Special: Corona के बीच अब मलेरिया और डेंगू से भी बढ़ा खतरा, संकट में डूंगरपुर के 101 गांवों की आबादी - डूंगरपुर पीएमओ डॉ. कांतिलाल मेघवाल
देश में कोरोना का संक्रमण दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. इस बीमारी से बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए चिकित्सा विभाग के साथ-साथ लोग भी काफी चिंतित है. इसी बीच अब डेंगू, मलेरिया और जलजनित बीमारियां भी अपना पैर पसारने लगी है. इन बीमारियों के लक्षण भी हूबहू कोरोना के जैसे ही है. ऐसे में लोगों को अब दोगुनी सावधानी बरतनी होगी. आइए देखें एक स्पेशल रिपोर्ट...
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डूंगरपुर. देश की तरह ही डूंगरपुर जिले में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. जिले में अब तक कोरोना महामारी के 600 से अधिक मरीज आ चुके हैं. रोजाना बढ़ रहे इस संक्रमण से लोगों की चिंता बढ़ती ही जा रही है. वहीं, दूसरी ओर बारिश का सीजन भी शुरू हो चुका है. ऐसे में बारिश से होने वाली जलजनित और मौसमी बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है. यही वजह है कि अब अस्पतालों में ओपीडी के आंकड़े भी बढ़ने लगे है. जहां अप्रैल और मई महीने में जिला अस्पताल की ओपीडी 100 से 200 मरीजों तक ही सिमट गई थी. वहीं, अब बारिश का मौसम शुरू होते ही संख्या बढ़कर 700 तक पहुंच गई है.
चिकित्सकों की मानें तो बारिश के मौसम में हर साल मौसमी बीमारियां तेजी से फैलती है. खास बात यह है कि इन बीमारियों के लक्षण भी कोरोना की (जैसे- सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, उल्टी-दस्त के अलावा मलेरिया, डेंगू और स्क्रब टाइफस जैसी कई बीमारियां) तरह ही है, जिससे लोग संक्रमित होते है. अब ऐसी स्थिति में लोगों को ज्यादा सावधानी रखने के जरूरत है. चिकित्सा विभाग ने बारिश का मौसम शुरू होते ही जिले में मौसमी बीमारियों के फैलने की संभावनाओं को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी है.
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2 लाख 18 हजार की आबादी पर मलेरिया का खतरा
सीएमएचओ डॉ. महेंद्र परमार ने बताया कि जिले के कुल 101 गांवों में इस बार मलेरिया, डेंगू जैसी मौसमी बीमारियों की संभावनाओं को देखते हुए कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं. इन गांवों में कुल 2 लाख 18 हजार 384 की आबादी निवास करती है. चिकित्सा विभाग की ओर से चयनित इन गांवों में बिछीवाड़ा ब्लॉक के 43 गांव है, जिसमें 87 हजार 484 की आबादी चपेट में आ सकती है. इसी तरह सीमलवाड़ा ब्लॉक के 55 गांवों में 1 लाख 16 हजार 352 आबादी है. इसके अलावा डूंगरपुर ब्लॉक के 13 गांवों में 14 हजार 548 आबादी है, जिनमें मलेरिया रोकथाम को लेकर गतिविधियां चलाई जा रही हैं. इन गांवों में डीडीटी छिड़काव का कार्य शुरू कर दिया है.
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कंट्रोल रूम के साथ चिकित्सा टीमें तैनात
चिकित्सा विभाग अभी कोरोना माहामारी से ही उबर नहीं पाया है और एक बार फिर मौसमी बीमारियों को लेकर अलर्ट पर रहने के निर्देश है. इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. महेंद्र परमार ने बताया कि जिले के सभी चिकित्साकर्मियों को मौसमी बीमारियों (खासकर डेंगू, मलेरिया जैसी घातक बीमारी) के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए है. वहीं, गांवों में डीडीटी का भी छिड़काव किया जा रहा है. नालियों में एमएलओ ऑइल डाला जा रहा है. इतना ही नहीं पानी की टंकियों में गंबूशिया फिश भी डाली जाएगी.
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साफ-सफाई के साथ सावधानी जरूरी
मौसमी बीमारियों को लेकर जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. कांतिलाल मेघवाल का कहना है कि बारिश का दौर शुरू होते ही मौसमी बीमारियों का प्रकोप शुरू हो जाता है. इस बार कोरोना की तरह ही मौसमी बीमारियों के लक्षण होने से खतरा ज्यादा बढ़ गया है. बारिश के मौसम में खासकर सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार, उल्टी-दस्त के अलावा मलेरिया, डेंगू और स्क्रब टाइफस हो सकता है. ऐसे में लोगों को कोरोना की तरह ही कई सावधानियां बरतनी होगी.
पीएमओ डॉ. मेघवाल ने कहा कि लोगों को अपने घर के आसपास के परिवेश में साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखना चाहिए. इसके साथ ही घर के आसपास गड्ढे या किसी पुरानी चीज में पानी इकट्ठा ना हो, इसका पूरा ख्याल रखें. नालियों में एमएलओ ऑयल डालें ताकि वहां मच्छर ना पनपे. घर के सभी बर्तनों को भी समय-समय पर धुल ले. डॉ. मेघवाल ने कहा कि ठंडा या बासी खाना खाने से जितना हो सके, उतना परहेज करें. इस बीच अगर बुखार, सर्दी-जुकाम या उल्टी-दस्त जैसी कोई भी शिकायत हो, तुरंत चिकित्सकों से सलाह लें.