डूंगरपुर. जिले के कोतवाली थाना पुलिस ने अंतरराज्यीय बाइक चोर गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने एक ही गांव के दो युवाओ को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने राजस्थान और गुजरात में 50 से ज्यादा बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है. पुलिस ने उनके कब्जे से 15 बाइक बरामद कर ली है.
कोतवाली सीआई दिलीपदान ने बताया कि शहर और आसपास के इलाकों में बाइक चोरी की गैंग सक्रिय थी और लगातार वारदातें बढ़ रही थी. वारदातों के खुलासे को लेकर एएसआई रामस्वरूप, हेड कांस्टेबल धर्मेंद्रसिंह, कांस्टेबल मगनलाल, सीसीटीवी केंद्र से सुरेंद्रसिंह, डीएसटी हेड कांस्टेबल नवीन कुमार, कांस्टेबल महावीर, मुकेश, यशपाल और पंकज की टीम जांच में जुट गई.
पुलिस ने बाइक चोरी की वारदातों को लेकर सीसीटीवी फुटेज खंगाले और शातिर बदमाशों पर नजर रखी. इस दौरान पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे. इस पर पुलिस ने चोरी में लिप्त गणपत डामोर मीणा (44) और रामलाल डामोर (30) निवासी भुवाली को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस पूछताछ में दोनो ही आरोपियों ने राजस्थान के डूंगरपुर, उदयपुर और गुजरात के शामलाजी, मोडासा, हिम्मतनगर से 50 से ज्यादा बाइक चोरी की वारदातें कबूल कर ली है. पुलिस ने उनके कब्जे से 15 बाइकें जब्त की हैं. जबकि एक बाइक का इंजन, व्हील सब बेच दिया था, जिसका केवल खाका बचा था उसे भी पुलिस ने बरामद कर लिया है.
शराब की लत लगी और करने लगे चोरी
चोरी के मामले में गिरफ्तार गणपतलाल ने पुलिस को बताया कि वह गुजरात के हिम्मतनगर में एक होटल पर साफ-सफाई का काम करता था. इस दौरान उसे शराब की लत पड़ गई तो 2 साल पहले पहली बार हिम्मतनगर में अस्पताल के बाहर से बाइक चोरी की वारदात को अंजाम दिया. वह बाइक उसने बेच दी और फिर उससे मिलने वाले पैसे शराब पीने में उड़ा दिए. इसके बाद वह लगातार चोरियां करने लगा. इस बीच उसने अपने ही गांव के रामलाल को भी आने साथ चोरी करने में शामिल कर लिया और दोनों ने मिलकर 50 से ज्यादा बाइके चोरी कर डाली. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि चोरी की बाइक को वे 5 से 10 हजार जो मिले उसमे बेच देते थे और इन पैसों को शराब पीने में उड़ा देते हैं
अस्पताल से बढ़ने लगी वारदातें तो मिले सुराग
कोतवाली सीआई दिलीपदान ने बताया कि डूंगरपुर अस्पताल से बाइक चोरी की वारदातें बढ़ने लगी थी. हर 5-6 दिनों में एक बाइक चोरी अस्पताल से होती थी. ऐसे में अस्पताल के बाहर निगरानी शुरू की गई.
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हेड कांस्टेबल धर्मेंद्रसिंह ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिसमें दोनों ही आरोपियों के बिना वजह अस्पताल परिसर में बाइक स्टैंड के पास घूमने का पता लगा. इसके बाद हर बार नई बाइक लेकर सीसीटीवी फुटेज में जाते हुए नजर आए, जिस पर पुलिस का शक मजबूत हो गया और फिर दोनों को गिरफ्तार किया तो चोरी की सारी वारदातें कबूल कर ली.