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आर्थिक तंगी में इलेक्ट्रॉनिक व्यापार को राहत नहीं, दुकानें खुलने के बाद अब ग्राहकों का टोटा

लॉकडाउन 4.0 में कुछ राहत मिली है जिसके बाद दुकानें भी खुल रही हैं लेकिन इन दुकानों में ग्राहक नहीं नजर आ रहे हैं. हालत ये हैं कि इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी दिन भर दुकानों में बैठे रहते हैं लेकिन ग्राहक एक-दो ही पहुंच रहे हैं और किसी दिन तो बोहनी तक भी नहीं हो पा रही है.

electronic-shop, इलेक्ट्रॉनिक व्यापार
दुकानें खुलने के बाद अब ग्राहकों का टोटा
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Published : May 29, 2020, 7:50 PM IST

डूंगरपुर: दो महीने तक लॉकडाउन में बंद रही दुकानों से भारी नुकसान हर आम से लेकर खास को भुगतना पड़ा है. बात करें इलेक्ट्रॉनिक बाजार की तो गर्मी का सीजन शुरू होते ही 22 मार्च से लॉकडाउन लागू होने के बाद से दुकानें बंद हो गईं थी. जबकि गर्मी के सीजन में ही इलेक्ट्रॉनिक बाजार में खरीदारी की सबसे बड़ी धूम रहती है. इसी उम्मीद में कई इलेक्ट्रॉनिक व्यापारियों ने पहले से ही लाखों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मंगवाकर दुकानों में रख दिये थे, लेकिन लॉकडाउन ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

दुकानें खुलने के बाद अब ग्राहकों का टोटा

इलेक्ट्रॉनिक बाजार से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि गर्मी का सीजन उनके लिए कमाई का सबसे बड़ा सीजन है. जब गर्मी आती है तो फ्रीज, एयर कण्डीशनर, कूलर, पंखे, इन्वर्टर, कूलिंग आरओ मशीन सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है. लोग अपने घर-ऑफिस में एसी और कूलर लगवाते हैं. लेकिन इस बार तो होली के बाद ही एकदम से लॉकडाउन लग गया. बाजार में बूम आने से पहले ही सबकुछ चौपट हो गया. खरीदार आने की उम्मीद में जो उपकरण दुकानों में भरे थे वे भी पड़े रह गये.

electronic-shop, इलेक्ट्रॉनिक व्यापार
ग्राहकों के इंतजार में इलेक्ट्रॉनिक समान
दो महीने बाद दुकानें खुली लेकिन अब खरीदार नहीं:व्यापारियों का कहना है कि दो महीने बाद अब इलेक्ट्रॉनिक की दुकानें खुली हैं, लेकिन गर्मी का आधे से ज्यादा सीजन गुजर गया है. जबकि कूलर, एसी की डिमांड मार्च, अप्रैल और मई तक रहती है, इसी दौरान सबसे ज्यादा एसी, कूलर, फ्रीज व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की बिक्री होती है. मार्च, अप्रैल में दुकानें बंद रही. मई के आखिर में अब दुकानें खुली हैं लेकिन दुकानों में कोई खरीदार नहीं है.
electronic-shop, इलेक्ट्रॉनिक व्यापार
इलेक्ट्रॉनिक समान लेने नहीं पहुंच रहे ग्राहक

ग्राहकों का टोटा:

दुकानदारों का कहना है कि लोग अब भी वायरस के डर के साथ ही दो महीने तक लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी के चलते कोई भी सामान की खरीदारी करने नहीं आ रहे है. लॉकडाउन के कारण लोगों के पास पैसों के तंगी है, ऐसे में जिन्हें भी इस बार फ्रीज, कूलर या एसी खरीदना भी था वो भी बाजार नहीं आ रहे हैं. पहले गर्मियों के सीजन में प्रतिदिन कई बार तो एक से 2 लाख रुपये के भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बिक जाते थे, लेकिन इस बार तो दिन-भर में मुश्किल से एक ग्राहक आता है. वहीं किसी दिन बोहनी भी नहीं होती.

electronic-shop, इलेक्ट्रॉनिक व्यापार
नहीं मिल रहे हैं फ्रिज के खरीददार

ये भी पढ़ें: स्पेशलः विश्व विख्यात डूंगरपुर की मूर्तिकला पर कोरोना का ग्रहण, मूर्तिकारों पर आर्थिक संकट

सरकार से मदद की उम्मीद:

इलेक्ट्रॉनिक मार्केट से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण दो महीने तक दुकानें बंद रहने से उन्हें भारी नुकसान हुआ है. इस बार लॉकडाउन के कारण से इलेक्ट्रॉनिक बाजार को ही एक महीने में करीब 4 से 5 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है. जबकि जिन व्यापारियों ने दुकानें किराए पर ली हैं उन्हें तो 30 से 50 हजार या इससे ज्यादा का किराया चुकाना पड़ रहा है. व्यापारियों ने कहा व्यापार की कमर टूट चुकी है ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक मार्केट को खड़ा करने के लिए सरकार को कुछ मदद करनी चाहिए... लॉकडाउन के बाद से छोटे-बड़े उद्योग और बाजार आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में अब इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी भी सरकार की ओर से उम्मीद लगाकर देख रहे है.

