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Data On Dungarpur Road Accident: 3 साल में 1314 सड़क हादसे, 565 लोगों की जान गई...1337 लोग घायल, पुलिस बोली मौत का ग्राफ नीचे गिरा

आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में तीन सालों में सड़क हादसों में 565 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. इससे दुगुने 1337 लोग हादसों में घायल हो गए. पुलिस बीते साल सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों की जुबानी (Data On Dungarpur Road Accident) छुपाने का प्रयास करती है, लेकिन सच्चाई यही है कि मौत के ग्राफ में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. घायलों का आंकड़ा भी बढ़ा है.

Data On Dungarpur Road Accident
पुलिस बोली मौत का ग्राफ नीचे गिरा
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Published : Jan 16, 2022, 2:24 PM IST

Updated : Jan 16, 2022, 2:31 PM IST

डूंगरपुर. डूंगरपुर जिले में हर साल हादसों का ग्राफ (Data On Dungarpur Road Accident) बढ़ रहा है और इसे रोकने पुलिस से लेकर प्रशासन तमाम तरह के प्रयास कर रहे है. डूंगरपुर जिले में वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक सड़क हादसों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो इन तीन सालों में 1314 रोड एक्सीडेंट हुए है.

इन अलग-अलग दुर्घटनाओं में 565 लोगों की मौत हो गई, जिसका औसत 43 प्रतिशत है. इन हादसों में 1337 लोग घायल हुए हैं, जिनके हाथ-पैर या शरीर पर अलग-अलग जगह चोट आई. आंकड़ों के लिहाज से 2019 के मुकाबले 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी आई. कोरोना लॉक डाउन की वजह से भी कमी देखी गई. इस दौरान एक्सीडेंट्स भले कम हुए हों लेकिन मौत का ग्राफ बढ़ा रहा.

पुलिस बोली मौत का ग्राफ नीचे गिरा

2019 में 479 सड़क हादसों में 200 लोगों की मौत हुई. 2020 में 398 हादसों में 169 लोगों की मौत हुई है. इन दोनों साल के आंकड़ों में 2020 में कमी दिख रही है लेकिन 2020 में मौत का ग्राफ 2 प्रतिशत बढ़ा है. 2019 में मौत का प्रतिशत 41.75 रहा. वहीं 2020 में बढ़कर 42.46 प्रतिशत रहा.

पढ़ें- कोहरा बना कालः नागौर में बस ने मारी कार को टक्कर...5 लोगों की मौत, 3 घायल

पढ़ें- चाकसू में सड़क हादसा, तेज रफ्तार पिकअप ने 3 छात्रों को मारी टक्कर, 2 की मौत

वर्ष 2021 के आंकड़ों को देखें तो 437 एक्सीडेंट हुए है और 196 लोगो की मौत हुई. दुर्घटना में मौत का प्रतिशत बढ़कर 44.85 प्रतिशत हो गया. वहीं घायलों की संख्या 404 रही. पुलिस यहां आंकड़ों की करामात दिखाकर भले ही सड़क दुर्घनाओं व मौत में कमी दिखा रही है लेकिन इसका ग्राफ सड़क दुर्घनाओं में मौत के बढ़ते आंकड़ो को साफ बता रहा है.

ये कहता है आंकड़ा! (Data On Dungarpur Road Accident)

सालहादसेघायल मौत
2019479497200
2020398 436169
2021437404196


ट्रैफिक नियम तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई हुई

एसपी सुधीर जोशी ने कहा कि सड़क हादसों में कमी लाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किये गए. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ चालान बनाकर जुर्माना वसूला गया. वहीं लोगों को जागरूक करने के लिए गोष्ठियां व अन्य कई तरह के अभियान चलाए गए. स्कूलों में वत्सल वार्ता के माध्यम से भी बच्चो को ट्रैफिक नियमो के बारे में जानकारी दी गई ताकि अधिक से अधिक लोग ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करें और सड़क हादसों में कमी लाई जा सके.

डूंगरपुर में दिखा ये ट्रेंड

एसपी ने कहा कि डूंगरपुर में सड़क दुर्घनाओं का अलग ट्रेंड है. बिछीवाड़ा से होकर गुजरने वाले नेशनल हाइवे पर दुर्घटना अलग कारणों से होती है और ग्रामीण सड़कों पर दुर्घनाओं के अलग कारण है. हाइवे पर तेज रफ्तार, कम विजिबिलिटी या ड्राइवर को झपकी आ जाना जैसे कारण होते हैं.

