्षण आगे भी जारी रखने की बात कही है.

Intro:डूंगरपुर। डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने शुक्रवार को डूंगरपुर जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया तो कई अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई। अस्पताल में जो जांचे व दवाइयां निःशुल्क मिलती है वह भी बाहर से खरीदकर लाई जा रही थी तो वहीं अस्पताल से बाहर निजी लेबोरेट्री की जांच रिपोर्टें मिली, जबकि यह सुविधा निःशुल्क है। ऐसे हालात पर विधायक भड़क गए और कहा कि लगता है यहां के डॉक्टर सरकारी योजनाओं को फैल करने में लगे है। ऐसे डॉक्टरों की यहां कोई जरूरत नहीं है चाहें वे उनका पुतला जलाएं या विरोध प्रदर्शन कर, लेकिन ऐसे डॉक्टरों को डूंगरपुर अस्पताल में रहने की कोई जरूरत नहीं है


Body:विधायक गणेश घोघरा शुक्रवार दोपहर के समय अचानक निरीक्षण के लिए जिला अस्पताल पंहुच गए। विधायक घोघरा ने अस्पताल के लेबोरेट्री, ब्लड बैंक, निःशुल्क दवा केंद्र का निरीक्षण करते हुए यहां होने वाली जांचे और उपलब्ध दवाइयों के बारे में जानकारी ली।
इसके बाद विधायक घोघरा अस्पताल के वार्डो का निरीक्षण करने पंहुचे। इस दौरान विधायक ने मरीजो व उनके परिजनों से भी बातचीत की तो कई लापरवाही की बातें सामने आई। अस्पताल में भर्ती मरीजों की पर्ची की जांच की गई तो मरीजो के खून-पेशाब की जांच रिपोर्ट अस्पताल की नहीं होकर बाहर के निजी अस्पताल की थी। ऐसे ही कई मरीजो के जांचे निजी लैब की थी, जबकि यही जांचे निःशुल्क जांच योजना के तहत फ्री में होती है।
इसके अलावा अस्पताल में कई मरीजो ने बताया कि निःशुल्क दवा योजना के बावजूद कई दवाइयां नहीं मिलती है जो उन्हें बाहर से खरीदकर लानी पड़ती है। इस पर विधायक भड़क गए और मौजूद पीएमओ डॉ कांतिलाल मेघवाल को खूब खरी-खोटी सुनाई। विधायक ने कहा कि डूंगरपुर में गरीब जनता निवास करती है और वे अच्छे इलाज के लिए अस्पताल आते है लेकिन यहां डॉक्टर ही बाहर की जांचे ओर दवाइयां मंगवाकर मरीजो को लूट रहे है।
विधायक ने डॉक्टरों पर निजी लेबोरेट्री व निजी दवा विक्रेताओं से मिलीभगत का भी आरोप लगाते हुए कहा कि लगता है अस्पताल के डॉक्टर सरकार की निःशुल्क दवा व जांच योजना को फैल करना चाहते है इसलिए मरीजो से बाहर की दवाइयां और जांचे करवा रहे है। विधायक ने यहां तक कहा कि ऐसे डॉक्टरो को वे उनके विधानसभा क्षेत्र के अस्पतालों में नहीं रहने देंगे चाहें वे उनके खिलाफ विरोध करे या पुतला जलाए। इसकी उन्हें कोई परवाह नहीं हब क्योंकि जनता को सरकार की योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा है और इसके लिए वे जनता के साथ खड़े है।

- मेडिकल कॉलेज प्राचार्य से ऐसे डॉक्टरो के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
विधायक गणेश घोघरा ने मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ शलभ शर्मा से फोन पर बातचीत की और उन्हें हालात से अवगत करवाते हुए कहा कि जो डॉक्टर निजी लैब की जांच रिपोर्ट करवा रहे है और बाहर से दवाइयां मंगवा रहे है ऐसे डॉक्टरों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

- मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को करवाएंगे अवगत
विधायक घोघरा ने कहा कि अस्पताल में हालात बहुत ही खराब है, यहां मरीजो को सरकार की योजनाओं का फायदा नहीं मिल रहा है और मरीज परेशान है। इस बारे में पूरी रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री को दी जाएगी और ऐसे डॉक्टरो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल के ऑर्थोपेडिक वार्ड में एक्सीडेंटल मरीज जिनके पैर फ्रेक्चर है और ऑपरेशन की जरूरत है उनके ऑपरेशन भी नही हो रहे है ओर जो मरीज डॉक्टर के घर जाकर पैसे देकर आते है उनके ऑपरेशन व इलाज भी अच्छा हो रहा है। विधायक ने इस तहत का निरीक्षण आगे भी जारी रखने की बात कही है।

बाईट- गणेश घोघरा, विधायक डूंगरपुर।


Conclusion:
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