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डूंगरपुरः ITI में एडमिशन के लिए सरकारी फीस 3450 रुपये, संविदा अनुदेशक ने रिश्वत में लिए थे 55 हजार रुपए

आईटीआई डूंगरपुर में संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन 55 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद मामले में कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं.

एसीबी की कार्रवाई, ACB action in dungurpur
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Published : Aug 30, 2019, 7:35 PM IST

डूंगरपुर. जिले के आईटीआई कॉलेज में एडमिशन के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो पता चला कि आईटीआई के किसी भी ट्रेड में एडमिशन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाती है. जिसके बाद खाली रहने वाली सीटों पर ऑफलाइन एडमिशन किये जाते है. सरकारी आईटीआई में एडमिशन पर पुरुष से 3450 रुपये की फीस ली जाती है. वहीं महिला के लिए 1050 रुपये की फीस है निर्धारित है. जबकि संविदा अनुदेशक बैकडोर से प्रति एडमिशन 55 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था.

एडमिशन के लिए रिश्वत मांगने के मामले में कार्रवाई

डूंगरपुर आईटीआई में 440 विद्यार्थियों को विभिन्न ट्रेड में एडमिशन दिया जाना है. जिसमे ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब ऑफलाइन एडमिशन किये जा रहे थे. डूंगरपुर आईटीआई में 150 सीटें विभिन्न ट्रेड में खाली थी और उन पर एडमिशन के नाम पर संविदा अनुदेशक रिश्वत की मांग कर रहा था. मामले की पड़ताल में पता चला कि संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन वर्ष 2002 से आईटीआई डूंगरपुर में संविदा के रूप में प्लम्बर ट्रेड में कार्यरत था. उसे प्रेक्टिकल पर 55 रुपये ओर थ्योरी के लिए 200 रुपये का मानदेय दिया जाता था.

पढ़ें- जयपुर : सोने के भाव में गिरावट...480 रुपए हुआ सस्ता तो चांदी भी 300 रुपए लुढ़की

वहीं इस मामले को लेकर आईटीआई अधीक्षक कनकमल जैन ने बताया कि आईटीआई में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है. संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन जो रिश्वत की राशि एडमिशन के लिए ले रहा था वह दूसरे आईटीआई के लिए थी डूंगरपुर के लिए नहीं. साथ ही बताया कि एसीबी की ओर से मामले में जो भी कार्रवाई या निर्देश मिलेंगे उसी अनुरूप कार्रवाई की जाएगी.

आईटीआई प्रशासन की ओर से कोई अलग जांच या कार्रवाई नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि नए अधीक्षक के आने के बाद चर्चा कर के निर्णय लेंगे. बता दें कि एसीबी डूंगरपुर ने गुरुवार को कार्रवाई करते हुए आईटीआई के संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन को एक छात्र का एडमिशन करवाने के नाम पर 55 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था.

डूंगरपुर. जिले के आईटीआई कॉलेज में एडमिशन के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो पता चला कि आईटीआई के किसी भी ट्रेड में एडमिशन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाती है. जिसके बाद खाली रहने वाली सीटों पर ऑफलाइन एडमिशन किये जाते है. सरकारी आईटीआई में एडमिशन पर पुरुष से 3450 रुपये की फीस ली जाती है. वहीं महिला के लिए 1050 रुपये की फीस है निर्धारित है. जबकि संविदा अनुदेशक बैकडोर से प्रति एडमिशन 55 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था.

एडमिशन के लिए रिश्वत मांगने के मामले में कार्रवाई

डूंगरपुर आईटीआई में 440 विद्यार्थियों को विभिन्न ट्रेड में एडमिशन दिया जाना है. जिसमे ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब ऑफलाइन एडमिशन किये जा रहे थे. डूंगरपुर आईटीआई में 150 सीटें विभिन्न ट्रेड में खाली थी और उन पर एडमिशन के नाम पर संविदा अनुदेशक रिश्वत की मांग कर रहा था. मामले की पड़ताल में पता चला कि संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन वर्ष 2002 से आईटीआई डूंगरपुर में संविदा के रूप में प्लम्बर ट्रेड में कार्यरत था. उसे प्रेक्टिकल पर 55 रुपये ओर थ्योरी के लिए 200 रुपये का मानदेय दिया जाता था.

