डूंगरपुर. गुजरात के राजकोट में 12 दिन पहले एक रिसोर्ट में कमरे में आग लग गई थी. जिसमें डूंगरपुर के एक और युवा की मौत हो गई. इसके साथ अब आगजनी में मरने वालों की संख्या 4 हो गई है, जबकि झुलसे 4 लोगों का अब भी इलाज चल रहा है.
हादसे में मृत एक युवक की पहचान डूंगरपुर के लोड़वाना निवासी चिराग लबाना के रूप में हुई है. चिराग की कोई सगी बहन नहीं थी. इसलिए उसकी चचेरी बहन ही उसे राखी बांधती है, लेकिन राखी के दिन ही उसकी मौत की खबर सुनकर बहन पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.
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गुजरात के राजकोट में 12 अगस्त को एक रिसोर्ट के कमरे में आगजनी हुई थी. इस हादसे में कैटरिंग का काम करने वाले डूंगरपुर जिले के 7 और उदयपुर के 1 युवक झुलस गए थे. इस आगजनी में अब तक एक-एक कर लबाना समाज के चार युवाओ की मौत हो गई है.
चिराग की मौत की खबर जैसे ही गांव में पंहुची तो राखी के त्योहार के दिन गांव में मातम पसर गया. हर कोई बेटे की मौत पर गमजदा था. चिराग ने इस साल 12वीं 77 प्रतिशत अंको से पास की थी. चिराग के पिता अंबालाल हाथों से दिव्यांग है, जिस कारण से वे सही तरीके से काम भी नहीं कर पाते है. वहीं एक बड़ा भाई भोला लबाना है जो तृतीय वर्ष का छात्र है.
भाई के ठीक होने की कर रही थी दुआ
मृतक चिराग की कोई सगी बहन नहीं थी. वे दो भाई ही थे, जिस कारण चचेरी बहन मोनिका लबाना ही हर साल उसे राखी बांधती थी. इस साल भी बहन मोनिका अपने भाई को राखी बांधने का इंतजार कर रही थी. साथ ही उसके ठीक होने की दुआएं कर रही थी, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था. सोमवार सुबह जैसे ही भाई चिराग का शव गांव पंहुचा तो बहन उससे लिपटकर रोने लगी.
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