डूंगरपुर. जिले में कोरोना का सबसे पहला केस 26 मार्च का सामने आया था. आसपुर क्षेत्र में इंदौर से लौटे एक पिता-पुत्र कोरोना पॉजिटीव आये थे. इसके बाद से यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है. हालांकि इस बीच आंकड़ो में कुछ कमी आई थी, लेकिन जून माह से कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी रुकने का नाम नहीं ले रही. डूंगरपुर जिले में अभी कोरोना मरीजों का आंकड़ा 3 हजार 100 तक पंहुच गया है, जबकि रोजाना बड़ी संख्या में नए पॉजिटीव केस सामने आ रहे हैं.
वहीं, जिले में कोरोना मरीजों को इलाज और भर्ती करने के लिए डूंगरपुर जिला कोविड अस्पताल, सुरपुर कोविड केयर सेंटर और सागवाड़ा में माणकपुरा कोविड केयर सेंटर है, जहां पर करीब 300 से ज्यादा मरीज अभी भर्ती है, बावजूद जिस तरह से मरीजो की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके बाद सभी अस्पताल और कोविड केयर सेंटर पूरी तरह से भर चुके हैं. जिससे अब व्यवस्थाएं चरमराने लगी हैं. हालांकि चिकित्सा विभाग पर्याप्त सुविधाएं होने का दावा कर रहा है और इसके लिए बेड बढ़ाने की बात भी की जा रही है. ऐसे में व्यवस्थाओं के कम पड़ने से भी इंकार नहीं किया जा सकता.
अधिकांश मरीज एसिम्टोमैटिक वालेः
जिले में कोरोना संक्रमण के अधिकांश मरीज हल्के लक्षणों के आ रहे हैं. ऐसे में मरीजों को फेफड़ों में संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है. इन मरीजों को राहत देने के लिए चिकित्सा विभाग की ओर से जिले में तीन स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड हेल्थ सेंटर स्थापित किए गए हैं. उप जिला अस्पताल सागवाड़ा में ऑक्सीजन सरकुलेशन के 30 बेड, साबला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 50 बेड और खेड़ा सामोर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 20 बेड लगाए गए हैं.
डूंगरपुर सीएमएचओ डॉ. महेंद्र परमार ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जिले में कोरोना के अनेक मरीज ऐसे आए हैं, जिनमें कोरोना लक्षण हल्के थे उनको होम आइसोलेट किया गया था, लेकिन इनमें अचानक ही सांस लेने की परेशानी आने लगी. खासकर के 60 साल से अधिक उम्र वाले मरीजों में यहां परेशानी ज्यादा देखी गई. सीएमएचओ ने बताया कि ऐसे मरीजों को दवा के साथ ही ऑक्सीजन सरकुलेशन की आवश्यकता होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए जिले में तीन अस्पतालों में ऑक्सीजन सिस्टम तैयार किया गया है.
हर महीने 1000 नए मरीजः
जिले में कोरोना मरीजों का ट्रेंड तेजी से बदल रहा है. कोरोना के शुरुआती समय से जिस तरह से सजगता और सुरक्षा बरती गई उससे कोरोना मरीजों की संख्या में कमी रही, लेकिन अब पिछले 2 महीनों में 2 हजार से ज्यादा नए संक्रमित मरीज सामने आए है यानी हर माह 1000 नए कोरोना मरीज आए. जिले में पहला कोरोना मरीज 26 मार्च को सामने आया. इसके 2 माह बाद 17 मई को 100 तक आंकड़ा पंहुचा. वहीं, 1000 के आंकड़े तक पंहुचने के लिए 3 महीने का वक्त लगा. इसके बाद 1 महीने में ही 19 सितंबर को आकंड़ा 2000 ओर अब 18 अक्टूबर को 3 हजार को छू गया है.
जिले में अब तक कोरोना से मृतकों की संख्या 32 तक पंहुच गई है, जबकि चिकित्सा विभाग की ओर से मृतकों की संख्या को लेकर आकड़ो में काफी अंतर है। सीएमएचओ डॉ. महेंद्र परमार ने बताया कि 60 साल से अधिक उम्र के लोगो को ज्यादा खतरा है. खासकर ऐसे लोग जिनके सांस लेने में तकलीफ है, हार्ट, बीपी, शुगर, हाइपरटेंशन या अन्य किसी बीमारी से पहले से पीड़ित है, ऐसे लोग जल्दी संक्रमित हो रहे है. डॉ. महेंद्र परमार ने बताया कि अब तक जिन मरीजों की मौत हुई है वे भी किसी न किसी अन्य बीमारी से ग्रसित थे.