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डूंगरपुर: श्रावण मास में गंगेश्वर महादेव के भक्तों ने किया सवा लाख पार्थिश्वर शिवलिंग का निर्माण - Dungarpur shiv temple

डूंगरपुर में श्रावण मास को लेकर जिले भर के शिव मंदिरों में विशेष अनुष्ठान चल रहे है. गुजराती मान्यता के अनुसार श्रावण में भगवान शिव की भक्ति और आराधना के कई तरीके है लेकिन डूंगरपुर के एक मंदिर में सवा लाख पार्थिश्वर शिवलिंग बनाकर पूजा अर्चना की जा रही है. मान्यता है कि इससे भगवान शिव प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी करते है.

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Published : Aug 13, 2019, 2:23 PM IST

डूंगरपुर. गुजराती मान्यता के अनुसार श्रावण मास के दो सोमवार बीत चुके है. वहीं शिव मंदिरों में भगवान भोले बाबा के विशेष अनुष्ठान हो रहे है. शहर के प्रगतिनगर स्थित गंगेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव का विशेष अनुष्ठान किया जा रहा है.

पंडित संजय पंड्या बताते है कि मंदिर में रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु भगवान शिव का दूध, दही, पंचामृत अभिषेक, जलाभिषेक कर रहे है. भगवान को फूल और बिल्व पत्र चढ़ाकर अनुष्ठान किये जा रहे है. इसके अलावा श्रद्धालु विशेष अनुष्ठान के तहत मिट्टी से सवा लाख पार्थिश्वर शिवलिग बनाकर पूजा की जा रही है. सुबह होते ही रोजाना कई श्रद्धालु मंदिर में आकर पार्थिश्वर शिवलिंग का निर्माण करते है. मिट्टी से शिवलिंग बनाकर चावल से पूजा होती है और फिर पवित्र जलाशयों में पार्थिश्वर शिवलिंग का विसर्जन किया जा रहा है.

भक्तों ने किया सवा लाख पार्थिश्वर शिवलिंग का निर्माण

पढ़े- सावन के अंतिम सोमवार को जयपुर के शिवालयों में उमड़ा भक्तों का सैलाब

पंडित संजय कहा कि शिव पुराण के अनुसार कलयुग में पार्थिश्वर शिवलिंग का पूजन सर्वश्रेष्ठ बताया गया है. उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति एक पार्थिश्वर शिवलिंग का भी निर्माण कर पूजा अर्चना के बाद जल में विसर्जन करता है तो उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है. इससे घर परिवार में सुख समृद्धि और खुशहाली का माहौल रहता है वहीं मन्नते भी पूरी होती है.

डूंगरपुर. गुजराती मान्यता के अनुसार श्रावण मास के दो सोमवार बीत चुके है. वहीं शिव मंदिरों में भगवान भोले बाबा के विशेष अनुष्ठान हो रहे है. शहर के प्रगतिनगर स्थित गंगेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव का विशेष अनुष्ठान किया जा रहा है.

पंडित संजय पंड्या बताते है कि मंदिर में रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु भगवान शिव का दूध, दही, पंचामृत अभिषेक, जलाभिषेक कर रहे है. भगवान को फूल और बिल्व पत्र चढ़ाकर अनुष्ठान किये जा रहे है. इसके अलावा श्रद्धालु विशेष अनुष्ठान के तहत मिट्टी से सवा लाख पार्थिश्वर शिवलिग बनाकर पूजा की जा रही है. सुबह होते ही रोजाना कई श्रद्धालु मंदिर में आकर पार्थिश्वर शिवलिंग का निर्माण करते है. मिट्टी से शिवलिंग बनाकर चावल से पूजा होती है और फिर पवित्र जलाशयों में पार्थिश्वर शिवलिंग का विसर्जन किया जा रहा है.

भक्तों ने किया सवा लाख पार्थिश्वर शिवलिंग का निर्माण

पढ़े- सावन के अंतिम सोमवार को जयपुर के शिवालयों में उमड़ा भक्तों का सैलाब

पंडित संजय कहा कि शिव पुराण के अनुसार कलयुग में पार्थिश्वर शिवलिंग का पूजन सर्वश्रेष्ठ बताया गया है. उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति एक पार्थिश्वर शिवलिंग का भी निर्माण कर पूजा अर्चना के बाद जल में विसर्जन करता है तो उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है. इससे घर परिवार में सुख समृद्धि और खुशहाली का माहौल रहता है वहीं मन्नते भी पूरी होती है.

Intro:डूंगरपुर। श्रावण मास को लेकर जिलेभर के शिव मंदिरों में विशेष अनुष्ठान चल रहे है। गुजराती मान्यता के अनुसार श्रावण में भगवान शिव की भक्ति और आराधना के कई तरीके है लेकिन डूंगरपुर के एक मंदिर में सवा लाख पार्थिश्वर शिवलिंग बनाकर पूजा अर्चना की जा रही है। मान्यता है कि इससे भगवान शिव प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी करते है।


Body:गुजराती मान्यता के अनुसार श्रावण मास के दो सोमवार बीत चुके है। वहीं शिव मंदिरों में भगवान भोले बाबा के विशेष अनुष्ठान हो रहे है। शहर के प्रगतिनगर स्थित गंगेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव का विशेष अनुष्ठान किया जा रहा है।
पंडित संजय पंड्या बताते है कि मंदिर में रोजाना सैकड़ो श्रद्धालु आते है भगवान शिव का दूध, दही, पंचामृत अभिषेक, जलाभिषेक से पूजा की जा रही है। भगवान को फूल ओर बिल्व पत्र चढ़ाकर अनुष्ठान किये जा रहे है।
इसके अलावा श्रद्धालु विशेष अनुष्ठान के तहत मिट्टी से सवा लाख पार्थिश्वर शिवलिग बनाकर पूजा की जा रही है। सुबह होते ही रोजाना कई श्रद्धालु मंदिर में आकर पार्थिश्वर शिवलिंग का निर्माण करते है। मिट्टी से शिवलिंग बनाकर चावल से पूजा होती है और फिर पवित्र जलाशयों में पार्थिश्वर शिवलिंग का विसर्जन किया जा रहा है। पंडित संजय कहा कि शिव पुराण के अनुसार कलयुग में पार्थिश्वर शिवलिंग का पूजन सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति एक पार्थिश्वर शिवलिंग का भी निर्माण कर पूजा अर्चना के बाद जल में विसर्जन करता है तो उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। इससे घर परिवार में सुख समृद्धि और खुशहाली का माहौल रहता है वहीं मन्नते भी पूरी होती है।

बाईट- पंडित संजय पंड्या


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