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डूंगरपुर जेल के लिए 25 बीघा जमीन आवंटित, 5 बीघा पर सरकारी विभागों का अतिक्रमण - डूंगरपुर जेल न्यूज

डूंगरपुर में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जेल के लिए दो दशक पहले आवंटित की गई सरकारी जमीन पर चार सरकारी विभागों ने ही कब्जा कर रखा है. खास बात ये है कि तमाम प्रयासों के बाद भी ये विभाग कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं है.

Encroachment on Jail Land, Dungarpur Jail News
डूंगरपुर जेल के लिए आवंटित भूमि पर सरकारी विभागों का अतिक्रमण
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Published : Jul 5, 2020, 7:28 PM IST

डूंगरपुर. जिला कारागृह में लगातार बढ़ती कैदियों की संख्या को लेकर जेल प्रशासन लंबे समय तक जूझ रहा है. इसके समाधान के लिए जेल विभाग की ओर से जिले में नए जिला कारागृह के लिए 25 बीघा जमीन की डिमांड प्रशासन से की गई थी. इस पर प्रशासन ने दो दशक पहले आसपुर रोड पर तीजवड़ में 25 बीघा जमीन आवंटित की थी. इसके बाद सरकार की ओर से लंबे समय तक बजट नहीं मिला, जिस कारण नई जेल का निर्माण नहीं हो पाया. जबकि जिले में हर साल कैदियों की संख्या में इजाफा होता रहा.

डूंगरपुर जेल के लिए आवंटित भूमि पर सरकारी विभागों का अतिक्रमण

जिला कारागृह के लिए आवंटित जमीन के पास ही अन्य सरकारी विभागों को भी जमीन का आवंटन किया गया. इसके बाद उन विभागों के भवन भी बनकर तैयार हो गए, जहां अब परिवहन विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तहत बालिका छात्रावास, खेल छात्रावास संचालित हैं. वहीं अब बजट जारी होने के बाद आवंटित जगह पर जेल प्रशासन की ओर नई जेल बनाने की तैयारी शुरू हुई, तो मालूम चला कि जेल के लिए जो 25 बीघा जमीन आवंटित की गई थी, उसमें से 5 बीघा जमीन पर दूसरे विभागों ने कब्जा जमा लिया है.

Encroachment on Jail Land, Dungarpur Jail News
डूंगरपुर जेल के लिए आवंटित जमीन पर अतिक्रमण

पढ़ें- डूंगरपुर: कोरोना को लेकर कलेक्टर ने डॉक्टरों से लिया फीडबैक, सैंपलिंग की संख्या बढ़ाने के निर्देश

ऐसे में अब जेल प्रशासन जिला प्रशासन से अपनी जमीन से कब्जा हटवाने की गुहार लगा रहा है. हालांकि जेल प्रशासन ने अभी बची हुई 20 बीघा जमीन पर नई जेल का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया है, लेकिन उसे 5 बीघा जमीन से अतिक्रमण हटाने की भी उम्मीद है, जिससे कि उनके पूरे भवन का निर्माण करवाया जा सके.

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डूंगरपुर जेल के लिए आवंटित जमीन पर कब्जा

कितनी जमीन पर किसका कब्जा

डूंगरपुर जेल प्रशासन को जब अपनी जमीन पर कब्जे के बारे में पता चला तो जयपुर से राजस्व मंडल के अधिकारियों को बुलवाया गया. इसके बाद जेल की जमीन का वास्तविक मौका रिपोर्ट तैयार करवाई गई. इस रिपोर्ट में 5 बीघा जमीन पर कब्जा या अतिक्रमण बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक परिवहन विभाग की ओर से 2 बीघा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावास की ओर से 15 बीघा, खेल छात्रावास की ओर से 15 बिघा और एक सार्वजनिक सड़क का डेढ़ बीघा कब्जा जमीन पर है.