पढ़ें- जयपुर : सोने के भाव में गिरावट...480 रुपए हुआ सस्ता तो चांदी भी 300 रुपए लुढ़की

वहीं इस मामले को लेकर आईटीआई अधीक्षक कनकमल जैन ने बताया कि आईटीआई में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है. संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन जो रिश्वत की राशि एडमिशन के लिए ले रहा था वह दूसरे आईटीआई के लिए थी डूंगरपुर के लिए नहीं. साथ ही बताया कि एसीबी की ओर से मामले में जो भी कार्रवाई या निर्देश मिलेंगे उसी अनुरूप कार्रवाई की जाएगी.

आईटीआई प्रशासन की ओर से कोई अलग जांच या कार्रवाई नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि नए अधीक्षक के आने के बाद चर्चा कर के निर्णय लेंगे. बता दें कि एसीबी डूंगरपुर ने गुरुवार को कार्रवाई करते हुए आईटीआई के संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन को एक छात्र का एडमिशन करवाने के नाम पर 55 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था.

Intro:डूंगरपुर। आईटीआई डूंगरपुर में संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन 55 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हो गया। इसके बाद मामले में कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे है। संविदा अनुदेशक पिछले 15 सालों से आईटीआई में कार्यरत था। सरकारी आईटीआई में एडमिशन के लिए 3450 रुपये फीस है जबकि अनुदेशक उसी एडमिशन के लिए 55 हजार रुपये की रिश्वत ले रहा था।


Body:आईटीआई डूंगरपुर में एडमिशन के नाम पर रिश्वत मामले में ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो पता चला कि आईटीआई के किसी भी ट्रेड में एडमिशन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसके बाद भी खाली रहने वाली सीटों पर ऑफलाइन एडमिशन किये जाते है। सरकारी आईटीआई में एडमिशन पर पुरुष से 3450 रुपये की फीस ली जाती है वही महिला के लिए 1050 रुपये की फीस है, जबकि संविदा अनुदेशक बैकडोर से प्रति एडमिशन 55 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था।
डूंगरपुर आईटीआई में 440 विद्यार्थियों को विभिन्न ट्रेड में एडमिशन दिया जाना है। जिसमे ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब ऑफलाइन एडमिशन किये जा रहे थे। डूंगरपुर आईटीआई में 150 सीटें विभिन्न ट्रेड में अब भी खाली थी उन पर ही एडमिशन के नाम पर संविदा अनुदेशक रिश्वत की मांग कर रहा था।
मामले में पड़ताल पर यह भी पता चला कि संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन वर्ष 2002 से आईटीआई डूंगरपुर में संविदा के रूप में प्लम्बर ट्रेड में कार्यरत था। उसे प्रेक्टिकल पर 55 रुपये ओर थ्योरी के लिए 200 रुपये का मानदेय दिया जाता था। माह में अधिकतम 10 हजार रुपये का ही मानदेय मिल रहा था।
वहीं इस मामले को लेकर आईटीआई अधीक्षक कनकमल जैन से बातचीत की गई तो बताया कि आईटीआई में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन जो रिश्वत की राशि एडमिशन के लिए ले रहा था वह दूसरे आईटीआई के लिए थी डूंगरपुर के लिए नहीं। इसके अलावा यह भी बताया कि एसीबी की ओर से मामले में जो भी कार्रवाई या निर्देश मिलेंगे उसी अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। आईटीआई प्रशासन की ओर से अलग से कोई जांच या कार्रवाई नही कर होगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि नए अधीक्षक के आने के बाद वे इसमें चर्चा के बाद ही निर्णय लेंगे। आपको बता दे कि एसीबी डूंगरपुर ने गुरुवार को कार्रवाई करते हुए आईटीआई के संविदा अनुदेशक जाकिर हुसैन को एक छात्र का एडमिशन करवाने के नाम पर 55 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था।

बाईट 1- गुलाबसिंह, डीएसपी एसीबी डूंगरपुर
बाईट 2- कनकमल जैन, अधीक्षक, आईटीआई डूंगरपुर।


Conclusion:
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