डूंगरपुर. 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' अभियान को लेकर जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक लेते हुए कई निर्देश दिए. इस दौरान कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्रों के हालात पर नाराजगी भी जताई.
कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल हुए. बैठक में जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने जिले में मातृ-शिशु जन्म और मृत्यु दर के बारे में जानकारी ली. इसके बाद आंगनबाड़ी केंद्रों में बेटियों के नामांकन सहित स्कूलों में पढ़ने वाली बेटियों की जानकारी ली और बेटियों की शिक्षा पर जोर देने के निर्देश दिए. कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्रों के हालात पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में गंदगी जैसे हालात हैं. वहां साफ-सफाई तक नहीं होती है. उन्होंने कहा कि गुरुवार को ही वगेरी आंगनवाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया लेकिन वहां सफाई नहीं थी.
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उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों से आंगनबाड़ी केंद्रों के निरीक्षण के बारे में पूछा तो कोई भी अधिकारी निरीक्षण के बारे में जानकारी नहीं दे पाया. वहीं कलेक्टर ने कहा कि पिछले एक माह में उन्होंने 20 से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया है, लेकिन विभाग के अधिकारियों की खामोशी चिंताजनक है.
कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को अगले एक माह में 20 से ज्यादा आंगनबाड़ियों का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए. कलेक्टर ने कहा कि निरीक्षण में देखा गया कि जिले में आंगनबाड़ी की सबसे ज्यादा जरूरत है, क्योंकि गांव के भी महिलाएं काम पर जाती हैं और बच्चों को आंगनबाड़ी में रखना पड़ता है. लेकिन जो बच्चे आंगनबाड़ी में आते हैं, उनका भी सही रिकॉर्ड नहीं है. जबकि जो नहीं आते है, उनका नाम है.
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जिला कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश भी दिए. इस दौरान कलेक्टर ने बालिकाओं के स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर भी सीएमएचओ डॉ. महेंद्र परमार को निर्देश दिए.