डूंगरपुर. कांग्रेस विधायक और यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष घोघरा ने गुरुवार को अधीक्षण अभियंता के मोर्चा खोल दिया. गणेश घोघरा अपने समर्थकों व कार्यकर्ताओं के साथ हॉस्पिटल के पास स्थित Superintendent Engineer ऑफिस पहुंच गए. गेट के सामने ही जमीन पर धरने पर बैठ गए और SE के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए.
विधायक के धरने पर बैठने और नारेबाजी से ऑफिस में हड़कंप मच गया. ऑफिस के सभी कर्मचारी गेट के पास जमा हो गए. इस दौरान चेंबर में बैठे अधीक्षण अभियंता गजराज सिंह मीणा भी चेंबर से बाहर निकलकर गेट पर खड़े हो गए.
मीडिया से बात करते हुए विधायक गणेश घोघरा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसानों और लोगों के फायदे की सोंच रहे हैं, लेकिन बाहर से आए अधिकारी सरकार की योजनाओं को फेल (Serious Allegations Against SE) करने में लगे हैं. सरकार कहती है कि किसानों को 6 घंटे पूरी बिजली मिले, लेकिन अधिकारी कमरों में बैठकर बिजली काट रहे हैं. लोगों के बिजली कनेक्शन करने के नाम पर 5 हजार, 10 हजार, 15 हजार रुपये वसूल कर रहे हैं. बिजली का पोल ले जाने से लेकर गड्ढा खोदने, मीटर लगाने, ट्रांसफार्मर लगाने सभी के नाम पर वसूली हो रही है.
विधायक ने कहा कि पिछले कल डचकी, पगारा और फिर आज शिशोद गांव में दौरे पर गए तो सभी गांवों में लोगों ने बिजली विभाग की शिकायत की. लोग कहते हैं न बिजली मिलती है और न ही पैसे देने के बाद भी काम होते हैं. ऐसे में अधिकारी सरकार के काम को फेल करने में लगे हैं. गेट पर आए SE ने विधायक की शिकायतों को एक डायरी में लिखते हुए उनका अगले 15 दिनों में समाधान करने का भरोसा दिलाया. इसके बाद भी इनका समाधान नहीं होने पर विधायक ने फिर से ऑफिस में तालाबंदी करने की चेतावनी भी दी. SE के आश्वासन के बाद विधायक धरने से उठे और फिर चेंबर में गए और लोगों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री को बताऊंगा और विधानसभा में उठाऊंगा...
विधायक गणेश घोघरा ने कहा कि डूंगरपुर में बिजली निगम की लापरवाही और अवैध वसूली के मामले को मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा. सौभाग्य योजना, कुसुम योजना में कितना काम हुआ है और कितना पैसा खर्च हुआ, इसका पूरा हिसाब मांगा जाएगा. वहीं, पूरे मामले को विधानसभा में भी उठाऊंगा.
इसके बाद SE के चेंबर में बैठक के दौरान कहा कि वे सरकार के विधायक भले हैं, लेकिन पहले इन लोगों के साथ है, जिन्होंने वोट दिया है. लोग परेशान होंगे तो वो किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसके लिए वे अपनी सरकार के खिलाफ भी धरने पर बैठेंगे. यह पहला मामला नहीं है जब विधायक गणेश घोघरा ने अपनी ही सरकार के जिला स्तरीय अधिकारी के खिलाफ धरने पर बैठे हों. इससे पहले भी वे धरना देकर सरकार के साथ अधिकारियों को चेतावनी दे चुके हैं.