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शुभ मुहूर्त में होलिका दहन...ढोल-कुंडी की थाप पर खेली 'गैर', Video

फाग पूर्णिमा पर बुधवार को शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया गया. वहीं, ढोल और कुंडी की थाप पर गेरियों ने खूब गैर खेली. डूंगरपुर-बांसवाड़ा वागड़ अंचल में होली पर गैर खेलने की परंपरा है.

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Published : Mar 20, 2019, 10:17 PM IST

Updated : Mar 21, 2019, 10:46 AM IST

शुभ मुहूर्त में होलीका दहन

डूंगरपुर. फाग पूर्णिमा पर बुधवार को शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया गया. वहीं, ढोल और कुंडी की थाप पर गेरियों ने खूब गैर खेली. डूंगरपुर-बांसवाड़ा वागड़ अंचल में होली पर गैर खेलने की परंपरा है.


होली को लेकर जिलेभर के लोगों में भारी उत्साह नजर आया. सुबह ही युवाओं की टोलियां होली मनाने की तैयारी में जुट गए थे. वहीं, शाम होते ही होलिका को रंगोली से सजाया गया. महिलाओ ने होलिका का पूजन किया और फिर शुभ मुहूर्त में होली दहन किया गया.

शुभ मुहूर्त में होलीका दहन

उधर, युवाओ ने फइर की हुतकार लगाई. ढोल कुंडी की थाप पर गैर खेली गई जो देर रात तक चलती रही. डूंगरपुर शहर सहित गांवो में भी जगह-जगह पर होली दहन हुआ और ढोल कुंडी की आवाज पर नाचते गाते नजर आए.

डूंगरपुर. फाग पूर्णिमा पर बुधवार को शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया गया. वहीं, ढोल और कुंडी की थाप पर गेरियों ने खूब गैर खेली. डूंगरपुर-बांसवाड़ा वागड़ अंचल में होली पर गैर खेलने की परंपरा है.


होली को लेकर जिलेभर के लोगों में भारी उत्साह नजर आया. सुबह ही युवाओं की टोलियां होली मनाने की तैयारी में जुट गए थे. वहीं, शाम होते ही होलिका को रंगोली से सजाया गया. महिलाओ ने होलिका का पूजन किया और फिर शुभ मुहूर्त में होली दहन किया गया.

शुभ मुहूर्त में होलीका दहन

उधर, युवाओ ने फइर की हुतकार लगाई. ढोल कुंडी की थाप पर गैर खेली गई जो देर रात तक चलती रही. डूंगरपुर शहर सहित गांवो में भी जगह-जगह पर होली दहन हुआ और ढोल कुंडी की आवाज पर नाचते गाते नजर आए.
Intro:डूंगरपुर। फाग पूर्णिमा पर मंगलवार को शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया गया तो ढोल ओर कुंडी की थाप पर गेरियों ने खूब गैर खेली। डूंगरपुर-बांसवाड़ा वागड़ अंचल में होली पर गैर खेलने की परंपरा है।


Body:होली को लेकर जिलेभर के लोगो मे भारी उत्साह नजर आया। सुबह ही युवाओ की टोलियां होली बनाने की तैयारियों में जुट गए थे तो शाम होते ही होलिका को रंगोली से सजाया गया। महिलाओ ने होलिका का पूजन किया और फिर शुभ मुहूर्त में होली दहन किया गया तो युवाओ ने फ़इर.... की हुतकार लगाई। ढोल कुंडी की थाप पर गैर खेली गई जो देर रात तक चली रही । डूंगरपुर शहर सहित गांवो में भी जगह-जगह पर होली दहन हुआ और ढोल कुड़ी की आवाज देर रात तक सुनाई देती रही।
वही होलिका दहन के दूसरे दिन बुधवार को धुलंडी खेलने को लेकर युवाओके भारी उत्साह है ओर युवाओ ने तैयारियां भी पूरी कर ली है। बुधवार सुबह होते ही युवाओ ओर बच्चो की टोलियां धुलण्डी खेलने के लिए निकल जायेगी।


Conclusion:
Last Updated : Mar 21, 2019, 10:46 AM IST
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