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कलेक्टर ने उठाए गेंती-फावड़ा, कहा- कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता...पूरा काम करो, पूरा दाम लो

डूंगरपुर जिला कलेक्टर कानाराम शुक्रवार को 'मनरेगा' कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे. जहां उन्होंने श्रमिकों से मुलाकात की और उन्हें दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली. इस दौरान कलेक्टर ने खुद भी गेंती-फावड़ा पकड़ कर श्रमदान किया और अन्य लोगों को संदेश दिया कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता.

डूंगरपुर कलेक्टर कानाराम, rajasthan news
डूंगरपुर कलेक्टर ने श्रमदान देकर दिया लोगों को संदेश
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Published : Jun 26, 2020, 12:21 PM IST

डूंगरपुर. जिले में शुक्रवार सुबह डूंगरपुर जिला कलेक्टर कानाराम मनरेगा कार्य का निरीक्षण करने पंहुचे तो कलेक्टर ने खुद गेंती-फावड़ा पकड़ कर श्रमदान किया और लोगों को संदेश दिया कि कोई भी काम या छोटा-बड़ा नहीं होता, बल्कि ये काम करने वाले व्यक्ति पर निर्भर करता है. इसलिए पूरा काम करने के साथ ही पूरा दाम लेने की भी अपील की.

डूंगरपुर कलेक्टर ने श्रमदान देकर दिया लोगों को संदेश

डूंगरपुर जिला कलेक्टर कानाराम भाटपुर तालाब की पाल पर जिला स्तरीय पौधरोपण कार्यक्रम में पंहुचे थे. इस दौरान मनरेगा के तहत भाटपुर तालाब के गहरीकरण और सुदृढ़ीकरण का भी काम चल रहा था. कलेक्टर ने इस कार्य का निरीक्षण किया और खुद मनरेगा श्रमिकों के बीच पहुंच गए.

कलेक्टर ने मौजूद श्रमिकों से उनके कामकाज के साथ ही उपलब्ध सुविधाओं और भुगतान के बारे में जानकारी ली. इसके बाद कलेक्टर कानाराम ने गेंती पकड़ी और खुद खाबड़ी खोदने में जुट गए. उनके साथ ही एडीएम कृष्णपाल सिंह, सीईओ दीपेन्द्र सिंह राठौड़, एसडीएम सुरेश कुमार खटीक सहित कई अधिकारियों ने भी गेंती, फावड़ा और तगारी उठा ली और श्रमदान में जुट गए. हालांकि, अधिकारियों ने कुछ समय तक ही गेंती-फावड़े चलाए.

डूंगरपुर कलेक्टर कानाराम, rajasthan news
कलेक्टर ने गेंती-फावड़ा उठाकर दिया श्रमदान

इसे लेकर जिला कलेक्टर कानाराम ने कहा कि श्रमदान के माध्यम से लोगों को ये संदेश देने का प्रयास किया है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता. जब अधिकारी गेंती-फावड़ा पकड़ सकता है तो हर व्यक्ति को अपने काम से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उस काम को अच्छा करना चाहिए. इसके बाद कलेक्टर ने मौजूद मनरेगा श्रमिकों को बैठा कर काम के दौरान बरती जाने वाली आवश्यक सावधानियों के बारे में भी बताया.

पढ़ें- डूंगरपुर: जागरूकता तो दूर, यहां खुलेआम उड़ाई जा रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां, खुद देखिए

कलेक्टर ने कहा कि कोविड-19 कि महामारी में लोगों को अपने कामकाज के साथ ही व्यवहार में भी बदलाव लाना होगा. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम करना होगा तो वहीं मुंह पर मास्क लगाकर रखना होगा. इस दौरान सीएमएचओ डॉ. महेंद्र परमार ने कोरोना के लक्षण और बचाव के बारे में स्थानीय वागड़ी भाषा में लोगों को समझाया.

डूंगरपुर. जिले में शुक्रवार सुबह डूंगरपुर जिला कलेक्टर कानाराम मनरेगा कार्य का निरीक्षण करने पंहुचे तो कलेक्टर ने खुद गेंती-फावड़ा पकड़ कर श्रमदान किया और लोगों को संदेश दिया कि कोई भी काम या छोटा-बड़ा नहीं होता, बल्कि ये काम करने वाले व्यक्ति पर निर्भर करता है. इसलिए पूरा काम करने के साथ ही पूरा दाम लेने की भी अपील की.

डूंगरपुर कलेक्टर ने श्रमदान देकर दिया लोगों को संदेश

डूंगरपुर जिला कलेक्टर कानाराम भाटपुर तालाब की पाल पर जिला स्तरीय पौधरोपण कार्यक्रम में पंहुचे थे. इस दौरान मनरेगा के तहत भाटपुर तालाब के गहरीकरण और सुदृढ़ीकरण का भी काम चल रहा था. कलेक्टर ने इस कार्य का निरीक्षण किया और खुद मनरेगा श्रमिकों के बीच पहुंच गए.

कलेक्टर ने मौजूद श्रमिकों से उनके कामकाज के साथ ही उपलब्ध सुविधाओं और भुगतान के बारे में जानकारी ली. इसके बाद कलेक्टर कानाराम ने गेंती पकड़ी और खुद खाबड़ी खोदने में जुट गए. उनके साथ ही एडीएम कृष्णपाल सिंह, सीईओ दीपेन्द्र सिंह राठौड़, एसडीएम सुरेश कुमार खटीक सहित कई अधिकारियों ने भी गेंती, फावड़ा और तगारी उठा ली और श्रमदान में जुट गए. हालांकि, अधिकारियों ने कुछ समय तक ही गेंती-फावड़े चलाए.

डूंगरपुर कलेक्टर कानाराम, rajasthan news
कलेक्टर ने गेंती-फावड़ा उठाकर दिया श्रमदान

इसे लेकर जिला कलेक्टर कानाराम ने कहा कि श्रमदान के माध्यम से लोगों को ये संदेश देने का प्रयास किया है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता. जब अधिकारी गेंती-फावड़ा पकड़ सकता है तो हर व्यक्ति को अपने काम से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उस काम को अच्छा करना चाहिए. इसके बाद कलेक्टर ने मौजूद मनरेगा श्रमिकों को बैठा कर काम के दौरान बरती जाने वाली आवश्यक सावधानियों के बारे में भी बताया.

पढ़ें- डूंगरपुर: जागरूकता तो दूर, यहां खुलेआम उड़ाई जा रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां, खुद देखिए

कलेक्टर ने कहा कि कोविड-19 कि महामारी में लोगों को अपने कामकाज के साथ ही व्यवहार में भी बदलाव लाना होगा. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम करना होगा तो वहीं मुंह पर मास्क लगाकर रखना होगा. इस दौरान सीएमएचओ डॉ. महेंद्र परमार ने कोरोना के लक्षण और बचाव के बारे में स्थानीय वागड़ी भाषा में लोगों को समझाया.

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