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बीटीपी ने किया गहलोत सरकार से समर्थन वापसी का एलान...

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Published : Dec 23, 2020, 4:13 PM IST

भारतीय ट्राइबल पार्टी ने आधिकारिक तौर पर राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने का एलान कर दिया है. बीटीपी के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने कहा है कि पार्टी स्तर पर समर्थन वापसी का निर्णय हो चुका है और आज शाम तक राज्यपाल व विधानसभा अध्यक्ष तक लिखित में समर्थन वापसी का पत्र भेज दिया जाएगा.

BTP Congress controversy, Tribal Party of India
बीटीपी का राज्य सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान

डूंगरपुर. जिला प्रमुख चुनावों के बाद से बीटीपी के दोनों विधायकों के समर्थन वापसी के बयानों के बाद बुधवार को बीटीपी ने आधिकारिक तौर पर राज्य सरकार से समर्थन वापसी का एलान कर दिया है. हालांकि, बीटीपी के इस एलान के बाद सरकार पर इसका कोई असर नही पड़ने वाला है, लेकिन राजनीतिक हलकों में एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है.

बीटीपी का राज्य सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान

भारतीय ट्राइबल पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. वेलाराम घोघरा ने कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रमुख चुनावों में जिस तरह से कांग्रेस और भाजपा ने मिलकर बीटीपी को हराने के काम किया है. इसके बाद दोनों ही पार्टियों की मिलीभगत उजागर हो गई है. कांग्रेस की इस हरकत के बाद बीटीपी के दोनों विधायकों का कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लिया जा रहा है. घोघरा ने कहा कि पार्टी स्तर पर समर्थन वापसी का निर्णय हो चुका है और आज शाम तक ही राज्यपाल व विधानसभा अध्यक्ष तक लिखित में समर्थन वापसी का पत्र भेज दिया जाएगा.

पढ़ें- सतीश पूनिया ने सरकार को घेरा, कहा- कर्ज माफी का दावा करने वाले किसानों को मानते हैं डिफॉल्टर

डॉ. वेलाराम घोघरा ने कहा कि बीटीपी ने कांग्रेस सरकार के साथ पांचवीं अनुसूची को लागू करने सहित 17 सूत्री मांगों को लेकर समर्थन किया था, लेकिन सरकार उनकी एक भी मांग को अब तक पूरा नहीं कर पाई है. इसलिए सरकार को समर्थन देने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने भाजपा व कांग्रेस पर आरोप लगाए कि अब तक दोनों पार्टियां बीटीपी पर जातिगत और बंटवारे की राजनीति के आरोप लगा रही थीं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के नेता ही आपस मे लड़ रहे हैं और भाजपा भी आरोप लगा रही है. इसके बाद दोनों पार्टियों की मिलीभगत की पोल खुल गई है.

डूंगरपुर. जिला प्रमुख चुनावों के बाद से बीटीपी के दोनों विधायकों के समर्थन वापसी के बयानों के बाद बुधवार को बीटीपी ने आधिकारिक तौर पर राज्य सरकार से समर्थन वापसी का एलान कर दिया है. हालांकि, बीटीपी के इस एलान के बाद सरकार पर इसका कोई असर नही पड़ने वाला है, लेकिन राजनीतिक हलकों में एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है.

बीटीपी का राज्य सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान

भारतीय ट्राइबल पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. वेलाराम घोघरा ने कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रमुख चुनावों में जिस तरह से कांग्रेस और भाजपा ने मिलकर बीटीपी को हराने के काम किया है. इसके बाद दोनों ही पार्टियों की मिलीभगत उजागर हो गई है. कांग्रेस की इस हरकत के बाद बीटीपी के दोनों विधायकों का कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लिया जा रहा है. घोघरा ने कहा कि पार्टी स्तर पर समर्थन वापसी का निर्णय हो चुका है और आज शाम तक ही राज्यपाल व विधानसभा अध्यक्ष तक लिखित में समर्थन वापसी का पत्र भेज दिया जाएगा.

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डॉ. वेलाराम घोघरा ने कहा कि बीटीपी ने कांग्रेस सरकार के साथ पांचवीं अनुसूची को लागू करने सहित 17 सूत्री मांगों को लेकर समर्थन किया था, लेकिन सरकार उनकी एक भी मांग को अब तक पूरा नहीं कर पाई है. इसलिए सरकार को समर्थन देने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने भाजपा व कांग्रेस पर आरोप लगाए कि अब तक दोनों पार्टियां बीटीपी पर जातिगत और बंटवारे की राजनीति के आरोप लगा रही थीं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के नेता ही आपस मे लड़ रहे हैं और भाजपा भी आरोप लगा रही है. इसके बाद दोनों पार्टियों की मिलीभगत की पोल खुल गई है.

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