डूंगरपुर: दो महीने तक लॉकडाउन में बंद रही दुकानों से भारी नुकसान हर आम से लेकर खास को भुगतना पड़ा है. बात करें इलेक्ट्रॉनिक बाजार की तो गर्मी का सीजन शुरू होते ही 22 मार्च से लॉकडाउन लागू होने के बाद से दुकानें बंद हो गईं थी. जबकि गर्मी के सीजन में ही इलेक्ट्रॉनिक बाजार में खरीदारी की सबसे बड़ी धूम रहती है. इसी उम्मीद में कई इलेक्ट्रॉनिक व्यापारियों ने पहले से ही लाखों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मंगवाकर दुकानों में रख दिये थे, लेकिन लॉकडाउन ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

दुकानें खुलने के बाद अब ग्राहकों का टोटा

इलेक्ट्रॉनिक बाजार से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि गर्मी का सीजन उनके लिए कमाई का सबसे बड़ा सीजन है. जब गर्मी आती है तो फ्रीज, एयर कण्डीशनर, कूलर, पंखे, इन्वर्टर, कूलिंग आरओ मशीन सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है. लोग अपने घर-ऑफिस में एसी और कूलर लगवाते हैं. लेकिन इस बार तो होली के बाद ही एकदम से लॉकडाउन लग गया. बाजार में बूम आने से पहले ही सबकुछ चौपट हो गया. खरीदार आने की उम्मीद में जो उपकरण दुकानों में भरे थे वे भी पड़े रह गये.

electronic-shop, इलेक्ट्रॉनिक व्यापार
ग्राहकों के इंतजार में इलेक्ट्रॉनिक समान
दो महीने बाद दुकानें खुली लेकिन अब खरीदार नहीं:व्यापारियों का कहना है कि दो महीने बाद अब इलेक्ट्रॉनिक की दुकानें खुली हैं, लेकिन गर्मी का आधे से ज्यादा सीजन गुजर गया है. जबकि कूलर, एसी की डिमांड मार्च, अप्रैल और मई तक रहती है, इसी दौरान सबसे ज्यादा एसी, कूलर, फ्रीज व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की बिक्री होती है. मार्च, अप्रैल में दुकानें बंद रही. मई के आखिर में अब दुकानें खुली हैं लेकिन दुकानों में कोई खरीदार नहीं है.
electronic-shop, इलेक्ट्रॉनिक व्यापार
इलेक्ट्रॉनिक समान लेने नहीं पहुंच रहे ग्राहक

ग्राहकों का टोटा:

दुकानदारों का कहना है कि लोग अब भी वायरस के डर के साथ ही दो महीने तक लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी के चलते कोई भी सामान की खरीदारी करने नहीं आ रहे है. लॉकडाउन के कारण लोगों के पास पैसों के तंगी है, ऐसे में जिन्हें भी इस बार फ्रीज, कूलर या एसी खरीदना भी था वो भी बाजार नहीं आ रहे हैं. पहले गर्मियों के सीजन में प्रतिदिन कई बार तो एक से 2 लाख रुपये के भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बिक जाते थे, लेकिन इस बार तो दिन-भर में मुश्किल से एक ग्राहक आता है. वहीं किसी दिन बोहनी भी नहीं होती.

electronic-shop, इलेक्ट्रॉनिक व्यापार
नहीं मिल रहे हैं फ्रिज के खरीददार

ये भी पढ़ें: स्पेशलः विश्व विख्यात डूंगरपुर की मूर्तिकला पर कोरोना का ग्रहण, मूर्तिकारों पर आर्थिक संकट

सरकार से मदद की उम्मीद:

इलेक्ट्रॉनिक मार्केट से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण दो महीने तक दुकानें बंद रहने से उन्हें भारी नुकसान हुआ है. इस बार लॉकडाउन के कारण से इलेक्ट्रॉनिक बाजार को ही एक महीने में करीब 4 से 5 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है. जबकि जिन व्यापारियों ने दुकानें किराए पर ली हैं उन्हें तो 30 से 50 हजार या इससे ज्यादा का किराया चुकाना पड़ रहा है. व्यापारियों ने कहा व्यापार की कमर टूट चुकी है ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक मार्केट को खड़ा करने के लिए सरकार को कुछ मदद करनी चाहिए... लॉकडाउन के बाद से छोटे-बड़े उद्योग और बाजार आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में अब इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी भी सरकार की ओर से उम्मीद लगाकर देख रहे है.

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