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डूंगरपुर: कलेक्टर के निरीक्षण में खुली पोल, रुपए लेकर कोरोना वार्ड में सैंपल लेता मिला लैब टेक्नीशियन - कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने किया निरीक्षण

डूंगरपुर में मंगलवार को जिला मुख्यालय पर स्थित कोविड अस्पताल और लैब का जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण में निजी व्यक्ति की ओर से रुपए लेकर कोरोना जांच के सैंपल लेने के मामले का खुलासा हुआ. जिसपर कलेक्टर के आदेश पर पुलिस ने फर्जी लैब टेक्नीशियन को मौके से हिरासत में लिया.

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कलेक्टर के निरीक्षण में खुली पोल
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Published : Apr 13, 2021, 7:22 PM IST

डूंगरपुर. जिले के जिला मुख्यालय पर स्थित कोविड अस्पताल और लैब का मंगलवार को जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने औचक निरीक्षण किया. औचक निरीक्षण में निजी व्यक्ति की ओर से रुपए लेकर कोरोना जांच के सैंपल लेने के मामले का खुलासा हुआ. वहीं कलेक्टर के आदेश पर पुलिस ने फर्जी लैब टेक्नीशियन को मौके से हिरासत में ले लिया.

जिला कलेक्टर सुरेश कुमार को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि एक युवक और कुछ अस्पताल कर्मियों की मिलीभगत से मरीजों से 1500 रुपए लेकर कोविड जांच और उसकी पहले रिपोर्ट देने का खेल चल रहा है. इसपर अस्पताल प्रशासन की नजर तो नहीं थी लेकिन कलेक्टर पिछले 4 दिन से निगरानी रखे हुए थे. इसी बीच मंगलवार को मरीजों से पॉजिटिव वार्ड में जब कलेक्टर बात कर रहे थे तो सेंट्रल लैबकर्मी के साथ एक युवक भी सैंपल लेते हुए दिखाई दिया.

पढ़ें: डूंगरपुर में कोरोना वैक्सीन डोज की हुई कमी

कलेक्टर ने उससे नाम पूछा तो विनीतसिंह बताया. उसके बाद शक होने पर कलेक्टर ने उससे पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. जिसपर कलेक्टर ने उसे तत्काल पुलिस को सौंप दिया. इधर, मामले में सेंट्रल लैब कर्मियों की मिलीभगत से खेल चलने की बात सामने आई है, लेकिन असल कहानी पुलिस की पूछताछ के बाद ही साफ हो सकेगी.

कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने भर्ती मरीजों के साथ मौजूद तीमारदारों को हटाने, बिना लक्षणों वाले मरीजों को होम क्वारंटाइन करने, जिला अस्पताल से कोविड टीकाकरण केंद्र हटाकर 50 अतिरिक्त बेड की व्यवस्थाएं करने सहित फिजूल में सैंपलिंग के भीड़ जमा नहीं करने के निर्देश अस्पताल प्रशासन को दिए.

डूंगरपुर. जिले के जिला मुख्यालय पर स्थित कोविड अस्पताल और लैब का मंगलवार को जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने औचक निरीक्षण किया. औचक निरीक्षण में निजी व्यक्ति की ओर से रुपए लेकर कोरोना जांच के सैंपल लेने के मामले का खुलासा हुआ. वहीं कलेक्टर के आदेश पर पुलिस ने फर्जी लैब टेक्नीशियन को मौके से हिरासत में ले लिया.

जिला कलेक्टर सुरेश कुमार को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि एक युवक और कुछ अस्पताल कर्मियों की मिलीभगत से मरीजों से 1500 रुपए लेकर कोविड जांच और उसकी पहले रिपोर्ट देने का खेल चल रहा है. इसपर अस्पताल प्रशासन की नजर तो नहीं थी लेकिन कलेक्टर पिछले 4 दिन से निगरानी रखे हुए थे. इसी बीच मंगलवार को मरीजों से पॉजिटिव वार्ड में जब कलेक्टर बात कर रहे थे तो सेंट्रल लैबकर्मी के साथ एक युवक भी सैंपल लेते हुए दिखाई दिया.

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कलेक्टर ने उससे नाम पूछा तो विनीतसिंह बताया. उसके बाद शक होने पर कलेक्टर ने उससे पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. जिसपर कलेक्टर ने उसे तत्काल पुलिस को सौंप दिया. इधर, मामले में सेंट्रल लैब कर्मियों की मिलीभगत से खेल चलने की बात सामने आई है, लेकिन असल कहानी पुलिस की पूछताछ के बाद ही साफ हो सकेगी.

कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने भर्ती मरीजों के साथ मौजूद तीमारदारों को हटाने, बिना लक्षणों वाले मरीजों को होम क्वारंटाइन करने, जिला अस्पताल से कोविड टीकाकरण केंद्र हटाकर 50 अतिरिक्त बेड की व्यवस्थाएं करने सहित फिजूल में सैंपलिंग के भीड़ जमा नहीं करने के निर्देश अस्पताल प्रशासन को दिए.

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