डूंगरपुर. रंगों का त्योहार होली को लेकर डूंगरपूर जिले में कई परंपराएं और मान्यताएं प्रचलित हैं. बरसों से चली आ रही इन परंपराओं को आज भी गांवों के लोग जीवित रखे हुए हैं. इन्हीं परंपराओं में से एक है होली के धधकते अंगारों पर चलने की प्रथा और वह भी नंगे पैर. जी, सुनकर भले ही आपको यकीन नहीं हो रहा हो, लेकिन यह हकीकत है. जिले के कोकापुर गांव के लोगों ने इसी परंपरा को निर्वहन किया और होली के धधकते अंगारों पर से गुजरे. इसके साथ ही, लोगों ने साल भर निरोगी रहने की कामना की.
बता दें कि जिले के कोकापुर गांव में दशकों से जलते अंगारों पर चलने की परंपरा चली आ रही है. इसी का निर्वहन गांव के लोग करते है. होलिका दहन के दूसरे दिन सोमवार को अलसुबह होते ही गांव के सभी लोग होली चौक पर एकत्रित हुए. ढोल की थाप पर गैर खेलते हुए एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दी.
गांव के हनुमान मंदिर और शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद होली के जलते अंगारो पर चलने की परंपरा का निर्वहन किया गया. इस दौरान बुजुर्ग हो या युवा, पहले होली के अंगारों में श्रीफल भेंट किया और घर-परिवार के साथ गांव के खुशहाली की कामना करते हुए सभी ने दहकते अंगारों में चहलकदमी करते हुए सदियों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन किया. गांवों के लोगों का मानना है कि दहकते अंगारों पर तीन पग भरने से वर्ष पर्यंत निरोगी रहा जाता है. वहीं, गांव में किसी प्रकार की विपदा भी नहीं आती है. इस दौरान गांव के लोगों में जबर्दस्त उत्साह देखने को मिला.