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होमगार्ड साहब 8वीं क्लास की फर्जी मार्कशीट लगाकर 21 साल तक नौकरी कर लिए, अब पकड़े गए

डूंगरपुर में एक होमगार्ड पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने का मामला सामने आया है. इसके बाद होमगार्ड कमांडेंट ने फर्जी होमगार्ड के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया है, वहीं पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

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डूंगरपुर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने का मामला
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Published : Dec 5, 2019, 10:16 AM IST

डूंगरपुर. जिला गृह रक्षा प्रशिक्षण केंद्र में कार्यरत एक होमगार्ड की 21 साल की नौकरी के बाद फर्जी दस्तावेजों का खुलासा हुआ है. मामला सामने आने के बाद होमगार्ड कमांडेंट ने फर्जी होमगार्ड के खिलाफ सदर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया है. इस पर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

डूंगरपुर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने का मामला

सदर थाना पुलिस के अनुसार गृह रक्षा प्रशिक्षण केंद्र डूंगरपुर के कमांडेंट चंद्रभान बुनकर ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है. इसमें बताया है कि साल 1998 में डूंगरपुर होमगार्ड में भर्ती हुई थी, जिसमें अमृतलाल को स्थाई होमगार्ड के रूप में भर्ती किया गया था. भर्ती के समय अमृतलाल की ओर से जो दस्तावेज चयन कमेटी के सामने पेश किए गए थे. उनके फर्जी होने की शिकायत कई सालों बाद मिली, जिस पर मामले की जांच में दस्तावेज फर्जी होने का खुलासा हुआ.

मामले के अनुसार अमृतलाल ने होमगार्ड भर्ती के लिए 8वीं कक्षा की अंकतालिका और टीसी प्रस्तुत की थी. जो राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नंबर 3 मालपुरा की थी. दस्तावेज में प्रवेश नंबर 345 दर्शाया था, लेकिन जांच में उस रिकॉर्ड पर अमृतलाल का नाम ही नहीं था.

पढ़ेंः जयपुरः रेलवे स्टेशन पर महिला सुरक्षा को लेकर चलाया गया जागरुकता अभियान, 182 हेल्पलाइन नंबर की दी गई जानकारी

21 सालों तक की नौकरी...

मार्कशीट के अनुसार साल 1983-84 में स्कूल के 8वीं कक्षा की परीक्षा में अमृतलाल का नाम ही नहीं था. इस तरह अमृतलाल ने फर्जी मार्कशीट के जरिए ही साल 1998 में होमगार्ड की नौकरी हासिल कर ली. इसके बाद 21 सालों तक वह नौकरी करता रहा. अमृतलाल के दस्तावेजों में फर्जीवाडे का खुलासा होने पर होमगार्ड कार्यालय के भी होश उड़ गए. इसके बाद होमगार्ड कमांडेंट की ओर से सदर थाने में फर्जी दस्तावेजों से नौकरी का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी गई है. मामले में सदर थाना अधिकारी कैलाश सोनी ने बताया कि मामले में पहले दस्तावेजों की जांच के बाद आगे गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी.

डूंगरपुर. जिला गृह रक्षा प्रशिक्षण केंद्र में कार्यरत एक होमगार्ड की 21 साल की नौकरी के बाद फर्जी दस्तावेजों का खुलासा हुआ है. मामला सामने आने के बाद होमगार्ड कमांडेंट ने फर्जी होमगार्ड के खिलाफ सदर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया है. इस पर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

डूंगरपुर में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने का मामला

सदर थाना पुलिस के अनुसार गृह रक्षा प्रशिक्षण केंद्र डूंगरपुर के कमांडेंट चंद्रभान बुनकर ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है. इसमें बताया है कि साल 1998 में डूंगरपुर होमगार्ड में भर्ती हुई थी, जिसमें अमृतलाल को स्थाई होमगार्ड के रूप में भर्ती किया गया था. भर्ती के समय अमृतलाल की ओर से जो दस्तावेज चयन कमेटी के सामने पेश किए गए थे. उनके फर्जी होने की शिकायत कई सालों बाद मिली, जिस पर मामले की जांच में दस्तावेज फर्जी होने का खुलासा हुआ.

