डूंगरपुर. तकनीकी शिक्षा को लेकर जिले की स्थिति पर नजर दौड़ाई तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आई. तत्कालीन राज्य सरकार ने साल 2014-15 में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए डूंगरपुर जिले में 7 सरकारी आईटीआई की घोषणा की. इसमें झोथरी, सीमलवाड़ा, चिखली, गलियाकोट, बिछीवाड़ा, दोवड़ा, आसपुर में आईटीआई को मंजूरी दी गई.
इसके बाद साल 2017-18 में एक और साबला आईटीआई की घोषणा की गई. सरकार ने इन आईटीआई के भवन निर्माण उपकरण के लिए प्रत्येक आईटीआई के लिए 9-9 करोड़ के बजट की घोषणा भी की गई. इसके बाद सरकार के आदेशों की पालना में जिले में आईटीआई का काम शुरू कर दिया गया, लेकिन 2 साल से लेकर 5 साल का समय बीत जाने के बाद भी जिले में 8 में से एक भी आईटीआई का काम पूरा नहीं हो सका है. सभी आईटीआई में काम आधे-अधूरे ही हो सके हैं. ऐसे में आईटीआई में प्रशिक्षण भी शुरू नहीं किए जा सकते हैं.
यह है आईटीआई के हाल
जिले में आईटीआई के निर्माण कार्यो पर नजर डालें तो सभी के काम आधे अधूरे पड़े हैं. झोथरी आईटीआई का काम 80 प्रतिशत, सीमलवाड़ा का 50 प्रतिशत, चिखली-गलियाकोट का 80 प्रतिशत, आसपुर में 90 प्रतिशत, दोवड़ा में 25 प्रतिशत, साबला में 20 प्रतिशत काम ही हुआ है. जबकि बिछीवाड़ा में आईटीआई का काम 10 प्रतिशत केवल बाउंड्री निर्माण ही हुआ है.
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सरकार की वाहवाही, बच्चों की परेशानी
आईटीआई की घोषणा से लेकर सरकार ने शुरू करने तक वाहवाही बटोरती रही. लेकिन इससे अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ गई. सरकार ने बिना किसी तैयारी के ही जिले में 8 में से 7 आईटीआई में सत्र 2017-18 में तकनीकी शिक्षा के लिए अभ्यर्थियों को एडमिशन भी दे दिए. हर आईटीआई में एक-एक यूनिट शुरू कर दी गई, जिसमें 21-21 विद्यार्थियों को एडमिशन दिए गए, जबकि एक भी आईटीआई का भवन तैयार नहीं हुआ था.
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ऐसे में सरकार ने उन आईटीआई के बच्चों को एडमिशन देने के बाद पढ़ाई के लिए डूंगरपुर और सागवाड़ा आईटीआई में शिफ्ट कर दिया. जिसमें झोथरी, सीमलवाड़ा, बिछीवाड़ा, दोवड़ा और आसपुर आईटीआई के अभ्यर्थियों को डूंगरपुर आईटीआई में शिफ्ट किया गया, जबकि गलियाकोट व चिखली आईटीआई के बच्चों को सागवाड़ा में पढ़ाई के लिए शिफ्ट किया गया. अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें पढ़ाई के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है और आर्थिक नुकसान भी हो रहा है. अब देखना होगा कि सरकार और उनके नुमाइंदे तकनीकी शिक्षा को लेकर सपने देख रहे बच्चों के लिए कब तक खुद का भवन मुहैया करवा पाते है.