Encroachment on Jail Land, Dungarpur Jail News
जेल निर्माण का कार्य शुरू

पढ़ें- देवस्थान विभाग की प्रॉपर्टी को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट गंभीर

करीब साढ़े 3 बीघा जमीन पर सरकारी कब्जा है. वहीं डेढ़ बीघा जमीन एक निजी कब्जा है. यह निजी कब्जा एक मूर्तिकार का है, जिसे एक दशक पहले तत्कालीन कलेक्टर की ओर से कलेक्ट्रेट में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पारेवा पत्थर की मूर्ति बनाने की एवज में जमीन दी थी. जेल प्रशासन का कहना है कि मूर्तिकार को जो जमीन आवंटित की गई है, वह उस जमीन पर नहीं, होमर जेल की जमीन पर बैठा है. जेल प्रशासन ने अब अपनी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है और उनसे अतिक्रमण हटाने की गुहार लगाई है. इसके अलावा कब्जेदारों को भी नोटिस भेजे गए हैं.

500 कैदियों की क्षमता की नई जेल के लिए मिले 5 करोड़

जेलर मुकेश गायरी ने बताया कि नई जेल 500 कैदियों की क्षमता की बनेगी. जिसमें 20 महिला कैदियों के लिए अलग से बैरक होगी. इसके लिए सरकार की ओर से 5 करोड़ की पहली किश्त मिल चुकी है. नई जेल करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी, जिसमें सुरक्षा के तमाम इंतजामों पर भी खास जोर रहेगा. जेल के साथ ही यहां स्टाफ क्वॉर्टर भी बनाए जाएंगे, लेकिन नक्शे में जिस जगह पर आवास क्वार्टर आ रहे हैं. वहीं पर अन्य विभागों का कब्जा है. ऐसे में जब तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है, तब तक आवास के भवन नहीं बन पाएंगे.

70 कैदियों की क्षमता वाली जेल में 100 से ज्यादा कैदी

डूंगरपुर जिला कारागृह में अभी 70 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन इसमें हर समय 100 से ज्यादा कैदी रखने की मजबूरी है. कई बार तो कैदियों की संख्या दुगुनी से भी ज्यादा हो जाती है. जेल में जगह नहीं होने के कारण कई बार जेल प्रशासन को परेशानी रहती है, वहीं कैदियों में संक्रमण का भी खतरा रहता है.

इन दिनों कोरोना काल में जहां हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग की बात की जा रही है. वहीं जिला कारागृह में अब भी क्षमता से ज्यादा कैदी होने की समस्या है. ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. हालांकि नई कैदी के स्क्रीनिंग ओर सैंपलिंग के बाद ही उन्हें बैरक में रखा जा रहा है, फिर भी खतरा बना हुआ है.

डूंगरपुर. जिला कारागृह में लगातार बढ़ती कैदियों की संख्या को लेकर जेल प्रशासन लंबे समय तक जूझ रहा है. इसके समाधान के लिए जेल विभाग की ओर से जिले में नए जिला कारागृह के लिए 25 बीघा जमीन की डिमांड प्रशासन से की गई थी. इस पर प्रशासन ने दो दशक पहले आसपुर रोड पर तीजवड़ में 25 बीघा जमीन आवंटित की थी. इसके बाद सरकार की ओर से लंबे समय तक बजट नहीं मिला, जिस कारण नई जेल का निर्माण नहीं हो पाया. जबकि जिले में हर साल कैदियों की संख्या में इजाफा होता रहा.

डूंगरपुर जेल के लिए आवंटित भूमि पर सरकारी विभागों का अतिक्रमण

जिला कारागृह के लिए आवंटित जमीन के पास ही अन्य सरकारी विभागों को भी जमीन का आवंटन किया गया. इसके बाद उन विभागों के भवन भी बनकर तैयार हो गए, जहां अब परिवहन विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तहत बालिका छात्रावास, खेल छात्रावास संचालित हैं. वहीं अब बजट जारी होने के बाद आवंटित जगह पर जेल प्रशासन की ओर नई जेल बनाने की तैयारी शुरू हुई, तो मालूम चला कि जेल के लिए जो 25 बीघा जमीन आवंटित की गई थी, उसमें से 5 बीघा जमीन पर दूसरे विभागों ने कब्जा जमा लिया है.

