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BTP Notice to MLAs: राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ देने वाले विधायकों को बीटीपी का नोटिस - Velaram Ghoghra On Kankra Dungri Case

राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस की बाड़ेबंदी में जाने वाले बीटीपी के दोनों ही विधायकों को अब नोटिस (BTP Slaps Notice) जारी किए गए हैं. दोनों विधायकों को 15 दिन में नोटिस का जवाब देने के लिए समय दिया गया है. इसके बाद ही दोनों विधायकों के खिलाफ पार्टी गाइड लाइन तोड़ने पर कार्रवाई होगी.

BTP Notice to MLAs:
बीटीपी ने अपने विधायकों को दिया नोटिस
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Published : Jul 13, 2022, 11:50 AM IST

Updated : Jul 13, 2022, 12:40 PM IST

डूंगरपुर. बीटीपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ वेलाराम घोघरा ने व्हिप की बात कही. कहा की राज्यसभा चुनावों में पार्टी की ओर से व्हिप जारी किया गया था. जिसमें दोनों ही विधायक सागवाड़ा से रामप्रसाद डिंडोर और चौरासी से विधायक राजकुमार रोत को किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन नहीं करने के लिए कहा गया था. इसके साथ ही सरकार के सामने कांकरी डूंगरी केस वापस लेने का प्रस्ताव रखा था. सरकार ने केस तो वापस नही लिए लेकिन दोनों ही विधायक बिना किसी सूचना के कांग्रेस की बाड़ेबंदी में जाकर बैठ गए (Congress Barricading at Udaipur).

कांकरी डूंगरी केस की बात: घोघरा ने उनकी वोटिंग को धोखा करार दिया. कहा कि सरकार से कांकरी डूंगरी केस भी वापस नही करवा सके और यहां के आदिवासी युवाओं के साथ धोखा किया. डॉ वेलाराम घोघरा ने दोनों ही विधायकों पर सरकार से आर्थिक लाभ लेकर समर्थन करने के भी आरोप लगाए और कहा की इसी वजह से दोनों हो विधायक कांकरी डूंगरी (Velaram Ghoghra On Kankra Dungri Case) और यहां की मांगों को लेकर चुप हैं.

15 दिन में जवाब दें विधायक: प्रदेशाध्यक्ष डॉ वेलाराम ने कहा की विधायकों की ओर से बिना सूचना के बाड़ेबंदी में जाने ओर कांग्रेस को समर्थन करने को गलत मानते हुए नोटिस जारी किए हैं. दोनों विधायकों को 15 दिन का वक्त दिया गया है. इस दौरान दोनों को अपना जवाब पेश करना होगा. इसके बाद दोनों विधायकों के खिलाफ पार्टी कमेटी की मीटिंग में निर्णय लेकर कार्रवाई की जाएगी.

बीटीपी ने अपने विधायकों को दिया नोटिस

ये भी पढ़ें-Rajasthan Rajyasabha Election: काकरा डूंगरी मामले में मुकदमे वापस होने पर ही कांग्रेस का समर्थन करेगी बीटीपी- वेलाराम घोघरा

यह है काकरा डूंगरी प्रकरण- डूंगरपुर जिले में सितंबर 2020 में रीट भर्ती 2018 में प्रथम लेवल की सामान्य वर्ग की रिक्त 1167 पदों पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को नियुक्ति देने की मांग को लेकर नेशनल हाईवे जाम किया गया था. इस प्रदर्शन में हाईवे के पास काकरा डूंगरी पर हजारों अभ्यर्थियों ने एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और इस दौरान लाठीचार्ज व अन्य सख्ती कर प्रदर्शनकारियों को हटाना पड़ा था. इस दौरान हजारों आंदोलनकारियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. इन्हीं मुकदमों को वापस लेने के लिए अब भारतीय ट्राइबल पार्टी प्रदेश की गहलोत सरकार पर दबाव बना रही है.

डूंगरपुर. बीटीपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ वेलाराम घोघरा ने व्हिप की बात कही. कहा की राज्यसभा चुनावों में पार्टी की ओर से व्हिप जारी किया गया था. जिसमें दोनों ही विधायक सागवाड़ा से रामप्रसाद डिंडोर और चौरासी से विधायक राजकुमार रोत को किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन नहीं करने के लिए कहा गया था. इसके साथ ही सरकार के सामने कांकरी डूंगरी केस वापस लेने का प्रस्ताव रखा था. सरकार ने केस तो वापस नही लिए लेकिन दोनों ही विधायक बिना किसी सूचना के कांग्रेस की बाड़ेबंदी में जाकर बैठ गए (Congress Barricading at Udaipur).

कांकरी डूंगरी केस की बात: घोघरा ने उनकी वोटिंग को धोखा करार दिया. कहा कि सरकार से कांकरी डूंगरी केस भी वापस नही करवा सके और यहां के आदिवासी युवाओं के साथ धोखा किया. डॉ वेलाराम घोघरा ने दोनों ही विधायकों पर सरकार से आर्थिक लाभ लेकर समर्थन करने के भी आरोप लगाए और कहा की इसी वजह से दोनों हो विधायक कांकरी डूंगरी (Velaram Ghoghra On Kankra Dungri Case) और यहां की मांगों को लेकर चुप हैं.

15 दिन में जवाब दें विधायक: प्रदेशाध्यक्ष डॉ वेलाराम ने कहा की विधायकों की ओर से बिना सूचना के बाड़ेबंदी में जाने ओर कांग्रेस को समर्थन करने को गलत मानते हुए नोटिस जारी किए हैं. दोनों विधायकों को 15 दिन का वक्त दिया गया है. इस दौरान दोनों को अपना जवाब पेश करना होगा. इसके बाद दोनों विधायकों के खिलाफ पार्टी कमेटी की मीटिंग में निर्णय लेकर कार्रवाई की जाएगी.

बीटीपी ने अपने विधायकों को दिया नोटिस

ये भी पढ़ें-Rajasthan Rajyasabha Election: काकरा डूंगरी मामले में मुकदमे वापस होने पर ही कांग्रेस का समर्थन करेगी बीटीपी- वेलाराम घोघरा

यह है काकरा डूंगरी प्रकरण- डूंगरपुर जिले में सितंबर 2020 में रीट भर्ती 2018 में प्रथम लेवल की सामान्य वर्ग की रिक्त 1167 पदों पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को नियुक्ति देने की मांग को लेकर नेशनल हाईवे जाम किया गया था. इस प्रदर्शन में हाईवे के पास काकरा डूंगरी पर हजारों अभ्यर्थियों ने एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और इस दौरान लाठीचार्ज व अन्य सख्ती कर प्रदर्शनकारियों को हटाना पड़ा था. इस दौरान हजारों आंदोलनकारियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. इन्हीं मुकदमों को वापस लेने के लिए अब भारतीय ट्राइबल पार्टी प्रदेश की गहलोत सरकार पर दबाव बना रही है.

Last Updated : Jul 13, 2022, 12:40 PM IST
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