ग्रामीण सड़कों पर आमने-सामने बाइक टकराने से मौत हो जाती है और अक्सर बाइक चालक के हेलमेट नहीं होने से सिर में चोट लगती है. ऐसी दुर्घनाओं से निबटने के लिए लोगों को नियमित हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. एसपी ने यह भी कहा कि सड़क दुर्घनाओं को रोकने के लिए सड़कों पर कुछ जगहों पर डेंजर जोन भी घोषित किए गए हैं. सड़कों पर ज्यादा मुड़ाव या आगे का दिखाई नहीं देने वाली जगह पर सूचना बोर्ड लगाए गए हैं. इसके अलावा भी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से मिलकर भी इन ज्यादा मुड़ाव वाले जगहों को सुधारने पर जोर दिया जा रहा है।

डूंगरपुर. डूंगरपुर जिले में हर साल हादसों का ग्राफ (Data On Dungarpur Road Accident) बढ़ रहा है और इसे रोकने पुलिस से लेकर प्रशासन तमाम तरह के प्रयास कर रहे है. डूंगरपुर जिले में वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक सड़क हादसों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाए तो इन तीन सालों में 1314 रोड एक्सीडेंट हुए है.

इन अलग-अलग दुर्घटनाओं में 565 लोगों की मौत हो गई, जिसका औसत 43 प्रतिशत है. इन हादसों में 1337 लोग घायल हुए हैं, जिनके हाथ-पैर या शरीर पर अलग-अलग जगह चोट आई. आंकड़ों के लिहाज से 2019 के मुकाबले 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी आई. कोरोना लॉक डाउन की वजह से भी कमी देखी गई. इस दौरान एक्सीडेंट्स भले कम हुए हों लेकिन मौत का ग्राफ बढ़ा रहा.

पुलिस बोली मौत का ग्राफ नीचे गिरा

2019 में 479 सड़क हादसों में 200 लोगों की मौत हुई. 2020 में 398 हादसों में 169 लोगों की मौत हुई है. इन दोनों साल के आंकड़ों में 2020 में कमी दिख रही है लेकिन 2020 में मौत का ग्राफ 2 प्रतिशत बढ़ा है. 2019 में मौत का प्रतिशत 41.75 रहा. वहीं 2020 में बढ़कर 42.46 प्रतिशत रहा.

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वर्ष 2021 के आंकड़ों को देखें तो 437 एक्सीडेंट हुए है और 196 लोगो की मौत हुई. दुर्घटना में मौत का प्रतिशत बढ़कर 44.85 प्रतिशत हो गया. वहीं घायलों की संख्या 404 रही. पुलिस यहां आंकड़ों की करामात दिखाकर भले ही सड़क दुर्घनाओं व मौत में कमी दिखा रही है लेकिन इसका ग्राफ सड़क दुर्घनाओं में मौत के बढ़ते आंकड़ो को साफ बता रहा है.

ये कहता है आंकड़ा! (Data On Dungarpur Road Accident)

सालहादसेघायल मौत
2019479497200
2020398 436169
2021437404196


ट्रैफिक नियम तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई हुई

एसपी सुधीर जोशी ने कहा कि सड़क हादसों में कमी लाने के लिए तमाम तरह के प्रयास किये गए. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ चालान बनाकर जुर्माना वसूला गया. वहीं लोगों को जागरूक करने के लिए गोष्ठियां व अन्य कई तरह के अभियान चलाए गए. स्कूलों में वत्सल वार्ता के माध्यम से भी बच्चो को ट्रैफिक नियमो के बारे में जानकारी दी गई ताकि अधिक से अधिक लोग ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करें और सड़क हादसों में कमी लाई जा सके.

डूंगरपुर में दिखा ये ट्रेंड

एसपी ने कहा कि डूंगरपुर में सड़क दुर्घनाओं का अलग ट्रेंड है. बिछीवाड़ा से होकर गुजरने वाले नेशनल हाइवे पर दुर्घटना अलग कारणों से होती है और ग्रामीण सड़कों पर दुर्घनाओं के अलग कारण है. हाइवे पर तेज रफ्तार, कम विजिबिलिटी या ड्राइवर को झपकी आ जाना जैसे कारण होते हैं.

ग्रामीण सड़कों पर आमने-सामने बाइक टकराने से मौत हो जाती है और अक्सर बाइक चालक के हेलमेट नहीं होने से सिर में चोट लगती है. ऐसी दुर्घनाओं से निबटने के लिए लोगों को नियमित हेलमेट पहनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. एसपी ने यह भी कहा कि सड़क दुर्घनाओं को रोकने के लिए सड़कों पर कुछ जगहों पर डेंजर जोन भी घोषित किए गए हैं. सड़कों पर ज्यादा मुड़ाव या आगे का दिखाई नहीं देने वाली जगह पर सूचना बोर्ड लगाए गए हैं. इसके अलावा भी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से मिलकर भी इन ज्यादा मुड़ाव वाले जगहों को सुधारने पर जोर दिया जा रहा है।

Last Updated : Jan 16, 2022, 2:31 PM IST
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