Encroachment on Jail Land, Dungarpur Jail News
डूंगरपुर जेल के लिए आवंटित जमीन पर अतिक्रमण

पढ़ें- डूंगरपुर: कोरोना को लेकर कलेक्टर ने डॉक्टरों से लिया फीडबैक, सैंपलिंग की संख्या बढ़ाने के निर्देश

ऐसे में अब जेल प्रशासन जिला प्रशासन से अपनी जमीन से कब्जा हटवाने की गुहार लगा रहा है. हालांकि जेल प्रशासन ने अभी बची हुई 20 बीघा जमीन पर नई जेल का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया है, लेकिन उसे 5 बीघा जमीन से अतिक्रमण हटाने की भी उम्मीद है, जिससे कि उनके पूरे भवन का निर्माण करवाया जा सके.

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डूंगरपुर जेल के लिए आवंटित जमीन पर कब्जा

कितनी जमीन पर किसका कब्जा

डूंगरपुर जेल प्रशासन को जब अपनी जमीन पर कब्जे के बारे में पता चला तो जयपुर से राजस्व मंडल के अधिकारियों को बुलवाया गया. इसके बाद जेल की जमीन का वास्तविक मौका रिपोर्ट तैयार करवाई गई. इस रिपोर्ट में 5 बीघा जमीन पर कब्जा या अतिक्रमण बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक परिवहन विभाग की ओर से 2 बीघा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावास की ओर से 15 बीघा, खेल छात्रावास की ओर से 15 बिघा और एक सार्वजनिक सड़क का डेढ़ बीघा कब्जा जमीन पर है.

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जेल निर्माण का कार्य शुरू

पढ़ें- देवस्थान विभाग की प्रॉपर्टी को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट गंभीर

करीब साढ़े 3 बीघा जमीन पर सरकारी कब्जा है. वहीं डेढ़ बीघा जमीन एक निजी कब्जा है. यह निजी कब्जा एक मूर्तिकार का है, जिसे एक दशक पहले तत्कालीन कलेक्टर की ओर से कलेक्ट्रेट में स्थापित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पारेवा पत्थर की मूर्ति बनाने की एवज में जमीन दी थी. जेल प्रशासन का कहना है कि मूर्तिकार को जो जमीन आवंटित की गई है, वह उस जमीन पर नहीं, होमर जेल की जमीन पर बैठा है. जेल प्रशासन ने अब अपनी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है और उनसे अतिक्रमण हटाने की गुहार लगाई है. इसके अलावा कब्जेदारों को भी नोटिस भेजे गए हैं.

500 कैदियों की क्षमता की नई जेल के लिए मिले 5 करोड़

जेलर मुकेश गायरी ने बताया कि नई जेल 500 कैदियों की क्षमता की बनेगी. जिसमें 20 महिला कैदियों के लिए अलग से बैरक होगी. इसके लिए सरकार की ओर से 5 करोड़ की पहली किश्त मिल चुकी है. नई जेल करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी, जिसमें सुरक्षा के तमाम इंतजामों पर भी खास जोर रहेगा. जेल के साथ ही यहां स्टाफ क्वॉर्टर भी बनाए जाएंगे, लेकिन नक्शे में जिस जगह पर आवास क्वार्टर आ रहे हैं. वहीं पर अन्य विभागों का कब्जा है. ऐसे में जब तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है, तब तक आवास के भवन नहीं बन पाएंगे.

70 कैदियों की क्षमता वाली जेल में 100 से ज्यादा कैदी

डूंगरपुर जिला कारागृह में अभी 70 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन इसमें हर समय 100 से ज्यादा कैदी रखने की मजबूरी है. कई बार तो कैदियों की संख्या दुगुनी से भी ज्यादा हो जाती है. जेल में जगह नहीं होने के कारण कई बार जेल प्रशासन को परेशानी रहती है, वहीं कैदियों में संक्रमण का भी खतरा रहता है.

इन दिनों कोरोना काल में जहां हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग की बात की जा रही है. वहीं जिला कारागृह में अब भी क्षमता से ज्यादा कैदी होने की समस्या है. ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. हालांकि नई कैदी के स्क्रीनिंग ओर सैंपलिंग के बाद ही उन्हें बैरक में रखा जा रहा है, फिर भी खतरा बना हुआ है.

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