मामले के अनुसार अमृतलाल ने होमगार्ड भर्ती के लिए 8वीं कक्षा की अंकतालिका और टीसी प्रस्तुत की थी. जो राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नंबर 3 मालपुरा की थी. दस्तावेज में प्रवेश नंबर 345 दर्शाया था, लेकिन जांच में उस रिकॉर्ड पर अमृतलाल का नाम ही नहीं था.

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21 सालों तक की नौकरी...

मार्कशीट के अनुसार साल 1983-84 में स्कूल के 8वीं कक्षा की परीक्षा में अमृतलाल का नाम ही नहीं था. इस तरह अमृतलाल ने फर्जी मार्कशीट के जरिए ही साल 1998 में होमगार्ड की नौकरी हासिल कर ली. इसके बाद 21 सालों तक वह नौकरी करता रहा. अमृतलाल के दस्तावेजों में फर्जीवाडे का खुलासा होने पर होमगार्ड कार्यालय के भी होश उड़ गए. इसके बाद होमगार्ड कमांडेंट की ओर से सदर थाने में फर्जी दस्तावेजों से नौकरी का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी गई है. मामले में सदर थाना अधिकारी कैलाश सोनी ने बताया कि मामले में पहले दस्तावेजों की जांच के बाद आगे गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी.

Intro:डूंगरपुर। डूंगरपुर गृह रक्षा प्रशिक्षण केंद्र में कार्यरत एक होमगार्ड की 21 साल की नोकरी के बाद फर्जी दस्तावेजो का खुलासा हुआ है। मामला सामने आने के बाद होमगार्ड कमांडेंट ने फर्जी होमगार्ड के खिलाफ सदर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया है, जिस पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।


Body:सदर थाना पुलिस के अनुसार गृह रक्षा प्रशिक्षण केंद्र डूंगरपुर के कमांडेंट चंद्रभान बुनकर ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। इसमे बताया है की वर्ष 1998 में डूंगरपुर होमगार्ड में भर्ती हुई थी, जिसमें अमृतलाल को स्थाई होमगार्ड के रूप में भर्ती किया गया था। भर्ती के समय अमृतलाल की ओर से जो दस्तावेज चयन कमेटी के सामने पेश किए गए थे उनके फर्जी होने की शिकायत कई सालों बाद मिली, जिस पर मामले की जांच में दस्तावेज फर्जी होने का खुलासा हुआ।
मामले के अनुसार अमृतलाल ने होमगार्ड भर्ती के लिए 8वीं कक्षा की अंकतालिका और टीसी प्रस्तुत की थी, जो राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नंबर 3 मालपुरा की थी। दस्तावेज में प्रवेश नंबर 345 दर्शाया था, लेकिन जांच में उस रिकॉर्ड पर अमृतलाल का नाम ही नही था। मार्कशीट के अनुसार सत्र 1983-84 में स्कूल के 8वी कक्षा की परीक्षा में अमृतलाल का नाम ही नही था। इस तरह अमृतलाल ने फर्जी मार्कशीट के जरिये ही वर्ष 1998 में होमगार्ड की नोकरी हासिल कर ली। इसके बाद 21 सालों तक वह नोकरी करता रहा
अमृतलाल के दस्तावेजो में फर्जीवाडे का खुलासा होने पर होमगार्ड कार्यालय के भी होश उड़ गए। इसके बाद होमगार्ड कमांडेंट की ओर से सदर थाने में फर्जी दस्तावेजों से नोकरी का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। मामले में सदर थाना अधिकारी कैलाश सोनी ने बताया कि मामले में पहले दस्तावेजो की जांच के बाद आगे गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।

बाईट- कैलाश सोनी, थानाधिकारी सदर।


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