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डूंगरपुर जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस के कई दिग्गज हारे, कोई पूर्व जिला प्रमुख तो कोई प्रधान रह चुका - panchayati raj election results dungarpur

डूंगरपुर में पंचायती राज चुनाव के परिणाम में इस बार कांग्रेस के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस के पूर्व जिला प्रमुख से लेकर विधायक के उम्मीदवार हो या चार बार के लगातार प्रधान हो, इस बार के चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा.

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डूंगरपुर जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस के कई बड़े प्रत्याशी हारे
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Published : Dec 9, 2020, 12:23 PM IST

डूंगरपुर. जिले में पंचायती राज चुनाव का परिणाम मंगलवार को घोषित कर दिया गया है. जिसमें इस बार कांग्रेस के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस के पूर्व जिला प्रमुख से लेकर विधायक के उम्मीदवार हो या चार बार के लगातार प्रधान हो, इस बार के चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा. बता दें कि डूंगरपुर जिला परिषद में 2015 से पहले 13 बार कांग्रेस अपना जिला प्रमुख बना चुकी है.

डूंगरपुर जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस के कई बड़े प्रत्याशी हारे

इस बार भी कांग्रेस ने जिला परिषद में जीत के लिए कई दिग्गजों को मैदान में उतारा था, जो कि कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार हैं. वहीं, यह बड़े नाम जीत दर्ज नहीं कर पाए और कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के इन दिग्गज नेताओं में सबसे बड़ा नाम और जिला प्रमुख की प्रत्याशी मानी जा रही रतनदेवी भराड़ा थी. रतनदेवी बिछीवाड़ा के चुंडावाड़ा सीट से चुनावी मैदान में थी. वे लगातार पिछला चुनाव इसी सीट से जीतती आई हैं और पूर्व में कांग्रेस से एक बार जिला प्रमुख भी रह चुकी हैं, लेकिन वे खुद यह चुनाव हार गई हैं.

उन्हें पहली बार मैदान में उतरी बीटीपी की कृपा मेनात ने 327 वोट से हराया है. इसके अलावा दूसरे बडा नाम है महेंद्र बरजोड का है, जो चिखली पंचायत समिति में प्रधान थे और इससे पहले विधायक के उम्मीदवार भी रह चुके हैं. इस बार बरजोड को भी हार का सामना करना पड़ा है. बरजोड यहां 5 हजार 945 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे. जबकि बीटीपी के अनिल को 9 हजार 075 और बीजेपी के राजेश को 7 हजार 835 वोट मिले हैं.

पढ़ें: बाड़मेर जिला परिषद में बीजेपी-कांग्रेस को मिली बराबर सीट, एक सीट जीतने वाली RLP निर्णायक भूमिका में!

इसी तरह कांग्रेस की ही महिला नेता मंजुला रोत को भी हार का सामना करना पड़ा. मंजुला 4 बार की प्रधान हैं और विधायक की उम्मीदवार भी रह चुकी हैं. इस बार भी वह जिला प्रमुख की दावेदार मानी जा रही थी, मंजुला को 3 हजार 197 वोट से शिकस्त झेलनी पड़ी है. बता दें कि यहां से बीटीपी के रामदेव 9 हजार 731 वोट के साथ विजयी हुए हैं. इसके अलावा कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व जिला प्रमुख प्रियकांत पंड्या भी चुनाव हार गए हैं. प्रियकांत 5 हजार 810 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे. जबकि बीटीपी के मोहम्मद सलीम ने 8 हजार 208 वोट के साथ जीत हासिल की है.

डूंगरपुर. जिले में पंचायती राज चुनाव का परिणाम मंगलवार को घोषित कर दिया गया है. जिसमें इस बार कांग्रेस के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस के पूर्व जिला प्रमुख से लेकर विधायक के उम्मीदवार हो या चार बार के लगातार प्रधान हो, इस बार के चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा. बता दें कि डूंगरपुर जिला परिषद में 2015 से पहले 13 बार कांग्रेस अपना जिला प्रमुख बना चुकी है.

डूंगरपुर जिला परिषद चुनाव में कांग्रेस के कई बड़े प्रत्याशी हारे

इस बार भी कांग्रेस ने जिला परिषद में जीत के लिए कई दिग्गजों को मैदान में उतारा था, जो कि कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार हैं. वहीं, यह बड़े नाम जीत दर्ज नहीं कर पाए और कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के इन दिग्गज नेताओं में सबसे बड़ा नाम और जिला प्रमुख की प्रत्याशी मानी जा रही रतनदेवी भराड़ा थी. रतनदेवी बिछीवाड़ा के चुंडावाड़ा सीट से चुनावी मैदान में थी. वे लगातार पिछला चुनाव इसी सीट से जीतती आई हैं और पूर्व में कांग्रेस से एक बार जिला प्रमुख भी रह चुकी हैं, लेकिन वे खुद यह चुनाव हार गई हैं.

उन्हें पहली बार मैदान में उतरी बीटीपी की कृपा मेनात ने 327 वोट से हराया है. इसके अलावा दूसरे बडा नाम है महेंद्र बरजोड का है, जो चिखली पंचायत समिति में प्रधान थे और इससे पहले विधायक के उम्मीदवार भी रह चुके हैं. इस बार बरजोड को भी हार का सामना करना पड़ा है. बरजोड यहां 5 हजार 945 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे. जबकि बीटीपी के अनिल को 9 हजार 075 और बीजेपी के राजेश को 7 हजार 835 वोट मिले हैं.

पढ़ें: बाड़मेर जिला परिषद में बीजेपी-कांग्रेस को मिली बराबर सीट, एक सीट जीतने वाली RLP निर्णायक भूमिका में!

इसी तरह कांग्रेस की ही महिला नेता मंजुला रोत को भी हार का सामना करना पड़ा. मंजुला 4 बार की प्रधान हैं और विधायक की उम्मीदवार भी रह चुकी हैं. इस बार भी वह जिला प्रमुख की दावेदार मानी जा रही थी, मंजुला को 3 हजार 197 वोट से शिकस्त झेलनी पड़ी है. बता दें कि यहां से बीटीपी के रामदेव 9 हजार 731 वोट के साथ विजयी हुए हैं. इसके अलावा कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व जिला प्रमुख प्रियकांत पंड्या भी चुनाव हार गए हैं. प्रियकांत 5 हजार 810 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे. जबकि बीटीपी के मोहम्मद सलीम ने 8 हजार 208 वोट के साथ जीत हासिल की है.

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