डूंगरपुर. जिले के आईटीआई कॉलेज में एडमिशन के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो पता चला कि आईटीआई के किसी भी ट्रेड में एडमिशन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाती है. जिसके बाद खाली रहने वाली सीटों पर ऑफलाइन एडमिशन किये जाते है. सरकारी आईटीआई में एडमिशन पर पुरुष से 3450 रुपये की फीस ली जाती है. वहीं महिला के लिए 1050 रुपये की फीस है निर्धारित है. जबकि संविदा अनुदेशक बैकडोर से प्रति एडमिशन 55 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था.
डूंगरपुर आईटीआई में 440 विद्यार्थियों को विभिन्न ट्रेड में एडमिशन दिया जाना है. जिसमे ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब ऑफलाइन एडमिशन किये जा रहे थे. डूंगरपुर आईटीआई में 150 सीटें विभिन्न ट्रेड में खाली थी और उन पर एडमिशन के नाम पर संविदा अनुदेशक रिश्वत की मांग कर रहा था. मामले की पड़ताल में पता चला कि संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन वर्ष 2002 से आईटीआई डूंगरपुर में संविदा के रूप में प्लम्बर ट्रेड में कार्यरत था. उसे प्रेक्टिकल पर 55 रुपये ओर थ्योरी के लिए 200 रुपये का मानदेय दिया जाता था.
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वहीं इस मामले को लेकर आईटीआई अधीक्षक कनकमल जैन ने बताया कि आईटीआई में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है. संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन जो रिश्वत की राशि एडमिशन के लिए ले रहा था वह दूसरे आईटीआई के लिए थी डूंगरपुर के लिए नहीं. साथ ही बताया कि एसीबी की ओर से मामले में जो भी कार्रवाई या निर्देश मिलेंगे उसी अनुरूप कार्रवाई की जाएगी.
आईटीआई प्रशासन की ओर से कोई अलग जांच या कार्रवाई नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि नए अधीक्षक के आने के बाद चर्चा कर के निर्णय लेंगे. बता दें कि एसीबी डूंगरपुर ने गुरुवार को कार्रवाई करते हुए आईटीआई के संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन को एक छात्र का एडमिशन करवाने के नाम पर 55 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था.