डीडवाना-कुचामन : राज्य पशु ऊंट की घटती संख्या को रोकने के लिए राज्य सरकार ने ऊंट संरक्षण और विकास मिशन बनाया है. मिशन के तहत ऊंटपालकों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने के साथ ही ऊंट संरक्षण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इसी सिलसिले में प्रदेश में भाजपा सरकार के एक साल पूरा होने पर मिशन के तहत पशुपालन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी गांव-गांव जाकर ऊंटपालकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाएंगे. साथ ही पशुपालकों को सौगात देते हुए ऊंट संरक्षण के लिए चलाई जा रहीं उष्ट्र संवर्धन योजना का विस्तार करते हुए योजना के तहत दी जा रही सहायता राशि को दोगुना कर दिया गया है.
कुचामन में पशुपालन विभाग के उप निदेशक ओपी बुनकर ने बताया कि पूर्व में ऊंट के प्रसव पर ये सहायता राशि 10 हजार रुपए थी, जिसे अब सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर बढ़ाकर प्रति प्रसव 20 हजार रुपए कर दिया गया है. ऑनलाइन आवेदन प्राप्त होने के बाद ये राशि दो किश्तों में दी जाएगी और दोनों बार विभाग के कार्मिकों की ओर से वेरिफिकेशन करने के पश्चात दी जाएगी. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के 9 ऊंट पालकों को इस योजना का लाभ भी दिया जा चुका है और योजना के तहत पहली किश्त की राशि भी उनके खाते में जमा कराई जा चुकी है.
पढ़ें. अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव 10 से, जिला प्रशासन जुटा तैयारियों में
गौरतलब है कि ऊंटपालकों को योजना से जुड़ने के लिए इसके लिए आधार और जन आधार के साथ ई मित्र पर आवेदन करना होता है. ऊंट संरक्षण और विकास मिशन कार्यक्रम में अलग से अधिकारी व कर्मचारियों के पद स्वीकृत किए गए हैं. ये अधिकारी और कर्मचारी उनसे संपर्क कर योजनाओं की जानकारी देंगे. साथ ही प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन की प्रक्रिया समझाएंगे. दूसरी और ऊंट मालिकों ने भी प्रदेश की मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार की ओर से ऊंटों के संवर्धन और संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों को सार्थक बताते हुए आभार जताया है.